डूंगरपुर. दो साल पहले एक नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 18 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश एमआर सुथार ने मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है.
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विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया कि मामले में आरोपी प्रकाश को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 18 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. मामले में कोर्ट ने नाबालिग पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित प्रतिकर दिलाने की भी अनुशंसा की है.
बता दें कि पीड़िता के पिता ने सितंबर 2018 को सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि 5 सितंबर 2018 को उसकी नाबालिग बेटी दोपहर के समय चप्पल खरीदने के लिए देवल गांव में गई थी, लेकिन देर तक नहीं लौटी. इसके बाद उसकी तलाश शुरू कर दी. इस दौरान पता चला कि नाबालिग पीड़िता को आरोपी प्रकाश अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बहला-फुसलाकर बोलेरो से पहले खेरवाड़ा फिर उदयपुर की तरफ ले गए. आरोपी ने बोलेरो जीप में ही उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद उसे ट्रेन से कहीं और ले गये और बंधक बनाकर जबरन दुष्कर्म किया.