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डूंगरपुर: साबला हरि मंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार मनाया गया वसंतोत्सव - बसंतोत्सव न्यूज

डूंगरपुर के साबला हरिमंदिर में पुरातन परंपराओं के अनुसार वसंतोत्सव पर्व मनाया गया. बेणेश्वर धाम के पीठाश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने सप्तरंगी ध्वजारोहण कर वसंतोत्सव पर्व का आगाज किया. आगमी 5 फरवरी को बेणेश्वर मेले का शुभारंभ होगा.

Vasantotsav in Dungarpur, डूंगरपुर न्यूज
साबला हरि मंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार मनाया गया वसंतोत्सव
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Published : Jan 30, 2020, 5:41 PM IST

डूंगरपुर. बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने गुरुवार को बसंत पंचमी पर माव संप्रदाय के विश्वपीठ और मावजी महाराज की जन्मस्थली साबला स्थित हरिमंदिर पर सप्तरंगी ध्वजारोहण कर वागड़ अंचल में वसंतोत्सव पर्व का आगाज किया. मावजी महाराज के जीवन से ओतप्रोत भजन-कीर्तनों से वातावरण उल्लासमय रहा. अगले छह दिनों बाद 5 फरवरी को बेणेश्वर मेले का विधिवत शुभारंभ होगा.

साबला हरि मंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार मनाया गया वसंतोत्सव

साबला हरिमंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार वसंतोत्सव पर्व मनाया गया. पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने भगवान निष्कलंक सहित मां शारदे की पूजा-अर्चना की. विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और स्वास्तिवाचन मंत्रों के बीच सैकड़ों मावभक्तों की मौजूदगी में मावजी महाराज की जय जयकारों के साथ पूजा की गई. पीठाधीश्वर ने सप्तरंगी ध्वजा पर आम्र पल्लव और मंजरी (आम के फूल) चढ़ाकर आरती उतारी.

पढ़ें- सांसारिक जीवन त्याग प्रियंका ने अपनाया संयम का मार्ग, अब से परमदर्शना श्रीजी होगा नया नाम...

माव महल पर सप्तरंगी ध्वज फहराकर वसंतोत्सव पर्व का शुभारंभ किया. ध्वजारोहण के साथ ही वसंतोत्सव पर्व का आगाज हुआ. इसके तहत रोजाना कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. वसंतोत्सव कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माव भक्त मौजूद थे.

सदियों पुरानी परपंरा का निर्वहन

महंत ने कहा कि सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा का लगातार निर्वहन किया जा रहा है. संत मावजी महाराज की वाणियों का गायन करने वाले साद भक्तों, मंदिर की हर रूप में सेवा करने वाले भक्तों को सवा रुपया और श्रीफल भेंट किया. संत मावजी के परम भक्त साद समाज के लोगों ने वासंती उल्लास के इस महापर्व पर मावजी के भजनों को गाकर माहौल को भक्ति मय बना दिया.

डूंगरपुर. बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने गुरुवार को बसंत पंचमी पर माव संप्रदाय के विश्वपीठ और मावजी महाराज की जन्मस्थली साबला स्थित हरिमंदिर पर सप्तरंगी ध्वजारोहण कर वागड़ अंचल में वसंतोत्सव पर्व का आगाज किया. मावजी महाराज के जीवन से ओतप्रोत भजन-कीर्तनों से वातावरण उल्लासमय रहा. अगले छह दिनों बाद 5 फरवरी को बेणेश्वर मेले का विधिवत शुभारंभ होगा.

साबला हरि मंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार मनाया गया वसंतोत्सव

साबला हरिमंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार वसंतोत्सव पर्व मनाया गया. पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने भगवान निष्कलंक सहित मां शारदे की पूजा-अर्चना की. विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और स्वास्तिवाचन मंत्रों के बीच सैकड़ों मावभक्तों की मौजूदगी में मावजी महाराज की जय जयकारों के साथ पूजा की गई. पीठाधीश्वर ने सप्तरंगी ध्वजा पर आम्र पल्लव और मंजरी (आम के फूल) चढ़ाकर आरती उतारी.

पढ़ें- सांसारिक जीवन त्याग प्रियंका ने अपनाया संयम का मार्ग, अब से परमदर्शना श्रीजी होगा नया नाम...

माव महल पर सप्तरंगी ध्वज फहराकर वसंतोत्सव पर्व का शुभारंभ किया. ध्वजारोहण के साथ ही वसंतोत्सव पर्व का आगाज हुआ. इसके तहत रोजाना कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. वसंतोत्सव कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माव भक्त मौजूद थे.

सदियों पुरानी परपंरा का निर्वहन

महंत ने कहा कि सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा का लगातार निर्वहन किया जा रहा है. संत मावजी महाराज की वाणियों का गायन करने वाले साद भक्तों, मंदिर की हर रूप में सेवा करने वाले भक्तों को सवा रुपया और श्रीफल भेंट किया. संत मावजी के परम भक्त साद समाज के लोगों ने वासंती उल्लास के इस महापर्व पर मावजी के भजनों को गाकर माहौल को भक्ति मय बना दिया.

Intro:डूंगरपुर। बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने गुरुवार को वासंती उल्लास-उमंग के महापर्व बसंत पंचमी पर माव संप्रदाय के विश्वपीठ एवं मावजी महाराज की जन्मस्थली साबला स्थित हरिमंदिर पर सप्तरंगी ध्वजारोहण कर वागड़ अंचल में बसंतोत्सव पर्व का आगाज किया। मावजी महाराज के जीवन से ओतप्रोत भजन-कीर्तनों से वातावरण उल्लासित रहा। अब अगले छह दिनों बाद ही 5 फरवरी को बेणेश्वर मेले का विधिवत शुभारंभ होगा।Body:साबला हरिमंदिर पर पुरातन परंपराओं के अनुसार बसंतोत्सव पर्व मनाया गया। पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने भगवान निष्कलंक सहित मां शारदे की पूजा-अर्चना की। विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों व स्वास्ति वाचन मंत्रों के बीच सैकड़ों मावभक्तों की मौजूदगी में मावजी महाराज की जय जयकारों के साथ पूजा की गई। पीठाधीश्वर ने सप्तरंगी ध्वजा पर आम्र पल्लव व मंजरी (आम के फूल) चढ़ाकर आरती उतारी। माव महल पर सप्तरंगी ध्वज फहराकर बसंतोत्सव पर्व का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण के साथ ही बसंतोत्सव पर्व का आगाज हुआ। इसके तहत रोजाना कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। बसंतोत्सव कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माव भक्त मौजूद थे।

- सदियों पुरानी परपंरा का निर्वहन
महंत ने कहा कि सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा का लगातार निर्वहन किया जा रहा है। संत मावजी महाराज की वाणियों का गायन करने वाले साद भक्तों, मंदिर की हर रूप में सेवा करने वाले भक्तों को सवा रुपया और श्रीफल भेंट किया। संत मावजी के परम भक्त साद समाज के लोगों ने वासंती उल्लास के इस महापर्व पर मावजी के भजनों को गाकर माहौल को भक्ति मय बना दिया।Conclusion:
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