डूंगरपुर. गर्मी का दौर शुरू होते ही हर साल गांवों में पेयजल संकट शुरू हो जाता है. सरकार से लेकर प्रशासन पेयजल समस्या को दूर करने के लिए तैयारियों में जुट जाते हैं. लेकिन इस बार सरकार और प्रशासन कोरोना की महामारी में ऐसे उलझे है कि उन्हें भीषण गर्मी के इस दौर में पानी की समस्या दिखाई नहीं दे रही.
हालांकि प्रशासन का दावा है कि इस बार पेयजल स्त्रोत भरे हुए हैं. जिस कारण पेयजल की कोई समस्या नहीं है. लेकिन, डूंगरपूर जिले की आधी से ज्यादा आबादी आज भी पेयजल योजनाओं से महरूम है. हेंडपम्प पर निर्भर है. लेकिन सैकड़ों हैंडपम्प खराब या सूखे चुके हैं. भीषण गर्मी के कारण भूजल गहराता जा रहा है जिससे अब हैंडपम्प पानी की जगह हवा फेंकते है और नहीं आता. जिस कारण लोग रोजमर्रा के पीने के पानी से जूझ रहै है.
गर्मी के साथ ही 30 लाख लीटर पानी की डिमांड बढ़ी
डूंगरपुर जिले में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी (जलदाय) विभाग की ओर से डूंगरपुर शहर के साथ ही सागवाड़ा नगर और बड़े कस्बों व गांवो में पेयजल योजनाएं संचालित हैं. जिले की 13 लाख की आबादी को सामान्य दिनों में 190 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है. जो इन जलस्त्रोत से पूरी होती है. लेकिन, गर्मी का दौर शुरू होते ही पानी की डिमांड भी बढ़ जाती है. जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार गर्मी में हर रोज 30 लाख लीटर पानी की डिमांड बढ़ी है. जिस कारण अब 220 लीटर या इससे अधिक पानी की सप्लाई की जा रही है. अधिकारियों का कहना है की जिले के जलस्त्रोत में अभी पर्याप्त पानी है. जिससे कि जून तक पानी की सप्लाई की जा सकती है और इसके बाद मानसून आ जाने से फिर से जलस्त्रोत भर जाएंगे.
डूंगरपुर शहर की 55 हजार आबादी, डिमिया और एडवर्डसमंद तालाब से 31 लाख लीटर पानी की सप्लाई
डूंगरपुर शहर की 55 हजार आबादी को शहर के प्रमुख जलस्त्रोत डिमिया और एडवर्डसमंद तालाब से ही पेयजल आपूर्ति की जाती है. शहर को हर रोज 31 लाख लीटर पानी की सप्लाई इन्ही दोनों तालाबों से होती है. इसमें से डिमिया से 14 लाख लीटर पानी और एडवर्डसमंद तालाब से 17 लाख लीटर की आपूर्ति की जाती है. जिससे पूरे शहर की हलक तर होती है. हालांकि अभी दोनों तालाबों में पानी उपलब्ध है.
61 गांवों में सवा लाख की आबादी को सोमकमला आंबा बांध से मिलता है पानी
जिले में शुद्ध पेयजल आपूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत सोमकमला आंबा बांध है. यहां से जिले के आसपुर क्षेत्र के 61 गांवो में पानी की सप्लाई की जाती है. जिससे सवा लाख की आबादी को हर रोज 60 से 65 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जाती है. इसके अलावा सागवाड़ा नगर और आसपास के गांवो में लोडेश्वर बांध और अमरपुरा बांध से पानी की सप्लाई की जाती है.
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550 से ज्यादा हैंडपम्प सूखे तो सैकड़ों खराब
गर्मी का असर शुरू होते ही जिले में 550 से ज्यादा हैंडपम्प सुख गए हैं. जिनमें गर्मी के कारण पानी गहराई में चला गया है. जिले में कुल 33 हजार 641 हैंडपम्प हैं. जिसमे से 32 हजार 836 ग्रामीण क्षेत्र और 805 शहरी क्षेत्र में हैं. ग्रामीण में 529 और शहर में 25 हैंडपम्प सुख चुके हैं. तो वहीं बड़ी संख्या में हैंडपम्प खराब भी पड़े हैं. जिन्हें ठीक करने के लिए पंचायत स्तर पर मिस्त्री लगे हुए हैं.
ट्यूबवेल, ओपनवेल और सोलर पैनल से भी जलापूर्ति
जिले के कई गांवो में जलदाय विभाग की ओर से अन्य योजनाओं से भी पानी की आपूर्ति की जाती है. जिसमें से 41 ट्यूबवेल है. ग्रामीण क्षेत्र में 31 और शहरी क्षेत्र में 10 ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई होती है. इसके अलावा 22 ओपनवेल भी है. जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में 17 और शहरी क्षेत्र डूंगरपुर, सागवाड़ा और गलियाकोट में 5 ओपनवेल से पानी की सप्लाई की जाती है. इसके अलावा 26 सोलर पनघट भी लगे हुए हैं.
20 से 25 गांवो में पड़ सकती है टैंकर से पानी सप्लाई की जरुरत. 14.62 लाख के टेंडर
जलदाय विभाग के अनुसार इस बार सीमलवाड़ा और चिखली ब्लॉक के 20 से 25 गांवो में जून माह के आखिर तक पानी की किल्लत हो सकती है. इसमें से चिखली ब्लॉक के 15 से 20 गांव है तो वहीं सीमलवाड़ा ब्लॉक में 5 से 10 गांव. इन गांवो में पेयजल संकट की स्थिति में टैंकर से पानी की सप्लाई की योजना है. इसके लिए जलदाय विभाग की ओर से 14.62 लाख के टेंडर कर दिए हैं. जलदाय विभाग जरूरत के अनुसार टैंकर से पानी सप्लाई करवाएगा.
कंटीजेंसी प्लान के तहत 49.68 लाख का बजट. जल्द बदलेगी पाइप लाइन और अन्य काम
जिले में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कंटीजेंसी प्लान को मंजूरी दी गई है. इसके लिए पाइप लाइन बदलने, पंप बदलने सहित अन्य कार्यो के लिए 49.68 लाख रुपये का बजट भी आवंटित किया गया है. इसके तहत वस्सी, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, डूंगरपुर, भिंडा, धंबोला, बनकोडा, चिखली, बोडीगामा बड़ा, अंबाडा और गलियाकोट में कई तरह के काम करवाये जाएंगे. जिससे की आने वाले समय में पेयजल की समस्या नहीं रहे.
जलदाय विभाग का दावा: जलस्त्रोत अभी भरे हुए है
गांवों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. दूरदराज के गांवो में लोगों को पीने के पानी के लिए दूर तक दौड़ लगानी पड़ रही है. तो कभी हैंडपंप पर भीड़ लग रही है. लेकिन, जलदाय विभाग का दावा है की जिले में अभी पानी की कोई समस्या नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि जिले में पिछले 1100 एमएम औसत बारिश हुई थी. जिस कारण जिले से पेयजल स्त्रोत भर गए थे. उनमें अब भी पानी भरा हुआ है. जबकि इसके पिछले साल 2018 में औसत से कम 600 एमएम ही बारिश हुई थी. जिस कारण पिछले साल पानी की समस्या आई थी. लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नहीं है.