डूंगरपुर. जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स की कमी के कारण रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार जहां रोगियों को उच्च चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हालात कुछ और ही बयान करते हैं.
यह है मामला
निदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण द्वारा तीन नवंबर 2017 को एक आदेश जारी कर चिकित्सालय में सात द्वितीय श्रेणी नर्सीग स्टाफ को जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए पदास्थित किया गया था. इसके पश्चात एक और आदेश में 21 जुन 2018 को एक द्वितीय श्रेणी नर्स का पद स्वीकृत किया गया था.
ऐसे में चिकित्सालय में एक स्वीकृत पद सहित दो प्रतिनियुक्ति पर कुल तीन द्वितीय श्रेणी नर्स सेवाएं दे रही हैं. ओपीडी होने और फर्स्ट रेफर यूनिट होने से चिकित्सालय में प्रतिदिन सौ से अधिक मरिज पहुंचते है. सिर्फ तीन नर्स स्टाफ की ओर से सुबह, शाम और रात में सेवा देने से मात्र एक के भरोसे पर्ची से लेकर ड्रेसिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आ जाती है.
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चिकित्सालय में वर्ष 2017 में ओपीडी 33872, आईपीडी 5102, प्रसव 588, 2018 में ओपीडी 43644, आईपीडी 6532, प्रसव 613 और एक जनवरी 2019 से अबतक ओपीडी 22815, आईपीडी 2300, प्रसव 327 हो चुके हैं.
चिकित्साधिकारी ने बताया कि सबसे अधिक ओपीडी के मामले में जिले में यह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दूसरे स्थान पर है. चिकित्सालय विभाग की ओर से रिक्त पद भरे जाएं तो रोगीयों को राहत मिलेगी.