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राजस्थान में यहां कैदियों का तनाव कम करने के लिए अनोखी पहल - जेल में संगीत कार्यक्रम

हनुमानगढ़ जेल में बंद कैदियों का तनाव कम करने के लिए संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

जेल में संगीत से मनोरंजन
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Published : Mar 25, 2019, 9:08 AM IST

हनुमानगढ़. अपराध करने के बाद जेल में बंद कैदी अक्सर मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं. इसी तनाव को दूर करने के उद्देश्य से जिला कारागृह में एक पहल की गई. जिसके तहत कैदियों के मनोरंजन के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित रखा गया. वहीं इस कार्यक्रम को लेकर जेल अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रमों से जो जेल में बंद कैदी है. उनका मानसिक तनाव दूर होता है. वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक उद्देश्य भी बना लेते हैं. साथ ही अपना आचरण सही कर पाते हैं.

जेल में संगीत से मनोरंजन

इसी के चलते होली के 2 दिन बाद जेल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां पर नाट्य संगीत संस्थान की ओर से महफिल सजाई गई. कैदियों को एहसास करवाया की जो वे दुनिया बाहर छोड़ आए हैं उन्हें वो यहां भी मिल सकती है, लेकिन उसके लिए उन्हें अपना आचरण सुधारना होगा, अपनी सोच बदलनी होगी. इस संगीत कार्यक्रम में जिला प्रशासन सहित न्याय विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. उन्होंने कैदियों को एक संदेश दिया कि जो भी सजा काट रहे हैं उसे काटने के बाद समाज को आगे ले जाने का काम करें ने क्या कोई अपराध करें, क्योंकि इंसान कई बार आवेश में भी अपराध कर बैठता है. इसके लिए जरूरी है कि उसका मानसिक संतुलन सही हो और ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित तौर पर उनका मानसिक तनाव दूर होगा.

अगर बात करें इस कार्यक्रम की तो जेल में इस तरह का कार्यक्रम निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल है. जिला जेल प्रशासन ने कुछ हद तक उनके तनाव को कम कराने का एहसास कराया है. साथ ही मनोरंजन भी किया. ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी है जो जेल में बंद मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं.

हनुमानगढ़. अपराध करने के बाद जेल में बंद कैदी अक्सर मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं. इसी तनाव को दूर करने के उद्देश्य से जिला कारागृह में एक पहल की गई. जिसके तहत कैदियों के मनोरंजन के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित रखा गया. वहीं इस कार्यक्रम को लेकर जेल अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रमों से जो जेल में बंद कैदी है. उनका मानसिक तनाव दूर होता है. वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक उद्देश्य भी बना लेते हैं. साथ ही अपना आचरण सही कर पाते हैं.

जेल में संगीत से मनोरंजन

इसी के चलते होली के 2 दिन बाद जेल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां पर नाट्य संगीत संस्थान की ओर से महफिल सजाई गई. कैदियों को एहसास करवाया की जो वे दुनिया बाहर छोड़ आए हैं उन्हें वो यहां भी मिल सकती है, लेकिन उसके लिए उन्हें अपना आचरण सुधारना होगा, अपनी सोच बदलनी होगी. इस संगीत कार्यक्रम में जिला प्रशासन सहित न्याय विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. उन्होंने कैदियों को एक संदेश दिया कि जो भी सजा काट रहे हैं उसे काटने के बाद समाज को आगे ले जाने का काम करें ने क्या कोई अपराध करें, क्योंकि इंसान कई बार आवेश में भी अपराध कर बैठता है. इसके लिए जरूरी है कि उसका मानसिक संतुलन सही हो और ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित तौर पर उनका मानसिक तनाव दूर होगा.

अगर बात करें इस कार्यक्रम की तो जेल में इस तरह का कार्यक्रम निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल है. जिला जेल प्रशासन ने कुछ हद तक उनके तनाव को कम कराने का एहसास कराया है. साथ ही मनोरंजन भी किया. ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी है जो जेल में बंद मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं.

Intro:अपराध करने के बाद जेल में बंद कैदी अक्सर मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं इसी तनाव को दूर करने के उद्देश्य से जिला कारागृह में एक पहल की गई और कैदियों के मनोरंजन के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया


Body:जेल अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रमों से जो जेल में बंद कैदी है उनका मानसिक तनाव दूर होता है और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक उद्देश्य भी बना लेते हैं वह अपना आचरण सही कर पाते हैं इसी के चलते होली के 2 दिन बाद जेल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां पर नाट्य संगीत संस्थान द्वारा शुरू की महफिल सजाई गई कैदियों को एहसास करवाया की जो वे दुनिया बाहर छोड़ आए हैं वह उन्हें यहां भी मिल सकती है लेकिन उसके लिए उन्हें अपना आचरण सुधारना होगा अपनी सोच बदलनी होगी इस संगीत कार्यक्रम में जिला प्रशासन सहित न्याय विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे उन्होंने कैदियों को एक संदेश दिया कि जो भी सजा काट रहे हैं उसे काटने के बाद समाज को आगे ले जाने का काम करें ने क्या कोई अपराध करें क्योंकि इंसान कई बार आवेश में भी अपराध कर बैठता है इसके लिए जरूरी है कि उसका मानसिक संतुलन सही हो और ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित तौर पर उनका मानसिक तनाव दूर होगा


Conclusion:जेल में इस तरह का कार्यक्रम निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल है त्यौहार के दिन कैदियों को बीजे एहसास हुआ कि वह भी आज दफन परिवार के साथ त्यौहार मना रहे होते अगर वे जेल में ना होते लेकिन जिला जेल प्रशासन ने कुछ हद तक उनका यह एहसास कम किया है और उनका मनोरंजन भी किया उनका मानसिक तनाव भी दूर हुआ ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी है तो जेल में बंद मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरते हैं
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