डूंगरपुर. जिले में खाद्य एवं आपूर्ति निगम के जरिए दाल और चीनी देकर राज्य सरकार आवंटन करना भूल गई. खाद्य एवं आपूर्ति निगम की लापरवाही के चलते क्रय-विक्रय सहकारी समिति के (pulses and sugar worth 72 lakh got rotten) गोदाम में पड़े-पड़े 72 लाख रुपए की दाल और चीनी सड़ गई. सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए दाल और राशन की दुकानों के लिए चीनी का स्टॉक भेजा था.
कोरोना काल में एक तरफ जब आमजन जिंदगी बचाने के जद्दोजहद कर रहा था. तभी जनवरी 2021 में खाद्य एवं आपूर्ति निगम के जरिए सरकार ने डूंगरपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्लाई के लिए चना दाल भिजवाई थी. कोरोना काल होने से जब खाद्य एवं आपूर्ति निगम को कोई गोदाम खाली नहीं मिला तो आपूर्ति निगम ने चने की दाल के स्टॉक में से 678 क्विंटल चना दाल क्रय विक्रय सहकारी समिति के गोदाम में रखवा दिया. साथ ही 350 क्विंटल चना दाल अनुजा निगम के गोदाम में रखवाया.
इससे पहले सरकार ने कोरोना काल में ही 6 मई 2020 को राशन की दुकानों पर खाद्य सुरक्षा योजना में सप्लाई के लिए 25 क्विन्टल चीनी भी क्रय विक्रय सहकारी समिति के गोदाम में रखवाई थी. लेकिन सरकार इस दाल और चीनी के स्टॉक को रखवाकर भूल गई.
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जिले की क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष रतनलाल पाटीदार ने बताया की समिति ने खाद्य आपूर्ति निगम को 17 दिसंबर 2021 के बीच कई पत्र लिखा. जिसमें बताया की निगम दाल और चीनी का आवंटन रसद विभाग से करवाकर उठाव करवा लें. ताकि उनके दफ्तर और गोदाम में जगह खाली हो. लेकिन कई बार पत्र लिखने के बाद भी आवंटन नहीं होने से चीनी और दाल खराब हो गए. ऐसे में 61 लाख 68 हजार रुपए की चना दाल और 11 लाख 25 हजार रुपए की चीनी अब अनुपयोगी हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने भी दाल और चीनी के सैंपल लेकर इसे अब खाने योग्य नहीं माना है.
आमजन के हित की सरकारी योजनाओं की धज्जियां किस कदर डूंगरपुर में उड़ाई जा रही हैं, उसकी ये एक बानगी है. दाल और चीनी खराब होने से करीब 72 लाख रुपए के इस नुकसान की जिम्मेदारी तक अभी तय नहीं हुई है. वहीं क्रय-विक्रय सहकारी समिति के लिए बदबू मारती दाल और चीनी का निस्तारण करना ही सिरदर्द बन गया है.