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डूंगरपुर में बढ़ा वन्यजीवों का कुनबा, काउंटिंग के दौरान नजर आए 36 पैंथर और 6 चिंकारा

डूंगरपुर में वन्यजीव गणना का काम शुरू किया गया है. जिले में आसपुर वन क्षेत्र से वन्यजीवों पर नजर रखी गई. गणना के दौरान जिले में 36 पैंथर देखे गए. साथ ही 6 चिंकारा भी नजर आए. जिससे वन्यजीव प्रेमियों के चेहरे पर खुशी नजर आई.

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वन्यजीव गणना के दौरान नजर आए 36 पैंथर
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Published : Jun 25, 2020, 3:07 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 6:54 PM IST

डूंगरपुर. जिले में वाइल्डलाइफ असेसमेंट के तहत वन्यजीवों की गणना का काम शुरू किया गया है. इस गणना के दौरान डूंगरपुर में 36 पैंथर दिखाई दिए. यह पहली बार है जब इतनी अधिक संख्या में पैंथरों को देखा गया है. पिछले 5 सालों में पैंथरों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. वन्यजीव गणना के दौरान पैंथर के साथ ही जिले में चिंकारा, मोर और अन्य जीव भी देखे गए.

वन्यजीव गणना के दौरान नजर आए 36 पैंथर

जिले में पैंथर की बात करें तो 2011 तक एक भी पैंथर नहीं था. जंगल खतरनाक जानवरों से विहीन था, लेकिन 2012 में पहली बार 2 पैंथर देखे गए, लेकिन इसके अगले ही साल 2013 ओर 2014 में पैंथर जंगल से फिर गायब हो गए. इस दौरान 2 सालों तक गणना के समय एक भी पैंथर नजर नहीं आया.

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गणना के दौरान देखे गए ये वन्यजीव

इसके बाद 2015 की वन्यजीव गणना में एक बार फिर उत्साहजनक परिणाम मिले. इस साल एक साथ 6 पैंथर दिखाई दिए. फिर इसके बाद तो जैसे यहां के जंगलों में पैंथरों ने अपना घर बना लिया. हर साल पैंथर ही संख्या बढ़ती गई और 6 सालों में यह आंकड़ा 36 तक पंहुच गया है.

सब्स ज्यादा 15 पैंथर आसपुर के घने और पहाड़ी वन्य क्षेत्र में दिखाई दिए हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि आसपुर क्षेत्र में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. इसके साथ ही यहां का अनुकूल वातावरण पैंथरों के रहने के लिए सुगम है.

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2020 में नजर आए सबसे अधिक पैंथर

यह भी पढ़ें : पाली में मानसून की दस्तक, 24 घंटे में 50 एमएम बारिश दर्ज

वन्यजीव प्रेमी पैंथरों के संख्या बढ़ती देखकर बेहद खुश नजर आ रहे हैं. इसके अलावा आसपुर के वन क्षेत्र में 6 चिंकारा भी नजर आए हैं. इसके अलावा गीदड़, जंगली सुअर, सांभर, राष्ट्रीय पक्षी मोर, जरख, लोमड़ी, नीलगाय, सेही, लंगूर, सारस, बर्ड ऑफ प्रे सहित कई तरह के जीव दिखाई दिए हैं. इसमें से कई वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो काफी उत्साहजनक है.

डूंगरपुर. जिले में वाइल्डलाइफ असेसमेंट के तहत वन्यजीवों की गणना का काम शुरू किया गया है. इस गणना के दौरान डूंगरपुर में 36 पैंथर दिखाई दिए. यह पहली बार है जब इतनी अधिक संख्या में पैंथरों को देखा गया है. पिछले 5 सालों में पैंथरों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. वन्यजीव गणना के दौरान पैंथर के साथ ही जिले में चिंकारा, मोर और अन्य जीव भी देखे गए.

वन्यजीव गणना के दौरान नजर आए 36 पैंथर

जिले में पैंथर की बात करें तो 2011 तक एक भी पैंथर नहीं था. जंगल खतरनाक जानवरों से विहीन था, लेकिन 2012 में पहली बार 2 पैंथर देखे गए, लेकिन इसके अगले ही साल 2013 ओर 2014 में पैंथर जंगल से फिर गायब हो गए. इस दौरान 2 सालों तक गणना के समय एक भी पैंथर नजर नहीं आया.

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गणना के दौरान देखे गए ये वन्यजीव

इसके बाद 2015 की वन्यजीव गणना में एक बार फिर उत्साहजनक परिणाम मिले. इस साल एक साथ 6 पैंथर दिखाई दिए. फिर इसके बाद तो जैसे यहां के जंगलों में पैंथरों ने अपना घर बना लिया. हर साल पैंथर ही संख्या बढ़ती गई और 6 सालों में यह आंकड़ा 36 तक पंहुच गया है.

सब्स ज्यादा 15 पैंथर आसपुर के घने और पहाड़ी वन्य क्षेत्र में दिखाई दिए हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि आसपुर क्षेत्र में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. इसके साथ ही यहां का अनुकूल वातावरण पैंथरों के रहने के लिए सुगम है.

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2020 में नजर आए सबसे अधिक पैंथर

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वन्यजीव प्रेमी पैंथरों के संख्या बढ़ती देखकर बेहद खुश नजर आ रहे हैं. इसके अलावा आसपुर के वन क्षेत्र में 6 चिंकारा भी नजर आए हैं. इसके अलावा गीदड़, जंगली सुअर, सांभर, राष्ट्रीय पक्षी मोर, जरख, लोमड़ी, नीलगाय, सेही, लंगूर, सारस, बर्ड ऑफ प्रे सहित कई तरह के जीव दिखाई दिए हैं. इसमें से कई वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो काफी उत्साहजनक है.

Last Updated : Jun 25, 2020, 6:54 PM IST
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