डूंगरपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जयपुर से आई जांच टीम गुरुवार सुबह होते ही अचानक डूंगरपुर जिला अस्पताल पंहुच गई. यहां टीम ने निरीक्षण किया तो एक के बाद एक गड़बड़ियां खुलती गई. जिस पर जांच टीम ने भी नाराजगी जताते हुए हिदायत दी. प्रदेश से आई टीम में प्रभारी डॉ. राजेन्द्र गेरा और डॉ. अरुण के नेतृत्व में अस्पताल की जांच के दौरान ऑपरेशन थियेटर, फिर सर्जिकल ऑपरेटिंग वार्ड, ऑफिस, सर्जिकल वार्ड, एक्स-रे विभाग, ऑर्थोपेडिक विभाग और इमरजेंसी का निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल में जगह-जगह गंदगी के हालत मिले. अस्पताल के वार्डों में भी कई जगह कोनो में गंदगी थी तो गुटखों की पिक भी थी. वही शौचालयों की हालत देखकर टीम भड़क गई. शौचायल में बदबू आ रही थी.
ऐसे में सफाई ठेकेदार को बुलाया गया तो वह भी सही जवाब नहीं दे सका तो जांच दल ने सफाई ठेकेदार को ही हटाने के निर्देश जारी कर दिए. वही अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेश पुकार, पीएमओ डॉ. आईएल पंचाल को सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए. वार्डों के निरीक्षण में सर्जिकल वार्ड में पलंग पर लगे हुए गद्दे भी गंदे मिले. वही किसी भी वार्ड में मरीजों के लिए कूलर लगे हुए नहीं थे. जिसके कारण मरीज गर्मी से परेशान दिखे. वही सर्जिकल ऑपरेटिंग वार्ड में लगे हुए 5 एसी में से 4 एसी भी खराब थे. जिला अस्पताल की ऐसी हालत देखकर जांच दल ने संबंधित के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए हैं.
जांच और दवाइयां बाहर से
जांच के दौरान फिमेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीज प्रियंका की जांच रिपोर्ट देखी गई तो उसमें से अधिकतर जांच अस्पताल से बाहर की लैबोरेटरी की दिखी, इस पर टीम ने नाराजगी जताई. वही मरीज के पिता ने यह भी बताया कि कई सारी दवाइयां भी अस्पताल में नही मिलने के कारण से बाहर से ही दवाईयां लानी पड़ी. जिस पर डॉ. गेरा ने कहा कि सरकार निःशुल्क जांच और दवा योजना चला रही है और यहां लापरवाही के कारण मरीजों को पैसा खर्च करना पड़ रहा है. इसके लिए डॉक्टर और स्टाफ को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए. वही भामाशाह योजनों में भी मरीजों को जोड़ने के निर्देश दिए.