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डूंगरपुर के आसपुर सीएचसी में चिकित्सा सेवा बदहाल

राजस्थान सरकार जहां रोगियों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है. वहीं डूंगरपुर जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 12 महीने पहले यहां कार्यरत द्वितीय श्रेणी नर्स के सात पदों को विलोपित कर दिया गया. ऐसे में रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 2, 2019, 6:27 AM IST

patient disturbed by bad facilities of health centre in dungarpur

डूंगरपुर. जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स की कमी के कारण रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार जहां रोगियों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हालात कुछ और ही बयान करते हैं.

डूंगरपुर के आसपुर सीएचसी में चिकित्सा सेवा बदहाल

यह है मामला

निदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण द्वारा तीन नवंबर 2017 को एक आदेश जारी कर चिकित्सालय में सात द्वितीय श्रेणी नर्सीग स्टाफ को जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए पदास्थित किया गया था. इसके पश्चात एक और आदेश में 21 जुन 2018 को एक द्वितीय श्रेणी नर्स का पद स्वीकृत किया गया था.

ऐसे में चिकित्सालय में एक स्वीकृत पद सहित दो प्रतिनियुक्ति पर कुल तीन द्वितीय श्रेणी नर्स सेवाएं दे रही हैं. ओपीडी होने और फर्स्ट रेफर यूनिट होने से चिकित्सालय में प्रतिदिन सौ से अधिक मरिज पहुंचते है. सिर्फ तीन नर्स स्टाफ की ओर से सुबह, शाम और रात में सेवा देने से मात्र एक के भरोसे पर्ची से लेकर ड्रेसिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आ जाती है.

यह भी पढ़ेः अजमेर में पहाड़ी पर निर्माणाधीन मकान गिरा...मलबे में 3 लोग दबे, रेस्क्यू जारी

चिकित्सालय में वर्ष 2017 में ओपीडी 33872, आईपीडी 5102, प्रसव 588, 2018 में ओपीडी 43644, आईपीडी 6532, प्रसव 613 और एक जनवरी 2019 से अबतक ओपीडी 22815, आईपीडी 2300, प्रसव 327 हो चुके हैं.
चिकित्साधिकारी ने बताया कि सबसे अधिक ओपीडी के मामले में जिले में यह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दूसरे स्थान पर है. चिकित्सालय विभाग की ओर से रिक्त पद भरे जाएं तो रोगीयों को राहत मिलेगी.

डूंगरपुर. जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स की कमी के कारण रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार जहां रोगियों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हालात कुछ और ही बयान करते हैं.

डूंगरपुर के आसपुर सीएचसी में चिकित्सा सेवा बदहाल

यह है मामला

निदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण द्वारा तीन नवंबर 2017 को एक आदेश जारी कर चिकित्सालय में सात द्वितीय श्रेणी नर्सीग स्टाफ को जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए पदास्थित किया गया था. इसके पश्चात एक और आदेश में 21 जुन 2018 को एक द्वितीय श्रेणी नर्स का पद स्वीकृत किया गया था.

ऐसे में चिकित्सालय में एक स्वीकृत पद सहित दो प्रतिनियुक्ति पर कुल तीन द्वितीय श्रेणी नर्स सेवाएं दे रही हैं. ओपीडी होने और फर्स्ट रेफर यूनिट होने से चिकित्सालय में प्रतिदिन सौ से अधिक मरिज पहुंचते है. सिर्फ तीन नर्स स्टाफ की ओर से सुबह, शाम और रात में सेवा देने से मात्र एक के भरोसे पर्ची से लेकर ड्रेसिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आ जाती है.

यह भी पढ़ेः अजमेर में पहाड़ी पर निर्माणाधीन मकान गिरा...मलबे में 3 लोग दबे, रेस्क्यू जारी

चिकित्सालय में वर्ष 2017 में ओपीडी 33872, आईपीडी 5102, प्रसव 588, 2018 में ओपीडी 43644, आईपीडी 6532, प्रसव 613 और एक जनवरी 2019 से अबतक ओपीडी 22815, आईपीडी 2300, प्रसव 327 हो चुके हैं.
चिकित्साधिकारी ने बताया कि सबसे अधिक ओपीडी के मामले में जिले में यह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दूसरे स्थान पर है. चिकित्सालय विभाग की ओर से रिक्त पद भरे जाएं तो रोगीयों को राहत मिलेगी.

Intro:प्रदेश सरकार जहां रोगीयों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वही डूंगरपुर जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विगत 12 माह पूर्व यहां पर कार्यरत द्वितीय श्रेणी नर्स के सात पदो को विलोपित कर दिया। ऐसे में रोगीयों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। Body:एक्सयुलीव न्यूज
जिले का सबसे बडा चिकित्सालय में आसपुर में हाल बेहाल
चिकित्सा विभाग ने नर्स ग्रेड द्वितीय श्रेणी के सात पद कर दिए विलोपित
प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पहुंचते है रोगी
उपखंड मुख्यालय चिकित्सा सेवा बदहाल
आसपुर (डूंगरपुर)। प्रदेश सरकार जहां रोगीयों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वही डूंगरपुर जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विगत 12 माह पूर्व यहां पर कार्यरत द्वितीय श्रेणी नर्स के सात पदो को विलोपित कर दिया। ऐसे में रोगीयों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यह है मामला
निदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा तीन नवंबर 2017 को एक आदेश जारी कर चिकित्सालय में सात द्वितीय श्रेणी नर्सीग स्टाफ को जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कोलेज के लिए पदास्थित कर दिया। इसके पश्चात एक और आदेश में 21 जुन 2018 को एक द्वितीय श्रेणी नर्स का पद स्वीकृत किया गया। ऐसे में चिकित्सालय में एक स्वीकृत पद सहित दो प्रतिनियुक्ति पर कुल तीन द्वितीय श्रेणी नर्स सेवाएं दे रहे है। चिकित्सालय में प्रतिदिन सौ से अधिक ओपीडी होने एवं फस्र्ट रेफर युनिट होने से दिनभर मरिज भी पहुंचते है। सिर्फ तीन नर्स स्टाफ द्वारा सुबह, शाम एवं रात्रि में सेवा देने से मात्र एक के भरोसे पर्ची से लेकर ड्रेसींग सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आ जाती है। कई बार दुर्घटना में घायलों के पहुंचने पर स्थिती और खराब हो जाती है।
इन्हे हटाया
चिकित्सालय में कार्यरत द्वितीय श्रेणी नर्स नरेशचन्द्रसिंह सिसोदिया, माधुरी चौहान, संगीता, हेमलता लेम्बात, नर्वदा कुमारी, लोकेन्द्रसिंह व खुमन कुमारी को जिला मुख्यालय पर स्थित मेडिकल कोलेज के लिए प्रतिनियुक्ति पर लगा दिया।
वर्ष दर यह है आंकडा
चिकित्सालय में वर्ष 2017 में ओपीडी 33872, आईपीडी 5102, प्रसव 588, 2018 में ओपीडी 43644, आईपीडी 6532, प्रसव 613 एवं एक जनवरी 2019 से अबतक ओपीडी 22815, आईपीडी 2300, प्रसव 327 हो चुके है। सबसे अधिक ओपीडी के मामले में जिले में दूसरे स्थान पर है चिकित्सालय विभाग द्वारा रिक्त पद भरे जाएं तो रोगीयों को राहत मिलेगी वही ओपीडी का आंकडा में और बढ़त होगी।
बाइट 01 डॉ राजेन्द्र चौबीसा, चिकित्साधिकारी
02 डॉ अलंकार गुप्ता, ब्लॉक सीएमएचओ
Conclusion:
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