हनुमानगढ़. बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवक साम दाम दंड भेद हर तरीके से नौकरी पाने का प्रयास करते हैं. इसी बात का फायदा कुछ शातिर लोग उठाते है. इसी के चलते जो जमा पूंजी होती है वो भी युवक लुटा बैठते हैं. ऐसा ही एक ठगी का मामला भिरानी थाना क्षेत्र में सामने आया है. जहां तीन लोगों ने दो युवकों से रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर साढ़े 10 लाख रुपए की ठगी की और गायब हो गए. हलांकि भिरानी पुलिस की सतर्कता से तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.
अनुसंधान अधिकारी साहब सिंह ने बताया कि भानगढ़ निवासी राजेश शर्मा ने 1 जनवरी 2020 को मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें उसने बताया था कि कुछ लोगों ने उसके और उसके दोस्त सचिन के साथ रेलवे में नौकरी लगवाने की एवज में साढ़े 10 लाख रुपए हड़प लिए और ना नौकरी लगवाई और ना ही रुपए वापस किए, जिस पर तीन आरोपियों रणधीर, तुषार और अनिल मूंड को गिरफ्तार किया गया है. जो दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में ठगी का रैकेट चलाते है. इनसे कई बेरोजगार युवकों के दस्तावेज, एक तुषार नाम की जनरल मैनेजर की नेम प्लेट और 50 हजार रुपए नगद बरामद कर तीनों पर 420 और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों को तीन दिन की रिमांड लिया गया है.
पुलिस अधिकारी का कहना है कि तीनों से बाकी रकम बरामद करने और ये जानने का प्रयास किया जा रहा है कि इनके तार कहा-कहा और किस-किस से जुड़े हैं और इन्होंने और कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है.
ऐसे बनाया ठगी का शिकार
गांव भानगढ़ निवासी युवक राजेश ने 2 लोगों के खिलाफ रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर साढ़े दस लाख रुपए हड़पने को लेकर इस्तगासा भिरानी पुलिस थाना में दर्ज करवाया था. युवक का कहना है कि जब वो चिड़ावा में कोचिंग करता था, उस दौरान उसका परिचय रणधीर पुत्र बजरंगलाल शर्मा निवासी राजीवनगर झुंझुनूं और अनिल पुत्र जुगल किशोर जाट निवासी खीमसर जिला झुंझुनूं से है.
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उन्होंने बताया कि वे रेलवे में काम करते हैं और उसको भी रुपए देने पर रेलवे में लगा सकते हैं. इस पर वह घरवालों से बात करने की कहकर गांव आ गया. पीछे से दोनों आरोपी रणधीर और अनिल उसके गांव आ गए. जिसके बाद आरोपियों ने उससे और उसके साथी सचिन को नौकरी लगाने के नाम पर 10 लाख रुपए की मांग की. जिस पर उसने पहले साढ़े तीन लाख रुपए और बाद में 3 लाख रुपए और बाद में धीरे-धीरे कर साढ़े दस लाख रुपए दे दिए. आरोपियों ने उसे फर्जी कूटरचित ज्वाइनिंग लेटर और आईडी बनाकर दी, जिसके आधार पर पीड़ित राजेश और सचिन संबंधित कार्यालय में गए तो पता चला की ज्वाइनिंग लेटर और आईडी फर्जी है.