डूंगरपुर. जिले के सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता को 2 दिन तक भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने रेफर कर दिया, जिससे एक निजी अस्पताल में डिलीवरी देने के बाद उसके शिशु की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेड निवासी ज्योत्सना सेवक के प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग उसे 14 दिसंबर को सागवाड़ा सरकारी अस्पताल लेकर आए. यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बनवारीलाल ने उसका इलाज करने के लिए उसे भर्ती कर लिया. इस दौरान डॉ. लगातार नॉर्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाता रहा.
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परिजनों ने बताया कि 2 दिन तक इलाज के बाद 16 दिसंबर को डॉ. बनवारीलाल ने अस्पताल में उपकरण और कर्मचारी नहीं होने का हवाला देते हुए रेफर करने की बात कही और साथ ही समय के अभाव के कारण प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा और लेट होने पर किसी तरह की अनहोनी होने का डर भी बताया.
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इसके बाद परिजन घबराकर प्रसूता को एक निजी अस्पताल लेकर पंहुचे, जहां डिलीवरी के बाद डॉ. ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कर लिया. इस दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों की ओर से खूब हंगामा किया गया और सरकारी अस्पताल के डॉ. बनवारीलाल पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया. साथ ही प्रसूता के पति मोहित सेवक ने पीएमओ को शिकायत करते हुए डॉ. बनवारीलाल के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.