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सोमकमला आंबा बांध में 10 किमी के पेटे को छलनी कर रहे बजरी माफिया, मशीनें लगाकर निकाल रहे हजारों टन बजरी

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Published : Dec 7, 2019, 4:45 PM IST

बांध पेटे से अवैध बजरी खनन का कारोबार पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन इस पर कुछ ही मामलों में कार्रवाई की जाती है. कभी कभार ही कार्रवाई की जाती है, जिससे बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है.

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अवैध बजरी खनन

डूंगरपुर. जिले का सबसे बडा सोमकमला आंबा बांध अब बजरी खनन माफियाओं के अड्डा बन गया है. बांध क्षेत्र में हर जगह अवैध बजरी माफिया फैले हुए हैं, जो बांध पेटे को अपने फायदे के लिए छलनी कर रहे हैं. बांध में घर के आकार की बड़ी-बड़ी नावें और उनमें लगी लाखों की मशीन, जिससे बांध की गहराई से बजरी निकाल रहे हैं.

पेटे को छलनी कर रहे बजरी माफिया

आपको बता दें कि बांध में हजारों टन बजरी का अवैध खनन रोजाना हो रहा है और धड़ल्ले से अवैध बजरी का कारोबार चल रहा है. अवैध बजरी खनन को लेकर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और माइनिंग विभाग की ओर से सोमकमला आंबा बांध पर बड़ी कार्रवाई की गई तो मौके पर जो हालात दिखे वे काफी चौंकाने वाले थे.

बांध में बड़ी-बड़ी नावें चल रही थी तो बांध के पीछे की ओर किनारों पर खनन कर लाई जाने वाली बजरी के अड्डे बने थे. जहां बजरी को इकठ्ठा किया जाता है और फिर यहीं से ट्रैक्टर, डंपर और ट्रकों के जरिए बजरी का अवैध परिवहन होता है.

यह भी पढ़ें- Special: आंखों में ठीकरी और कानों में तेल डाले बैठे हैं अधिकारी, अब तक परवन नदी से करोड़ों का हो चुका अवैध खनन

बांध में अवैध तरीके से बजरी खनन करते पुलिस प्रशासन ने 20 से ज्यादा छोटी-बड़ी नावें जब्त की है तो वहीं बजरी माफियाओं ने 3 नावें पानी में ही डूबो दी. वहीं बजरी माफिया अपनी नावों को भगाकर उदयपुर जिले की सीमा की ओर चले गए और नावों को छुपा दिया. यह नावें एक घर के आकार की बड़ी-बड़ी थी तो वहीं कुछ छोटी नावें भी थी. इन नावों पर बांध की गहराई से बजरी निकालने के लिए मशीनें लगी हुई थी जो पाइप से बजरी को खींचकर नाव में भरने के बाद उन्हें किनारों पर लाकर एकत्रित किया जाता है.

यह भी पढ़ें- डूंगरपुर: सोम कमला आंबा बांध में अवैध बजरी खनन पर बड़ी कार्रवाई, 200 टन बजरी और 20 नाव जब्त

बांध में मिली इन बड़ी नावों में एक बार में करीब 30 से 35 टन बजरी भरी जाती है और फिर उन्हें बाहर अलग-अलग जगहों पर इकट्ठा किया जाता था.

एक दर्जन से ज्यादा बजरी खनन के ठिकाने...

बांध क्षेत्र में वाडाकुंडली, रघुनाथपुरा, देवला, सकानी, करेलिया, मूंगाणा, इंदौडा सहित कई ठिकानों पर बजरी माफियाओं ने अपने अड्डे बना रखे हैं. जहा बांध से निकाली जाने वाली बजरी को एकत्रित किया जाता है. इसके बाद यही से वाहनों में भरकर बजरी की सप्लाई की जाती है.

कई सालों से चल रहा अवैध बजरी का कारोबार...

