डूंगरपुर. रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का पर्व है. इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर खुद की सुरक्षा का वचन लेती हैं, लेकिन डूंगरपुर में ऐसी भी दो बहने हैं जिन्होंने अपने छोटे भाई की रक्तदान कर जान बचाई है. दोनों बहनों ने दस दिन पहले अपने 8 साल के दिव्यांग चचेरे भाई की सलामती के लिए रक्तदान किया था. जिसके बाद दोनों को रक्तदान का महत्तव समझ में आया. इसके साथ ही दूसरे भाईयों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान को अहमियत दे रही हैं.
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रक्षाबंधन पर्व पर विश्व हिंदू परिषद की ओर से रक्तदान किया गया. विहिप जिलाध्यक्ष प्रकाश भट्ट, जिला प्रचारक नरेंद्रसिंह की मौजूदगी में जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 8 यूनिट रक्तदान हुआ. इस दौरान शहर की दो बहनें हिमानी अग्रवाल (24) और यश्वी अग्रवाल (23 साल) ने भी रक्तदान किया. दोनों बहनें बताती हैं कि 10 दिन पहले 11 अगस्त को उनके चचेरे भाई वंश अग्रवाल (8) का उदयपुर में ऑपरेशन हुआ था. चचेरा भाई का दिव्यांग होने के बावजूद भी सफल ऑपरेशन हुआ.
इसके बाद चचेरा भाई घर लौट आया और उसकी सलामती की दुआ के लिए बहनों ने रक्षाबंधन के दिन रक्तदान किया. हिमानी और यश्वी बताती हैं कि इसके पीछे उनका उद्देश्य रक्तदान कर दूसरे भाइयों की भी जिंदगी को बचाना है. राखी पर दोनों बहनों के इस अनूठे पहल से दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी और दूसरी बहने भी रक्तदान के लिए प्रेरित होंगी.
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चित्तौड़गढ़ में भी रक्षाबंधन के पर्व पर भाई-बहन मिलकर रक्तदान कर रहे हैं. जिले में लगातार 6 सालों से आचार्य श्री तुलसी बहुउद्देश्यीय फाउंडेशन रक्षाबंधन पर रक्तदान शिविर आयोजित करता आ रहा है.
रविवार को शहर के खरडेश्वर महादेव परिसर में रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 146 भाई-बहनों ने रक्तदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. जिसमें101 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया.