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डूंगरपुर: डिलीवरी के बाद नवजात की मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल - एफबीएनसी वार्ड

डूंगरपुर के सागवाड़ा अस्पताल से निजी अस्पताल में भर्ती हुई प्रसूता के डिलीवरी देने के बाद उसके नवजात शिशु की मृत्यु हो गई. जिससे उसके परिजनों ने जमकर हंगामा करते हुए सागवाड़ा अस्पताल के चिकित्सक पर कार्रवाई करने की मांग की है.

डूंगरपुर की खबर, Dungarpur news
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Published : Dec 17, 2019, 4:56 PM IST

डूंगरपुर. जिले के सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता को 2 दिन तक भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने रेफर कर दिया, जिससे एक निजी अस्पताल में डिलीवरी देने के बाद उसके शिशु की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

डिलीवरी के बाद हुई नवजात की मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेड निवासी ज्योत्सना सेवक के प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग उसे 14 दिसंबर को सागवाड़ा सरकारी अस्पताल लेकर आए. यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बनवारीलाल ने उसका इलाज करने के लिए उसे भर्ती कर लिया. इस दौरान डॉ. लगातार नॉर्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाता रहा.

पढ़ें- स्पेशल: शिक्षादूत बने आसपुर के भामाशाह, सरकारी स्कूल को खरीद कर दी 6 बीघा जमीन

परिजनों ने बताया कि 2 दिन तक इलाज के बाद 16 दिसंबर को डॉ. बनवारीलाल ने अस्पताल में उपकरण और कर्मचारी नहीं होने का हवाला देते हुए रेफर करने की बात कही और साथ ही समय के अभाव के कारण प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा और लेट होने पर किसी तरह की अनहोनी होने का डर भी बताया.

पढ़ें- सरकारी योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी: चांदमल वर्मा,अतिरिक्त निदेशक

इसके बाद परिजन घबराकर प्रसूता को एक निजी अस्पताल लेकर पंहुचे, जहां डिलीवरी के बाद डॉ. ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कर लिया. इस दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों की ओर से खूब हंगामा किया गया और सरकारी अस्पताल के डॉ. बनवारीलाल पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया. साथ ही प्रसूता के पति मोहित सेवक ने पीएमओ को शिकायत करते हुए डॉ. बनवारीलाल के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

डूंगरपुर. जिले के सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता को 2 दिन तक भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने रेफर कर दिया, जिससे एक निजी अस्पताल में डिलीवरी देने के बाद उसके शिशु की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

डिलीवरी के बाद हुई नवजात की मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेड निवासी ज्योत्सना सेवक के प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग उसे 14 दिसंबर को सागवाड़ा सरकारी अस्पताल लेकर आए. यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बनवारीलाल ने उसका इलाज करने के लिए उसे भर्ती कर लिया. इस दौरान डॉ. लगातार नॉर्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाता रहा.

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परिजनों ने बताया कि 2 दिन तक इलाज के बाद 16 दिसंबर को डॉ. बनवारीलाल ने अस्पताल में उपकरण और कर्मचारी नहीं होने का हवाला देते हुए रेफर करने की बात कही और साथ ही समय के अभाव के कारण प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा और लेट होने पर किसी तरह की अनहोनी होने का डर भी बताया.

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इसके बाद परिजन घबराकर प्रसूता को एक निजी अस्पताल लेकर पंहुचे, जहां डिलीवरी के बाद डॉ. ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कर लिया. इस दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों की ओर से खूब हंगामा किया गया और सरकारी अस्पताल के डॉ. बनवारीलाल पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया. साथ ही प्रसूता के पति मोहित सेवक ने पीएमओ को शिकायत करते हुए डॉ. बनवारीलाल के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

Intro:डूंगरपुर। जिले सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता को 2 दिन तक भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने रैफर कर दिया और फिर एक निजी अस्पताल में डिलेवरी के बाद शिशु की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेड निवासी ज्योत्सना सेवक के प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग उसे 14 दिसंबर को सागवाड़ा सरकारी अस्पताल लेकर आये। यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ बनवारीलाल ने उसका इलाज करते हुए भर्ती कर दिया। इस दौरान डॉक्टर नॉर्मल डिलेवरी का भरोसा दिलाता रहा। परिजनों ने बताया कि 2 दिन तक इलाज के बाद 16 दिसंबर को डॉक्टर बनवारीलाल ने अस्पताल में उपकरण व कर्मचारी नहीं होने का हवाला देते हुए रैफर करने की बात कही। वही समय अभाव के कारण मरीज को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा और लेट होने पर किसी तरह की अनहोनी होने का डर भी दिखाया।
इसके बाद प्रसूता को निजी अस्पताल लेकर पंहुचे, जहा डिलेवरी हुई, लेकिन बच्चे की हालत गंभीर बताकर एफबीएनसी वार्ड में भर्ती किया गया। जहां नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर बनवारीलाल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। प्रसूता के पति मोहित सेवक ने पीएमओ को शिकायत करते हुए डॉ बनवारीलाल के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।

बाईट: मृतका के परिजन।Conclusion:
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