डूंगरपुर. जिले में पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक और प्रयास किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से अब प्रत्येक ब्लॉक में मनरेगा के तहत मॉडल नर्सरी विकसित की जाएगी. इसके लिए प्रत्येक पंचायत समिति से प्रस्ताव मांगे गए हैं और इस पर काम भी शुरू हो चुका है.
जिले में पर्यावरण को लेकर हमेशा कई नवाचार अपनाए गए हैं. इसी के तहत जिला कलेक्टर कानाराम के आदेश पर मनरेगा के तहत प्रत्येक पंचायत समिति में 2 से 3 मॉडल नर्सरियां तैयार करने की योजना बनाई गई है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि आगामी मानसून को देखते हुए जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके तहत जिले की सभी 10 पंचायत समितियों के अंतर्गत मॉडल नर्सरी तैयार की जाएगी. यह नर्सरी पंचायत समिति मुख्यालय या ग्राम पंचायतों में भी बनाई जा सकती है. इसके लिए बीडीओ और ग्राम विकास अधिकारियों से प्रस्ताव बनाकर मांगे गए हैं.
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सीईओ ने बताया कि इन नर्सरियों में कई किस्म की पौध तैयार की जाएगी. जिससे मानसून के दौरान आसानी से पौधें उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि इसके दो फायदे होंगे. पहला नर्सरी में तैयार पौधों को बेचने से पंचायत की आय होगी. दूसरा फायदा होगा कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा. वहीं मानसून के दौरान ब्लॉक लेवल पर पौधरोपण के इन नर्सरियों में ही पौधे उपलब्ध हो जाएंगे.
फलदार पौधों पर रहेगा जोर
सीईओ ने बताया कि नर्सरी में ऐसे पौधों पर खास जोर होगा, जिससे लंबे समय तक लोगों और पर्यावरण को फायदा हो. इसमें खासकर जो पौधे जल्दी बड़े हो जाए. फलदार ही पौधों को लगाया जाएगा. जिससे फलों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अच्छी आवक भी होगी. इसके अलावा सागवान, महुआ जैसे पौधे भी लगायें जाएंगे. जिससे बड़े होने के बाद उनका लंबे समय तक फायदा मिले.
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बता दें कि मनरेगा के तहत अब तक सड़क निर्माण, तालाब गहरीकरण का सुदृढ़ीकरण व अन्य कार्य ही होते थे, लेकिन अब नर्सरी तैयार करने से पर्यावरण को बचाने में भी अनूठी पहल होगी.