डूंगरपुर. जिले के बिछीवाड़ा क्षेत्र के धामोद कवला पीपल वन क्षेत्र में सागवान के हरे पेड़ों की कटाई कर ऊंटों के जरिए तस्करी (Green trees smuggled in Dungarpur) करने का मामला सामने आया है. लकड़ी तस्करी में वनकर्मियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है. लोगों ने इसका एक वीडियो बनाकर वायरल किया है, जिसमें लकड़ी तस्करी करवाते वनकर्मी भी नजर आ रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद डीएफओ ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
मामला गुजरात राज्य से सटे डूंगरपुर जिले के धामोद कवला पीपल वन क्षेत्र का है. क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि जंगल मे सबसे ज्यादा देसी सागवान के पेड़ हैं, जिनकी बाजार में सबसे ज्यादा डिमांड है. जंगल से आए दिन हरे सागवान में पेड़ों की कटाई हो रही है. काटे हुए इन पेड़ों को ऊंटों पर लादकर तस्करी हो रही गई. कटाई के बाद ऊंटों पर तस्करी का लोगों ने वीडियो भी बना दिया. वीडियो में बिछीवाड़ा धामोद वनक्षेत्र के 2 वनकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं.
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ग्रामीणों ने बताया की जंगल से पेड़ों की कटाई कर तस्करी का यह खेल वनकर्मियों की मिलीभगत से हो रहा है. मामले में वीडियो सामने आने के बाद डीएफओ सुपोंग शशि ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. डीएफओ ने बिछीवाड़ा वन क्षेत्र के रेंजर को 5 दिन में जांच पूरी करते हुए वास्तविक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं इस मामले में वनपाल हितेश पटेल ने बताया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट रेंजर को सौंप दी है.
यह पूरा घटनाक्रम 2 फरवरी का है, जब मौके पर दोनों वनरक्षक गए थे. जिन्होने तस्करों से 6 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने की बात कही है, लेकिन लकड़ियों को जब्त करने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया. वन विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है.