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डूंगरपुर में बालश्रम रोकने के लिए सरकारी और गैर सरकारी विभाग की बैठक, ADM ने दिए निर्देश

डूंगरपुर में बालश्रम को लेकर यूनिसेफ, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी, समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने गांवों और शहरी क्षेत्रों में बालश्रम रोकने को लेकर दिशा निर्देश दिए.

in Dungarpur news, Government and non-government department meeting
डूंगरपुर में बालश्रम रोकने के लिए सरकारी और गैर सरकारी विभाग की बैठक
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Published : Mar 16, 2021, 9:17 PM IST

डूंगरपुर. बालश्रम को लेकर यूनिसेफ, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी एवं समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक अतिरिक्त जिला केलक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई. इस बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर चौहान ने गांवों और शहरी क्षेत्रों में बालश्रम रोकने को लेकर कमेटियां बनाकर प्रभावी मॉनिटरिंग करने एवं जगह-जगह पर जागरूकता के लिए काउंसलिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने ब्लॉक स्तर पर रात्रि चौपाल, जनसुनवाई, नरेगा कार्य स्थलों एवं ग्राम सभाओ में जागरूकता के लिए पुलिस विभाग के सहयोग के साथ मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस थाना क्षेत्रों में कांस्टेबलों द्वारा अपने-अपने बीट क्षेत्र में लोगों से जानकारी लेते हुए जागरूक करने एवं संदिग्ध पाए जाने पर संबंधित विभाग एवं संस्थान को जानकारी देने को कहा है. एडीएम ने संस्थाओं में निवासरत छात्रों के कोरोना संक्रमण बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए समय-समय पर स्कूलों ओर छात्रावासों में निवासरत बच्चों की कोरोना सैम्पलिंग कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों में अध्ययनरत नाबालिग छात्राएं गुमराह होकर पढ़ाई छोडकर अन्यत्र चली जाती है, उसको रोकने के लिए समय-समय पर जागरूक करने की आवश्यकता है.

बैठक में यूनिसेफ संभाग प्रभारी सिन्धु बीनूजीत ने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्कूलों एवं छात्रावासों में पुलिस के द्वारा वात्सल्य वार्ता का आयोजन कर बाल संरक्षण को रोकने की प्रभावी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभाग वार योजना बनाकर बालश्रम को रोकने एवं अन्य राज्यों को जाने वाले नाबालिंग की मॉनिटरिंग करते हुए सूचना देने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं वार्ड पंचों के माध्यम से जानकारी लेते हुए उनकी छानबीन करने की बात कही. बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि मॉनिटरिंग के लिए विभाग की ओर से गांवों में कमेटियां बनाई हुई हैं. उक्त कमेटियों में सरपंच, वार्डपंच, थानाधिकारी एवं समाज सेवको को जोड़ा गया है. उनके द्वारा संदिग्ध पाए जाने पर 1098 पर सूचना देने के बारे में जानकारी दी हुई है.

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बैठक में चाइल्ड लाइन के कोडीनेटर मुकेश गौड़ ने बताया कि 1098 पर किसी प्रकार की सूचना मिलने पर उपलब्ध काउंसलर द्वारा पुलिस को सूचना दे दी जाती है, जिससे तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाती है. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक कमला परमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा आंगनबाड़ी सेंटर पर आने वाली किशोरी बालिकाओं को जागरूक किया जाता है, जिससे बालिकाएं गुमराह नहीं हो सकें. इस पर एडीएम ने उप निदेशक कमला परमार को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाली किशोरी बालिकाओं की सूचियां बनाकर संधारण करके देने के निर्देश दिए हैं. बैठक में पुलिस विभाग के मोगाराम ने बताया कि पुलिस थानो में पुलिस बाल मित्र उपलब्ध है, उसके द्वारा बीट प्रभारियों से जानकारी लेते हुए बालश्रम एवं नाबालिंग के प्रवास होने की जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाती है.

डूंगरपुर. बालश्रम को लेकर यूनिसेफ, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी एवं समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक अतिरिक्त जिला केलक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई. इस बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर चौहान ने गांवों और शहरी क्षेत्रों में बालश्रम रोकने को लेकर कमेटियां बनाकर प्रभावी मॉनिटरिंग करने एवं जगह-जगह पर जागरूकता के लिए काउंसलिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने ब्लॉक स्तर पर रात्रि चौपाल, जनसुनवाई, नरेगा कार्य स्थलों एवं ग्राम सभाओ में जागरूकता के लिए पुलिस विभाग के सहयोग के साथ मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस थाना क्षेत्रों में कांस्टेबलों द्वारा अपने-अपने बीट क्षेत्र में लोगों से जानकारी लेते हुए जागरूक करने एवं संदिग्ध पाए जाने पर संबंधित विभाग एवं संस्थान को जानकारी देने को कहा है. एडीएम ने संस्थाओं में निवासरत छात्रों के कोरोना संक्रमण बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए समय-समय पर स्कूलों ओर छात्रावासों में निवासरत बच्चों की कोरोना सैम्पलिंग कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों में अध्ययनरत नाबालिग छात्राएं गुमराह होकर पढ़ाई छोडकर अन्यत्र चली जाती है, उसको रोकने के लिए समय-समय पर जागरूक करने की आवश्यकता है.

बैठक में यूनिसेफ संभाग प्रभारी सिन्धु बीनूजीत ने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्कूलों एवं छात्रावासों में पुलिस के द्वारा वात्सल्य वार्ता का आयोजन कर बाल संरक्षण को रोकने की प्रभावी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभाग वार योजना बनाकर बालश्रम को रोकने एवं अन्य राज्यों को जाने वाले नाबालिंग की मॉनिटरिंग करते हुए सूचना देने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं वार्ड पंचों के माध्यम से जानकारी लेते हुए उनकी छानबीन करने की बात कही. बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि मॉनिटरिंग के लिए विभाग की ओर से गांवों में कमेटियां बनाई हुई हैं. उक्त कमेटियों में सरपंच, वार्डपंच, थानाधिकारी एवं समाज सेवको को जोड़ा गया है. उनके द्वारा संदिग्ध पाए जाने पर 1098 पर सूचना देने के बारे में जानकारी दी हुई है.

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बैठक में चाइल्ड लाइन के कोडीनेटर मुकेश गौड़ ने बताया कि 1098 पर किसी प्रकार की सूचना मिलने पर उपलब्ध काउंसलर द्वारा पुलिस को सूचना दे दी जाती है, जिससे तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाती है. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक कमला परमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा आंगनबाड़ी सेंटर पर आने वाली किशोरी बालिकाओं को जागरूक किया जाता है, जिससे बालिकाएं गुमराह नहीं हो सकें. इस पर एडीएम ने उप निदेशक कमला परमार को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाली किशोरी बालिकाओं की सूचियां बनाकर संधारण करके देने के निर्देश दिए हैं. बैठक में पुलिस विभाग के मोगाराम ने बताया कि पुलिस थानो में पुलिस बाल मित्र उपलब्ध है, उसके द्वारा बीट प्रभारियों से जानकारी लेते हुए बालश्रम एवं नाबालिंग के प्रवास होने की जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाती है.

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