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डूंगरपुर में नव गठित पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय 13 किमी दूर सरोदा करने का विरोध - newly formed Padwa Panchayat Samiti

डूंगरपुर में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा किए जाने के विरोध में गुरुवार को एक विशाल जन सभा का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया. वहीं पंचायत समिति का मुख्यालय सरोदा के बजाय पाडवा करने की मांग की.

newly formed Padwa Panchayat Samiti,नव गठित पाडवा पंचायत समिति
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Published : Oct 31, 2019, 8:06 PM IST

सागवाड़ा (डूंगरपुर). जिले में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा किए जाने के विरोध में कराडा गांव के मुख्य चौराहे पर सभी समाज के लोगों की विशाल जन सभा आयोजित हुई. जिसमें कराडा, झाखरी, कराड़ा वाड़ा, रामपुर, जालवा, गडावासन, ज्ञानपुर, भासौर, गामड़ी देवकी, कोकापुर, पीलूडी फला, डोडियार फला समेत कई गावों के 36 कौम के लोगों ने नव गठित पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय सरोदा करने का भारी विरोध किया. साथ ही पंचायत समिति का मुख्यालय पाडवा करने की मांग की.

डूंगरपुर में विशाल जन सभा का आयोजन

इस दौरान लोगों ने जिला कलेक्टर, जनप्रतिनिधियों और राज्य सरकार को आगाह करते हुए बताया कि पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय 13 किलोमीटर दूर किया जाना न्याय संगत नहीं है. अगर प्रशासन और राज्य सरकार पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय पुन पाडवा नहीं करती है, तो इस परिक्षेत्र के सभी गांवों में जन आंदोलन होगा. पाडवा लगभग 20 गांवों का केंद्र बिंदु है. जो सागवाड़ा-उदयपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है, दोनों तरफ दस-दस गांव का सर्कल है.

पढ़ेः पटेल को याद कर रहा है देश, 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन

ऐसी स्थिति में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा के बजाय पुन पाडवा नहीं किया गया तो सत्ता पक्ष को आगामी पंचायती राज चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं जन सभा को पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भोगीलाल मोडपटेल, त्रिभुवन चौबीसा, सुरेशचंद्र पाटीदार, उद्धवजी पाटीदार और प्रकाश सुथार ने संबोधित किया.

सागवाड़ा (डूंगरपुर). जिले में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा किए जाने के विरोध में कराडा गांव के मुख्य चौराहे पर सभी समाज के लोगों की विशाल जन सभा आयोजित हुई. जिसमें कराडा, झाखरी, कराड़ा वाड़ा, रामपुर, जालवा, गडावासन, ज्ञानपुर, भासौर, गामड़ी देवकी, कोकापुर, पीलूडी फला, डोडियार फला समेत कई गावों के 36 कौम के लोगों ने नव गठित पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय सरोदा करने का भारी विरोध किया. साथ ही पंचायत समिति का मुख्यालय पाडवा करने की मांग की.

डूंगरपुर में विशाल जन सभा का आयोजन

इस दौरान लोगों ने जिला कलेक्टर, जनप्रतिनिधियों और राज्य सरकार को आगाह करते हुए बताया कि पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय 13 किलोमीटर दूर किया जाना न्याय संगत नहीं है. अगर प्रशासन और राज्य सरकार पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय पुन पाडवा नहीं करती है, तो इस परिक्षेत्र के सभी गांवों में जन आंदोलन होगा. पाडवा लगभग 20 गांवों का केंद्र बिंदु है. जो सागवाड़ा-उदयपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है, दोनों तरफ दस-दस गांव का सर्कल है.

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ऐसी स्थिति में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा के बजाय पुन पाडवा नहीं किया गया तो सत्ता पक्ष को आगामी पंचायती राज चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं जन सभा को पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भोगीलाल मोडपटेल, त्रिभुवन चौबीसा, सुरेशचंद्र पाटीदार, उद्धवजी पाटीदार और प्रकाश सुथार ने संबोधित किया.

Intro:नव गठित पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय सरोदा करने का भारी विरोध , कराडा में हुई विशाल जन सभा सागवाड़ा (डूंगरपुर) पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा किए जाने के विरोध में कराडा गांव के मुख्य चौराहे पर पाडवा सहित आसपास के कई गांवों के सभी समाजो के लोगों की विशाल जन सभा हुई । कराडा, झाखरी, कराड़ा वाड़ा, रामपुर, जालवा, गडावासन, ज्ञानपुर, भासौर, गामड़ी देवकी , कोकापुर , पीलूडी फला, डोडियार फला समेत कई गावों के 36 कौम के लोगों ने नव गठित पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय सरोदा करने का भारी विरोध किया। साथ ही पंचायत समिति और इसका मुख्यालय पाडवा करने की पुरजोर मांग की।

Body:कराड़ा और नवसृजित पंचायत जाखरी के लोगों ने एक स्वर में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय पाडवा करने की मांग की। लोगो ने जिला कलेक्टर , जिले के जनप्रतिनिधियों व राज्य सरकार को आगाह करते हुए बताया कि पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय 13 किलोमीटर दूर किया जाना न्याय संगत नहीं है । अगर प्रशासन एवं राज्य सरकार पाडवा पंचायत समिति का मुख्यालय पुनः पाडवा नहीं करती है तो इस परिक्षेत्र के सभी गांवों में जन आंदोलन होगा । पाडवा लगभग 20 गांवों का केंद्र बिंदु है। सागवाड़ा- उदयपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है , दोनों तरफ दस दस गांव का सर्कल है । ऐसी स्थिति में पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा के बजाय पुनः पाडवा नहीं किया गया तो सत्ता पक्ष को आगामी पंचायती राज चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
Conclusion:गौरतलब है कि पाडवा पूर्व में भी 1956 से 1966 तक विधानसभा क्षेत्र रहा है । जनसभा में कराड़ा सरपंच राजेंद्र परमार , पूर्व सरपंच रूपलाल चरपोटा, उपसरपंच देवीलाल पाटीदार, पंचायत समिति सदस्य, दीपक उपाध्याय , गौतमलाल पाटीदार , धनजी पाटीदार, लालजी पाटीदार, देवेंद्र प्रजापत, देवजी यादव, हिंदू सिंह राव, विजय सिंह के साथ ही आदिवासी समाज, पाटीदार , सुथार ,ब्राह्मण, पंचाल, राव, यादव सहित सर्व समाज के सैकड़ों लोगों ने हाथ ऊंचा करके पंचायत समिति पाडवा का मुख्यालय सरोदा के बजाय पाडवा करने का एक स्वर में प्रस्ताव पारित किया और प्रशासन को आगाह किया। जन सभा को पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भोगीलाल मोडपटेल, त्रिभुवन चौबीसा, सुरेशचंद्र पाटीदार, उद्धवजी पाटीदार और प्रकाश सुथार ने संबोधित किया।

फोटो / कराडा में हुई जन सभा मे विरोध जताते लोग।
वीडियो/ वॉयसओवर और बाइट के साथ
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