बांध पेटे से अवैध बजरी खनन का कारोबार पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन इस पर कुछ ही मामलों में कार्रवाई की जाती है. कभी कभार ही कार्रवाई की जाती है, जिससे बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है. इसी वजह से की एक बार कार्रवाई होने पर 5 से 10 दिनों बाद फिर से बजरी खनन का काम धड़ल्ले से शुरू हो जाता है. ऐसे में बजरी माफिया लाखो रुपये कमा रहे है. ऐसे में एक बार कार्रवाई में जितना नुकसान होता है, उससे ज्यादा वे कमा लेते है.

डूंगरपुर. जिले का सबसे बडा सोमकमला आंबा बांध अब बजरी खनन माफियाओं के अड्डा बन गया है. बांध क्षेत्र में हर जगह अवैध बजरी माफिया फैले हुए हैं, जो बांध पेटे को अपने फायदे के लिए छलनी कर रहे हैं. बांध में घर के आकार की बड़ी-बड़ी नावें और उनमें लगी लाखों की मशीन, जिससे बांध की गहराई से बजरी निकाल रहे हैं.

पेटे को छलनी कर रहे बजरी माफिया

आपको बता दें कि बांध में हजारों टन बजरी का अवैध खनन रोजाना हो रहा है और धड़ल्ले से अवैध बजरी का कारोबार चल रहा है. अवैध बजरी खनन को लेकर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और माइनिंग विभाग की ओर से सोमकमला आंबा बांध पर बड़ी कार्रवाई की गई तो मौके पर जो हालात दिखे वे काफी चौंकाने वाले थे.

बांध में बड़ी-बड़ी नावें चल रही थी तो बांध के पीछे की ओर किनारों पर खनन कर लाई जाने वाली बजरी के अड्डे बने थे. जहां बजरी को इकठ्ठा किया जाता है और फिर यहीं से ट्रैक्टर, डंपर और ट्रकों के जरिए बजरी का अवैध परिवहन होता है.

यह भी पढ़ें- Special: आंखों में ठीकरी और कानों में तेल डाले बैठे हैं अधिकारी, अब तक परवन नदी से करोड़ों का हो चुका अवैध खनन

बांध में अवैध तरीके से बजरी खनन करते पुलिस प्रशासन ने 20 से ज्यादा छोटी-बड़ी नावें जब्त की है तो वहीं बजरी माफियाओं ने 3 नावें पानी में ही डूबो दी. वहीं बजरी माफिया अपनी नावों को भगाकर उदयपुर जिले की सीमा की ओर चले गए और नावों को छुपा दिया. यह नावें एक घर के आकार की बड़ी-बड़ी थी तो वहीं कुछ छोटी नावें भी थी. इन नावों पर बांध की गहराई से बजरी निकालने के लिए मशीनें लगी हुई थी जो पाइप से बजरी को खींचकर नाव में भरने के बाद उन्हें किनारों पर लाकर एकत्रित किया जाता है.

यह भी पढ़ें- डूंगरपुर: सोम कमला आंबा बांध में अवैध बजरी खनन पर बड़ी कार्रवाई, 200 टन बजरी और 20 नाव जब्त

बांध में मिली इन बड़ी नावों में एक बार में करीब 30 से 35 टन बजरी भरी जाती है और फिर उन्हें बाहर अलग-अलग जगहों पर इकट्ठा किया जाता था.

एक दर्जन से ज्यादा बजरी खनन के ठिकाने...

बांध क्षेत्र में वाडाकुंडली, रघुनाथपुरा, देवला, सकानी, करेलिया, मूंगाणा, इंदौडा सहित कई ठिकानों पर बजरी माफियाओं ने अपने अड्डे बना रखे हैं. जहा बांध से निकाली जाने वाली बजरी को एकत्रित किया जाता है. इसके बाद यही से वाहनों में भरकर बजरी की सप्लाई की जाती है.

कई सालों से चल रहा अवैध बजरी का कारोबार...

