डूंगरपुर. नाबालिग कॉलेज छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश एमआर सुथार ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए गुरुवार को फैसला सुनाया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया कि नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आरोपी विकास निवासी मोदर को लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. मामले में कोर्ट ने पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित प्रतिकर दिलाने की अनुशंषा की है.
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बता दें कि पीड़िता ने बिछीवाड़ा थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि 18 जनवरी 2019 को वह कॉलेज से वापस अपने घर लौट रही थी. उसी दौरान बिछीवाड़ा बस स्टैंड पर आरोपी विकास मिला और उसे बहला-फुसलाकर पत्नी बनाने की नीयत से अपहरण कर गुजरात ले गया. जहां उसे एक कमरे में बंदकर उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपी उसे इधर से उधर घुमाता रहा और कई बार दुष्कर्म का शिकार बनाया. तीन दिन बाद उसे वापस बिछीवाड़ा बस स्टैंड पर छोड़कर भाग गया और अपने घर जाकर परिजनों को घटना के बारे में बताया. कोर्ट ने इसी मामले में फैसला सुनाया है.