डूंगरपुर. शिक्षक भर्ती 2018 में रिक्त रही अनारक्षित वर्ग की 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर जिले में 4 दिन से मचा उपद्रव थम गया है, लेकिन उपद्रव के कारण जिले में भारी नुकसान हुआ है. उपद्रव के विरोध में मूल अधिकार रक्षा मंच के आव्हान पर सोमवार को स्वस्फूर्त डूंगरपुर जिला बंद रहा. शहर से लेकर गांवों तक बंद का व्यापक असर नजर आया. वहीं बंद के दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं बहाल रही.
मूल अधिकार रक्षा मंच, चैम्बर ऑफ कॉमर्स के आव्हान पर सोमवार सुबह से बंद का असर दिखाई दिया. सुबह से डूंगरपूर में बाजार बंद रहे, दुकानें नहीं खुली. वहीं मूल अधिकार रक्षा मंच के बैनर तले सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और यहां उपद्रव के विरोध जमकर धरना-प्रदर्शन किया.
संयोजक शार्दूलसिंह राठौड़ ने बताया कि रिक्त रही 1167 पद सामान्य और ओबीसी वर्ग की है, लेकिन सरकार राजनैतिक दबाव में आकर गैर वाजिब मांगों पर एसएलपी दायर कर रही है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों की ओर से चार दिनों तक हाइवे पर भारी तांडव मचाया. जिसमे कई निर्दोष व्यापारियों की दुकान, होटल, पेट्रोल पंप, कंटेनर के अलावा कॉलोनियों में घरो को उपद्रवियों ने लूट लिया और उपद्रव मचाया.
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इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. जिसका सरकार 100 प्रतिशत मुआवजा दे, जिससे कि निर्दोष पीड़ित लोगों को राहत मिले. इसके अलावा उपद्रव फैलाने वालों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. इसके बाद मूल अधिकार रक्षा मंच की ओर से राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा गया और सरकार से इन मांगों को समाधान करने की मांग रखी. मंच ने मांगो का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. इधर खेड़ा, वस्सी सहित जिले के बड़ी संख्या में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोग भी डूंगरपूर पंहुचे और सुरक्षा की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.