बांध पेटे से अवैध बजरी खनन का कारोबार पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन इस पर कुछ ही मामलों में कार्रवाई की जाती है. कभी कभार ही कार्रवाई की जाती है, जिससे बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है. इसी वजह से की एक बार कार्रवाई होने पर 5 से 10 दिनों बाद फिर से बजरी खनन का काम धड़ल्ले से शुरू हो जाता है. ऐसे में बजरी माफिया लाखो रुपये कमा रहे है. ऐसे में एक बार कार्रवाई में जितना नुकसान होता है, उससे ज्यादा वे कमा लेते है.

Intro:डूंगरपुर। जिले का सबसे बडा सोमकमला आंबा बांध अब बजरी खनन माफियाओं के अड्डा बन गया है, बांध क्षेत्र में जहां देखो वहां अवैध बजरी माफिया फैले हुए है जो बांध पेटे को अपने फायदे के लिए छलनी कर रहे। बांध में घर के आकार की बड़ी-बड़ी नावे और उनमें लगे लाखो के मशीन, जिससे बांध की गहराई से पानी का सोना (बजरी) निकाल रहे है। हजारो टन बजरी का अवैध खनन रोजाना हो रहा है और धड़ल्ले से अवैध बजरी का कारोबार चल रहा है।


Body:अवैध बजरी खनन को लेकर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और माइनिंग विभाग की ओर से सोमकमला आंबा बांध पर बड़ी कार्रवाई की गई तो मौके पर जो हालात दिखे वे काफी चौकाने वाले थे। बांध में बड़ी-बड़ी नावे चल रही थी तो बांध के पीछे की ओर किनारों पर खनन कर लाई जाने वाली बजरी के अड्डे बने थे, जहां बजरी को इकठ्ठा किया जाता है और फिर यही से ट्रैक्टर, डंपर और ट्रको के जरिये बजरी का अवैध परिवहन होता है।
बांध में अवैध तरीके से बजरी खनन करते पुलिस, प्रशासन ने 20 से ज्यादा छोटी-बड़ी नावे जब्त की है तो वहीं बजरी माफियाओं ने 3 नावे पानी मे ही डूबो दी। वहीं बजरी माफिया अपनी नावों को भगाकर उदयपुर जिले की सीमा की ओर चले गए और नावों को छुपा दिया। यह नावे एक घर के आकार की बड़ी-बड़ी थी तो वहीं कुछ छोटी नावे भी थी। इन नावों पर बांध की गहराई से बजरी निकालने के लिए सक्षण मशीनें लगी हुई थी जो पाइप से बजरी को खींचकर नाव में भरने के बाद उन्हें किनारों पर लाकर एकत्रित किया जाता है। बांध में मिली इन बड़ी नावो में एक बार मे करीब 30 से 35 टन बजरी भरी जाती है ओर फिर उन्हें बाहर अलग-अलग जगहों पर इकट्ठा किया जाता था।

- एक दर्जन से ज्यादा बजरी खनन के ठिकाने
बांध क्षेत्र में वाडाकुंडली, रघुनाथपुरा, देवला, सकानी, करेलिया, मूंगाणा, इंदौडा सहित कई ठिकानों पर बजरी माफियाओं ने अपने अड्डे बना रहे है, जहा बांध से निकाली जाने वाली बजरी को एकत्रित किया जाता है। इसके बाद यही से वाहनों में भरकर बजरी की सप्लाई होती है।

- कई सालों से चल रहा अवैध बजरी का कारोबार, कार्रवाई कभी कभार ही
बांध पेटे से अवैध बजरी खनन का कारोबार पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन इस पर कभी कभार ही कार्रवाई की जाती है, जिससे बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है। यहीं वजह से की एक बार कार्रवाई होने पर 5 से 10 दिनों बाद फिर से बजरी खनन का काम धड़ल्ले से शुरू हो जाता है। ऐसे में बजरी माफिया लाखो रुपये कमा रहे है। ऐसे में एक बार कार्रवाई में जितना नुकसान होता है उससे ज्यादा वे कमा लेते है।

बाईट- जय यादव, एसपी डूंगरपुर।


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