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President Election 2022: आदिवासियों के नाम पर बनी बीटीपी आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन पर चुप! प्रदेशाध्यक्ष ने बीजेपी पर लगाए ये आरोप - President Election 2022

राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) किस उम्मीदवार को समर्थन देगी, इस पर संशय बना हुआ है. पार्टी के प्रदेश में दो विधायकों ने इसे लेकर अपनी राय सार्वजनिक नहीं की है. संभावना है कि दोनों विधायक आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देंगे, चूंकि उनकी पार्टी आदिवासियों के नाम पर बनी है. हालांकि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है (BTP state head on Draupadi Murmu) कि आदिवासी प्रत्याशी उतारने के पीछे बीजेपी का कोई छुपा हुआ एजेंडा है.

President Election 2022: BTP state head targets BJP over selection of tribal woman as presidential candidate
आदिवासियों के नाम पर बनी बीटीपी आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन पर चुप! प्रदेशाध्यक्ष ने बीजेपी पर लगाए ये आरोप
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Published : Jul 14, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 11:49 PM IST

डूंगरपुर. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना (President Election 2022) है. चुनाव से पहले एनडीए व यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं. एनडीए ने आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाया है. इसे लेकर भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा का कहना है (BTP state head on Draupadi Murmu) कि मुर्मू को उम्मीदवार बनाने के पीछे बीजेपी का कोई छुपा हुआ एजेंडा है, जो सामने आना चाहिए.

घोघरा का कहना है कि अगर भाजपा सही मायने में आदिवासियों का भला सोचती है, तो वर्षो से लंबित आदिवासियों की मांगों को पूरा करना (BTP state head targets BJP) चाहिए. आदिवासी महिला होने के नाते द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के सवाल पर वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी लोकतंत्र में विश्वास रखती है. राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किसके समर्थन में करना है, इस बात का निर्णय भी बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर स्वविवेक से लेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में मतदान को लेकर बीटीपी ने दोनों विधायको को स्वतंत्र छोड़ा है.

बीटीपी आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन पर चुप.

पढ़ें: राजस्थानः द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी संस्कृति के अनुरूप स्वागत...प्रबुद्ध जनों से संवाद के बाद दिल्ली रवाना

बता दें कि साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली बीटीपी ने डूंगरपुर में 2 सीटें जीती थीं. चौरासी विधानसभा से रोत और सागवाडा विधानसभा से डिंडोर बीटीपी से विधायक बने थे. बीटीपी ने यह चुनाव आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर ही लड़ा था. वहीं पिछले 3 सालों से बीटीपी देश के सर्वोच्च पदों पर आदिवासियों को सम्मान नहीं मिलने की बात भी करती आई है. इधर हाल ही में एनडीए ने आजादी के बाद पहली बार आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. लेकिन घोघरा के बयान से साफ जाहिर होता है कि बीटीपी इस निर्णय से खुश नजर नहीं आ रही है.

पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव : पूर्व पीएम देवगौड़ा से मिलीं मुर्मू, जेडीएस ने की समर्थन की घोषणा

बीटीपी ने अपने दोनों विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में किसको समर्थन देना है, इसके लिए स्वतंत्र छोड़ा है. लेकिन पिछले समय को देखें, तो जब कांग्रेस की सरकार राजस्थान में अस्थिर होने की स्थिति में थी, तब बीटीपी के दोनों विधायकों ने कांग्रेस का को समर्थन दिया था. वहीं राज्यसभा चुनावों में भी दोनों विधायको ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को ही अपना समर्थन दिया था. अब देखने वाली बात होगी कि आदिवासियों की पार्टी कही जाने वाली बीटीपी के दोनों विधायक राष्ट्रपति चुनाव में किसका समर्थन करते हैं. हालांकि दोनों विधायकों ने अभी तक इस मामले में अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

डूंगरपुर. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना (President Election 2022) है. चुनाव से पहले एनडीए व यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं. एनडीए ने आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाया है. इसे लेकर भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा का कहना है (BTP state head on Draupadi Murmu) कि मुर्मू को उम्मीदवार बनाने के पीछे बीजेपी का कोई छुपा हुआ एजेंडा है, जो सामने आना चाहिए.

घोघरा का कहना है कि अगर भाजपा सही मायने में आदिवासियों का भला सोचती है, तो वर्षो से लंबित आदिवासियों की मांगों को पूरा करना (BTP state head targets BJP) चाहिए. आदिवासी महिला होने के नाते द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के सवाल पर वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी लोकतंत्र में विश्वास रखती है. राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किसके समर्थन में करना है, इस बात का निर्णय भी बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर स्वविवेक से लेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में मतदान को लेकर बीटीपी ने दोनों विधायको को स्वतंत्र छोड़ा है.

बीटीपी आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन पर चुप.

पढ़ें: राजस्थानः द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी संस्कृति के अनुरूप स्वागत...प्रबुद्ध जनों से संवाद के बाद दिल्ली रवाना

बता दें कि साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली बीटीपी ने डूंगरपुर में 2 सीटें जीती थीं. चौरासी विधानसभा से रोत और सागवाडा विधानसभा से डिंडोर बीटीपी से विधायक बने थे. बीटीपी ने यह चुनाव आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर ही लड़ा था. वहीं पिछले 3 सालों से बीटीपी देश के सर्वोच्च पदों पर आदिवासियों को सम्मान नहीं मिलने की बात भी करती आई है. इधर हाल ही में एनडीए ने आजादी के बाद पहली बार आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. लेकिन घोघरा के बयान से साफ जाहिर होता है कि बीटीपी इस निर्णय से खुश नजर नहीं आ रही है.

पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव : पूर्व पीएम देवगौड़ा से मिलीं मुर्मू, जेडीएस ने की समर्थन की घोषणा

बीटीपी ने अपने दोनों विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में किसको समर्थन देना है, इसके लिए स्वतंत्र छोड़ा है. लेकिन पिछले समय को देखें, तो जब कांग्रेस की सरकार राजस्थान में अस्थिर होने की स्थिति में थी, तब बीटीपी के दोनों विधायकों ने कांग्रेस का को समर्थन दिया था. वहीं राज्यसभा चुनावों में भी दोनों विधायको ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को ही अपना समर्थन दिया था. अब देखने वाली बात होगी कि आदिवासियों की पार्टी कही जाने वाली बीटीपी के दोनों विधायक राष्ट्रपति चुनाव में किसका समर्थन करते हैं. हालांकि दोनों विधायकों ने अभी तक इस मामले में अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

Last Updated : Jul 14, 2022, 11:49 PM IST
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