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डूंगरपुर: शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स का कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन - Sequential picket display

डूंगरपुर में शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स सोमवार से आंदोलन पर उतर गए हैं. शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स संघ ने कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है.

गहलोत सरकार  शिक्षाकर्मी  पैराटीचर्स  शिक्षकों का प्रदर्शन  Teachers performance  Paratychers  Teaching staff  Gehlot Government  Dungarpur News
कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन
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Published : Mar 15, 2021, 4:50 PM IST

डूंगरपुर. जिले भर के शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. शिक्षाकर्मी पैराटीचर्स ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया और सरकार पर अपनी मांगों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.

कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन

धरने को संबोधित करते हुए शिक्षाकर्मी कांतिलाल ने कहा, साल 1984 से शिक्षाकर्मी और साल 1999 से पैराटीचर्स राजीव गांधी पाठशालाओं में नियुक्त हैं. वे स्कूलों में एक शिक्षक की तरह बच्चों का शैक्षणिक कार्य करवा रहे हैं. प्रदेश भर के पैराटीचर्स नियमित करने और मानदेय बढ़ाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं. इसके बाद जो सरकार आई उसने सत्ता हासिल करने के लिए शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स से नियमित करने के वादे किए. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकारों ने ध्यान नहीं दिया और शिक्षाकर्मी पैराटीचर्स आज भी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: डूंगरपुर में भाजपा का गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल

शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स ने कहा, स्कूलों में पढ़ाई करवाते 22 साल का समय गुजर गया है. वहीं किसी अन्य नौकरी के लिए उम्र पार हो गई है. सरकार की ओर से नाममात्र का मानदेय दिया जा रहा है, जिससे घर चलाना सम्भव नहीं है. शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स ने कहा, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.

डूंगरपुर. जिले भर के शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. शिक्षाकर्मी पैराटीचर्स ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया और सरकार पर अपनी मांगों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.

कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन

धरने को संबोधित करते हुए शिक्षाकर्मी कांतिलाल ने कहा, साल 1984 से शिक्षाकर्मी और साल 1999 से पैराटीचर्स राजीव गांधी पाठशालाओं में नियुक्त हैं. वे स्कूलों में एक शिक्षक की तरह बच्चों का शैक्षणिक कार्य करवा रहे हैं. प्रदेश भर के पैराटीचर्स नियमित करने और मानदेय बढ़ाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं. इसके बाद जो सरकार आई उसने सत्ता हासिल करने के लिए शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स से नियमित करने के वादे किए. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकारों ने ध्यान नहीं दिया और शिक्षाकर्मी पैराटीचर्स आज भी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं.

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शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स ने कहा, स्कूलों में पढ़ाई करवाते 22 साल का समय गुजर गया है. वहीं किसी अन्य नौकरी के लिए उम्र पार हो गई है. सरकार की ओर से नाममात्र का मानदेय दिया जा रहा है, जिससे घर चलाना सम्भव नहीं है. शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स ने कहा, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक कलेक्ट्री के सामने क्रमिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.

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