डूंगरपुर. वरदा थाना क्षेत्र के बरबोदनिया गांव के पास मोरन नदी में शनिवार को दर्दनाक हादसा हुई. कृष्ण फलोत उम्र 9 साल और सौम्य फलोत उम्र 6 साल की सुबह गांव में खेलने के लिए गए गए. दोपहर करीब 1 बजे तक दोनों घर नहीं पंहुचे तो परिजनों ने तलाश शुरू कर दी, लेकिन बच्चों का कुछ पता नहीं चल सका. शाम करीब 5 बजे परिजनों को पता चला कि कृष्ण और सौम्य मोरन नदी की ओर नहाने गए थे. इस पर परिजन मोरन नदी के किनारे पंहुचे, जहां दोनों बच्चों के कपड़ें और चप्पलें बाहर पड़ी हुई थी.
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इसके बाद परिजनों ने उनकी तलाश शुरू कर दी तो कुछ ही दूर पर नदी पेटी में बजरी खनन से बने गड्ढे में पानी में डूबने से दोनों भाइयों की मौत हो गई थी और उनके शव पानी पर तैर रहे थे. घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर एकत्रित हो गए. घटना की सूचना पर वरदा थानाधिकारी रामेंग पाटीदार मय जाब्ता मोके पर पंहुचे ओर घटना की जानकारी ली. इसके बाद दोनों के शव को सागवाड़ा अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया गया है, जहां रविवार को दोनों के पोस्टमार्टम की कार्रवाई होगी.
पिता एक महीने पहले ही पूजा-पाठ करने मुंबई गए
मृतक बच्चों के पिता हितेश फलोत मुंबई में पूजा पाठ का काम करते हैं और उनके दो बेटे ही हैं. दोनों बच्चे अपनी मां के साथ घर पर रहते थे. पिता करीब एक महीने पहले ही घर से वापस मुंबई गए थे, लेकिन शनिवार देर शाम को जैसे ही उनके पिता को बच्चों के हादसे की खबर दी गई तो मानों उनके पैरो तले जमीन खिसक गई.
बजरी खनन से बना गहरा गड्ढा
जिले में अवैध बजरी खनन धड़ल्ले से चल रहा है और शनिवार को इतना बड़ा हादसा इसी वजह से हुआ. मोरन नदी पेटे में अवैध बजरी खनन माफिया सक्रिय है, जहां दिन रात बजरी खनन हो रहा है. जेसीबी, ट्रैक्टर के जरिए बजरी खनन की सप्लाई की जा रही है. जिस कारण नदी पेटे में कई बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है और उनमें पानी भर गया है.
जिससे लोग कई बार गड्ढे की गहराई को समझ नहीं पाते और बड़ा हादसा हो जाता है, लेकिन जिले में अवैध बजरी खनन माफिया पर कोई अंकुश नहीं है. हालांकि पुलिस की ओर से अवैध बजरी खनन पर कभी कभार कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसके बाद फिर से खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं. खनन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं होने की वजह से खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं.