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डूंगरपुर में 149 गांव संवेदनशील...मलेरिया फैलने का खतरा...चिकित्सा विभाग मुस्तैद

डूंगरपुर में इस बार बारिश के सीजन में कई गांवों में मौसमी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है. खासकर मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती है, लेकिन इससे पहले ही चिकित्सा विभाग में उन गांवों में एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी है.

मलेरिया फैलने का खतरा
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Published : Jun 18, 2019, 12:42 PM IST

डूंगरपुर.चिकित्सा विभाग के अनुसार इस बार डूंगरपुर जिले के 149 गांव संवेदनशील है. जिनमें मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने की संभावना जताई जा रही है. यह गांव जिले के 73 उपस्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े हुए है, जिसमें करीब 3 लाख 20 हजार 228 की आबादी निवास करती है. विभाग के इस आंकड़े के अनुसार आधे गांवों में भी मलेरिया जैसी महामारी फैली तो गंभीर हालत पैदा हो जाएंगे.वहीं चिकित्सा विभाग ने मलेरिया ओर मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए अभी से अलर्ट मोड़ पर है, जिससे की बीमारियां फैलने से पहले ही बचाव के उपाय किये जा सके.

मलेरिया फैलने का खतरा

अभी डीडीटी छिड़काव, फिर गंबूशिया फिश डालेंगे
बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही संवेदनशील गांवो में एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है। संवेदनशील 149 गांवो में डीडीटी छिड़काव शुरू कर दिया है. जिसके तहत टीमें काम कर रही है. यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा. इसके बाद बारिश होते ही घरों में स्थित पानी की टंकियों में गंबूशिया फिश डाली जाएगी. वही जहां पानी इकट्ठा हो रहा है वहां पर ऑइल डाला जाएगा, ताकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पैदा नहीं हो सके.

साफ-सफाई रखें
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल ने बताया की बारिश के बाद घर के आसपास कई जगहों पर पानी भर जाता है. वहीं घर की छत पर रखे टूटे फूटे बर्तन, टायर ओर अन्य में भी पानी जमा हो जाता है. जिसमें पानी सड़ने के बाद मच्छर पैदा हो जाते है और फिर बीमारियां फैलती है। इसलिए लोग घर के आसपास पूरी तरह से सफाई रखें और पानी जमा नहीं होने दे.

इस तरह से माना गांवो को संवेदनशील
सीएमएचओ डॉ महेन्द्र परमार ने कहा कि जिले में 149 गांवो को संवेदनशील माना गया है. इन गांवों में पिछले 1 साल में 5 या इससे ज्यादा मलेरिया पीएफ के मरीज पाए गए है. ऐसे गांवो को विभाग स्तर पर मलेरिया सेंसेटिव की श्रेणी में रखा जाता है. विभाग यह आंकड़े केवल सरकारी लैब के स्लाइड टेस्ट से मलेरिया पीएफ आने वाले मरीजों के अनुसार ही निकलता है, लेकिन निजी लैब की रिपोर्ट को देखे जिले से हर गांव में दर्जनों लोग बारिश के मौसम में मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के शिकार होते है लेकिन चिकित्सा विभाग उन आंकड़ो को नहीं मानता है.

डूंगरपुर.चिकित्सा विभाग के अनुसार इस बार डूंगरपुर जिले के 149 गांव संवेदनशील है. जिनमें मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने की संभावना जताई जा रही है. यह गांव जिले के 73 उपस्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े हुए है, जिसमें करीब 3 लाख 20 हजार 228 की आबादी निवास करती है. विभाग के इस आंकड़े के अनुसार आधे गांवों में भी मलेरिया जैसी महामारी फैली तो गंभीर हालत पैदा हो जाएंगे.वहीं चिकित्सा विभाग ने मलेरिया ओर मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए अभी से अलर्ट मोड़ पर है, जिससे की बीमारियां फैलने से पहले ही बचाव के उपाय किये जा सके.

मलेरिया फैलने का खतरा

अभी डीडीटी छिड़काव, फिर गंबूशिया फिश डालेंगे
बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही संवेदनशील गांवो में एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है। संवेदनशील 149 गांवो में डीडीटी छिड़काव शुरू कर दिया है. जिसके तहत टीमें काम कर रही है. यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा. इसके बाद बारिश होते ही घरों में स्थित पानी की टंकियों में गंबूशिया फिश डाली जाएगी. वही जहां पानी इकट्ठा हो रहा है वहां पर ऑइल डाला जाएगा, ताकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पैदा नहीं हो सके.

