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डूंगरपुर: ग्राम पंचायतों में तालेबंदी से कामकाज प्रभावित, वित्तीय अधिकार की मांग पर अड़े सरपंच

डूंगरपुर में सरपंचों ने अपने वित्तीय अधिकारों को लेकर ग्राम पंचायतों में तालेबंदी कर दी है. तालेबंदी से ग्राम पंचायतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है और आमजन को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है. इस दौरान सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष लीलाराम वरहात ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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डूंगरपुर में वित्तीय अधिकार की मांग पर अड़े सरपंच
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Published : Jan 22, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Jan 22, 2021, 10:51 AM IST

डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से वित्तीय अधिकार छीन लेने के बाद से सरपंच आंदोलन पर कर रहे हैं. सरपंचों ने ग्राम पंचायतों में तालेबंदी कर दी गई है और जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक तालेबंदी को जारी रखने की चेतावनी भी दी है. सरपंचों की तालेबंदी से ग्राम पंचायतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है और आमजन को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है.

पढ़ें: अलवर: किसानों के खाद के कट्टे लेकर फरार हुआ ट्रॉला चालक... पुलिस ने पकड़ा... लेकिन नहीं हुआ समस्या का समाधान

सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष लीलाराम वरहात ने कहा कि राज्य सरकार ने सरपंचों के वित्तीय अधिकार छीनकर उन्हें निष्प्रभावी कर दिया है. इससे सरपंच के पास अब ग्राम पंचायत में किसी भी तरह का कोई भी छोटा-मोटा काम करवाने का अधिकार भी नहीं रह गया है, जबकि ग्राम पंचायत का सरपंच सरकार की सबसे निचली कड़ी है. वरहात ने कहा कि पंचायतों पर तालेबंदी के कारण गांवों के विकास के काम ठप्प हो गए हैं. पंचायत में ना ग्राम विकास अधिकारी जा सकेगा और ना ही लोगों की समस्याएं सुनी जा सकेगी. मनरेगा के तहत नए मस्टरोल भी स्वीकृत नहीं होंगे और भुगतान भी प्रभावित होगा. सरपंच संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें: घूसखोर SDM की शादी की राह में रोड़े, बिजली कनेक्शन कटा, लग्जरी होटल भी बुक लेकिन नहीं मिली जमानत

गौरतलब है कि प्रदेशभर में सरपंच वित्तीय अधिकार छीन जाने को लेकर आंदोलन की राह पर है. सरपंच 21 जनवरी से पंचायत भवनों पर तालेबंदी कर सरकार के खिलाफ उतरे हैं. सरपंच संघ की ओर से डूंगरपुर विधायक और यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा को भी ज्ञापन सौंपा है. सरपंचों ने उनकों अपनी मांगों से अवगत करवाते हुए सरकार के सामने पैरवी करने की मांग रखी है

डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से वित्तीय अधिकार छीन लेने के बाद से सरपंच आंदोलन पर कर रहे हैं. सरपंचों ने ग्राम पंचायतों में तालेबंदी कर दी गई है और जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक तालेबंदी को जारी रखने की चेतावनी भी दी है. सरपंचों की तालेबंदी से ग्राम पंचायतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है और आमजन को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है.

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सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष लीलाराम वरहात ने कहा कि राज्य सरकार ने सरपंचों के वित्तीय अधिकार छीनकर उन्हें निष्प्रभावी कर दिया है. इससे सरपंच के पास अब ग्राम पंचायत में किसी भी तरह का कोई भी छोटा-मोटा काम करवाने का अधिकार भी नहीं रह गया है, जबकि ग्राम पंचायत का सरपंच सरकार की सबसे निचली कड़ी है. वरहात ने कहा कि पंचायतों पर तालेबंदी के कारण गांवों के विकास के काम ठप्प हो गए हैं. पंचायत में ना ग्राम विकास अधिकारी जा सकेगा और ना ही लोगों की समस्याएं सुनी जा सकेगी. मनरेगा के तहत नए मस्टरोल भी स्वीकृत नहीं होंगे और भुगतान भी प्रभावित होगा. सरपंच संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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गौरतलब है कि प्रदेशभर में सरपंच वित्तीय अधिकार छीन जाने को लेकर आंदोलन की राह पर है. सरपंच 21 जनवरी से पंचायत भवनों पर तालेबंदी कर सरकार के खिलाफ उतरे हैं. सरपंच संघ की ओर से डूंगरपुर विधायक और यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा को भी ज्ञापन सौंपा है. सरपंचों ने उनकों अपनी मांगों से अवगत करवाते हुए सरकार के सामने पैरवी करने की मांग रखी है

Last Updated : Jan 22, 2021, 10:51 AM IST
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