डूंगरपुर. जिले के धंबोला थाना पुलिस ने एक लूट की वारदात को लेकर कार्रवाई करते हुए झूठी साजिश का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मिली सूचना के आधार पर जांच पड़ताल और पूछताछ के बाद मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.
पुलिस के अनुसार दिवाली पर मजदूरों को देने के लिए लेकर आ रहे 5 लाख रुपए की लूट की सूचना पर पुलिस की दौड़भाग शुरू हो गई. लेकिन जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस के भी होश उड़ गए. कथित पीड़ित ने खुद ही लूट की साजिश रची और फिर थाने में झूठा केस भी दर्ज करवा दिया था. पुलिस ने झूठी साजिश रचने वाले को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में आरोपी से पूछताछ कर रही है.
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ये है पूरा मामला
धंबोला सीआई दलपत सिंह ने बताया कि एक लेबर ठेकेदार ने पुलिस थाने में उसके साथ 5 लाख रुपए की लूट होने का मामला दर्ज कराया. सीआई ने बताया कि जोरावरपुरा निवासी लाला मीणा ने शुक्रवार रात को अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. जिसमें बताया कि प्रार्थी लाला मीणा गुजरात में लेबर ठेकेदार है. गुजरात से मुख्य ठेकेदार से मजदूरों को देने के लिए 5 लाख रुपए लेकर कार से आ रहा था.
इस दौरान गुजरात सीमा से पांच किमी दूर राजस्थान में मांडवी से आगे झाफरा मोड़ के पास एक बोलेरो में सवार 4-5 लोगों ने उसे रोकने का प्रयास किया. जिसके बाद लाला ने थोड़ा आगे जाकर रोड के साइड में गाड़ी रोकी. तभी अज्ञात लोगों ने बोलेरो उसकी कार के आगे खड़ी कर दी. वहीं उन लोगों ने कार के दोनों ओर पत्थर मारे और कार का दरवाजा खुलवाकर उसे बाहर निकाला. जिसके बाद वो लोग पीड़ित को पकड़कर रोड के दूसरी तरफ झाडियो में ले गए. जहां अज्ञातों ने उसके मुंह पर रुमाल बांध दिया और मोबाइल भी ले लिया. साथ ही कार में रखे एक बैग में 5 लाख रुपए निकालकर ले गए. साथ ही लाला ने बताया कि किसी राहगीर से फोन लेकर उसने अपने फोन पर कॉल किया तो उसका फोन झाड़ियों में मिला.
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पुलिस को गुमराह कर रहा था ठेकेदार
सीआई दलपत सिंह ने इस घटना की जानकारी पर जिलेभर में नाकाबंदी करवा दी. धंबोला थाना क्षेत्र में जगह-जगह नाकाबंदी कर बोलेरो समेत संदिग्ध वाहनों की जांच की. साथ ही दो टीम गठित की थी. घटना स्थल के आसपास क्षेत्रो में संदिग्ध वाहनों को चैक किया. संदिग्ध व्यक्तियों और घटना के आसपास के लोगों से पूछताछ की.
जब सीआई दलपत सिंह ने झाफरा घटना स्थल पर पहुंच पीड़ित लाला से घटना की जानकारी ली. जिसमें रिपोर्ट में लाला की दी गई जानकारी और घटना के हालात विरोधी और संदेहास्पद लगे. पुलिस ने लाला का मोबाइल चैक किया तो उसमें भी किसी राहगीर का फोन नहीं आया था. वहीं लाला की जेब से 17 हजार 500 रुपए भी मिले, जिसे उसने स्वयं का होना बताया था. लुटेरे लाला के मोबाइल, जेब में रखे रुपए और गले में पहनी सोने की चैन भी ले जा सकते थे. जिसके बाद पुलिस को लाला पर शक हुआ. पुलिस ने घटना के संबंध में सवाल किए तो वह खुद को बचा नहीं सका और फिर राज उगल दिया.
इस वजह से रची झूठी साजिश
पुलिस के पूछताछ करने पर लाला का सच सामने आ गया. उसने बताया कि उसने लूट की झूठी कहानी रची. जिससे कि मुख्य ठेकेदार मजदूरों को देने के लिए रुपए मजदूरों को देना नहीं पड़े. साथ ही उसने जो रुपए मुख्य ठेकेदार से उधार लिए थे, उन्हें भी वापस नहीं देने पड़े. इसके जरिए वह सहानुभूति लेकर पैसे देने से बच सके. आरोपी लाला मीणा ने बताया कि उसने मुख्य ठेकेदार से 5 लाख रुपए लिए थे, वो गुजरात में ही अपने मजदूरों को बांट दिए. उसकी जेब में 17 हजार 500 रुपए थे, वह उसके खुद के थे. पुलिस लाला मीणा से पूछताछ कर रही है.