साफ-सफाई रखें
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल ने बताया की बारिश के बाद घर के आसपास कई जगहों पर पानी भर जाता है. वहीं घर की छत पर रखे टूटे फूटे बर्तन, टायर ओर अन्य में भी पानी जमा हो जाता है. जिसमें पानी सड़ने के बाद मच्छर पैदा हो जाते है और फिर बीमारियां फैलती है। इसलिए लोग घर के आसपास पूरी तरह से सफाई रखें और पानी जमा नहीं होने दे.

इस तरह से माना गांवो को संवेदनशील
सीएमएचओ डॉ महेन्द्र परमार ने कहा कि जिले में 149 गांवो को संवेदनशील माना गया है. इन गांवों में पिछले 1 साल में 5 या इससे ज्यादा मलेरिया पीएफ के मरीज पाए गए है. ऐसे गांवो को विभाग स्तर पर मलेरिया सेंसेटिव की श्रेणी में रखा जाता है. विभाग यह आंकड़े केवल सरकारी लैब के स्लाइड टेस्ट से मलेरिया पीएफ आने वाले मरीजों के अनुसार ही निकलता है, लेकिन निजी लैब की रिपोर्ट को देखे जिले से हर गांव में दर्जनों लोग बारिश के मौसम में मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के शिकार होते है लेकिन चिकित्सा विभाग उन आंकड़ो को नहीं मानता है.

Intro:डूंगरपुर। जिले में इस बार बारिश के सीजन में कई गांवों में मौसमी बीमारियां फैलने का खतरा है खासकर मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती है, लेकिन इससे पहले ही चिकित्सा विभाग में उन गांवों में एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी है।


Body:चिकित्सा विभाग के अनुसार इस बार डूंगरपुर जिले के 149 गांव संवेदनशील है जिनमें मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने की संभावना जताई जा रही है। यह गांव जिले के 73 उपस्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े हुए है, जिसमे करीब 3 लाख 20 हजार 228 की आबादी निवास करती है। विभाग के इस आंकड़े के अनुसार आधे गांवों में भी मलेरिया जैसी महामारी फैली तो गंभीर हालत पैदा हो जाएंगे।वहीं चिकित्सा विभाग ने मलेरिया ओर मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए अभी से अलर्ट मोड़ पर है, जिससे की बीमारियां फैलने से पहले ही बचाव के उपाय किये जा सके।

- अभी डीडीटी छिड़काव, फिर गंबूशिया फिश डालेंगे
बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही संवेदनशील गांवो में एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है। संवेदनशील 149 गांवो में डीडीटी छिड़काव शुरू कर दिया है। जिसके तहत टीमें काम कर रही है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद बारिश होते ही घरो में स्थित पानी की टंकियों में गंबूशिया फिश डाली जाएगी। वही जहां पानी इकट्ठा हो रहा है वहां पर ऑइल डाला जाएगा, ताकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पैदा नहीं हो सके।

- साफ-सफाई रखे और पानी नही भरने दे
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल ने बताया की बारिश के बाद घर के आसपास कई जगहों पर पानी भर जाता है। वही घर की छत पर रखे टूटे फूटे बर्तन, टायर ओर अन्य में भी पानी जमा हो जाता है। जिसमे पानी सड़ने के बाद मच्छर पैदा हो जाते है और फिर बीमारियां फैलती है। इसलिए लोग घर के आसपास पूरी तरह से सफाई रखे और पानी जमा नहीं होने दे।

- इस तरह से माना गांवो को संवेदनशील
सीएमएचओ डॉ महेन्द्र परमार ने कहा कि जिले में 149 गांवो को संवेदनशील माना गया है। इन गांवों में पिछले 1 साल में 5 या इससे ज्यादा मलेरिया पीएफ के मरीज पाए गए है। ऐसे गांवो को विभाग स्तर पर मलेरिया सेंसेटिव की श्रेणी में रखा जाता है। विभाग यह आंकड़े केवल सरकारी लैब के स्लाइड टेस्ट से मलेरिया पीएफ आने वाले मरीजो के अनुसार ही निकलता है, लेकिन निजी लैब की रिपोर्ट को देखे जिले से हर गांव में दर्जनों लोग बारिश के मौसम में मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के शिकार होते है लेकिन चिकित्सा विभाग उन आंकड़ो को नहीं मानता है।

बाईट- डॉ महेंद्र परमार, सीएमएचओ डूंगरपुर।



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