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डूंगरपुर में रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम से चलाया जा रहा फर्जी क्लीनिक, जांच शुरू

डूंगरपुर में एक रजिस्टर्ड निजी अस्पताल के नाम पर फर्जी क्लीनिक का मामला सामने आया है. दरअसल, इस अस्पताल के लेटर पैड ओर सील और स्टैंप का दुष्प्रयोग किया जा रहा है. अस्पातल संचालक ने इस मामले की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज करवाई है. जिस पर पुलिस ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है.

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Published : Nov 19, 2019, 12:37 PM IST

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डूंगरपुर. शहर में एक रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम पर फर्जी क्लीनिक चलाने का मामला सामने आया है. अस्पताल के लेटर पेड़ और सील का दुरुपयोग कर फर्जी तरह से क्लीनिक चलाया जा रहा है. अस्पताल के डायरेक्टर और कंज्यूमर राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के जोनल चेयरमैन जिनेंद्र गुप्ता ने बताया कि 14 नवंबर को एक व्यक्ति उनके अस्पताल में आया. जिसने ममता कार्ड और अस्पताल का लेटर पैड दिखाते हुए लक्ष्मी नाम की महिला की फाइल के अगला-बदली होने की जानकारी दी.

रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम पर फर्जीवाड़ा

उस व्यक्ति ने अपनी असली फाइल की मांग की. जबकि उसके पास लक्ष्मी पत्नी शंकर कटारा निवासी गोकुलपुरा के नाम की महिला की फाइल थी. गुप्ता ने बताया कि ममता कार्ड के साथ अस्पताल का लेटर पैड और उस पर लगी सील उनके अस्पताल की जैसी हूबहू थी, लेकिन वह उनके अस्पताल का नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके इस मामले की जांच करने पर लक्ष्मी नाम की महिला की डिलीवरी पार्श्व वरदान क्लिनिक में हुई थी. जबकि दवा के लिए लेटर पैड ओर सील ज्योति अस्पताल के इस्तेमाल किए गए. जो पूरी तरह से षड्यंत्र पूर्वक कार्य किया जा रहा है.

पढे़ं- SMS हॉस्पिटल में मरीज के परिजन और रेजीडेंट डॉक्टर्स के बीच झड़प

गौरतलब है कि पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि क्लीनिक में पप्पू यादव और देवीलाल हड़ात जो पहले उनके अस्पताल में काम करते थे. वहीं अस्पताल के नाम के लेटर पेड़ ओर सील का गलत उपयोग करते हुए फर्जी तरह से क्लिनिक चला रहे हैं. गुप्ता ने मामले में पुलिस प्रशासन से जांच करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है. उन्होंने यह भी कहा है कि जिले में कई अवैध तरीके से फर्जी दवाखाने चल रहे है. जहां पर बिना किसी डिग्री के कार्मिक लोगो का इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है. ऐसे फर्जी दवाखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी रखी है.

डूंगरपुर. शहर में एक रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम पर फर्जी क्लीनिक चलाने का मामला सामने आया है. अस्पताल के लेटर पेड़ और सील का दुरुपयोग कर फर्जी तरह से क्लीनिक चलाया जा रहा है. अस्पताल के डायरेक्टर और कंज्यूमर राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के जोनल चेयरमैन जिनेंद्र गुप्ता ने बताया कि 14 नवंबर को एक व्यक्ति उनके अस्पताल में आया. जिसने ममता कार्ड और अस्पताल का लेटर पैड दिखाते हुए लक्ष्मी नाम की महिला की फाइल के अगला-बदली होने की जानकारी दी.

रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम पर फर्जीवाड़ा

उस व्यक्ति ने अपनी असली फाइल की मांग की. जबकि उसके पास लक्ष्मी पत्नी शंकर कटारा निवासी गोकुलपुरा के नाम की महिला की फाइल थी. गुप्ता ने बताया कि ममता कार्ड के साथ अस्पताल का लेटर पैड और उस पर लगी सील उनके अस्पताल की जैसी हूबहू थी, लेकिन वह उनके अस्पताल का नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके इस मामले की जांच करने पर लक्ष्मी नाम की महिला की डिलीवरी पार्श्व वरदान क्लिनिक में हुई थी. जबकि दवा के लिए लेटर पैड ओर सील ज्योति अस्पताल के इस्तेमाल किए गए. जो पूरी तरह से षड्यंत्र पूर्वक कार्य किया जा रहा है.

पढे़ं- SMS हॉस्पिटल में मरीज के परिजन और रेजीडेंट डॉक्टर्स के बीच झड़प

गौरतलब है कि पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि क्लीनिक में पप्पू यादव और देवीलाल हड़ात जो पहले उनके अस्पताल में काम करते थे. वहीं अस्पताल के नाम के लेटर पेड़ ओर सील का गलत उपयोग करते हुए फर्जी तरह से क्लिनिक चला रहे हैं. गुप्ता ने मामले में पुलिस प्रशासन से जांच करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है. उन्होंने यह भी कहा है कि जिले में कई अवैध तरीके से फर्जी दवाखाने चल रहे है. जहां पर बिना किसी डिग्री के कार्मिक लोगो का इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है. ऐसे फर्जी दवाखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी रखी है.

Intro:डूंगरपुर। शहर में एक रजिस्टर्ड निजी अस्पताल के नाम पर फर्जी क्लीनिक का मामला सामने आया है। इसके बाद अस्पताल संचालक ने इस मामले की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज करवाई है, जिस पर पुलिस ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है।Body:दरअसल मामला शहर के जीवन ज्योति अस्पताल से जुड़ा हुआ है। अस्पताल के डायरेक्टर और कंज्यूमर राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के जोनल चेयरमैन जिनेंद्र गुप्ता ने बताया कि 14 नवंबर को एक व्यक्ति उनके अस्पताल में आया, जिसने ममता कार्ड और अस्पताल का लेटर पैड दिखाते हुए लक्ष्मी नाम की महिला की फाइल के अगला-बदली होने की जानकारी दी। उस व्यक्ति ने अपनी असली फाइल की मांग की, जबकि उसके पास लक्ष्मी पत्नी शंकर कटारा निवासी गोकुलपुरा के नाम की महिला की फाइल थी।
गुप्ता ने बताया कि ममता कार्ड के साथ अस्पताल का लेटर पैड और उस पर लगी सील उनके अस्पताल की जैसी हूबहू थी, लेकिन वह उनके अस्पताल का नहीं था। उन्होंने कहा कि उनके अस्पताल का लेटर पेड़ और सील का दुरुपयोग कर फर्जी तरह से क्लीनिक चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच करने पर लक्ष्मी नाम की महिला की डिलीवरी पार्श्व वरदान क्लिनिक में हुई थी, जबकि दवा के लिए लेटर पैड ओर सील ज्योति अस्पताल के इस्तेमाल किये गए, जो पूरी तरह से षड्यंत्र पूर्वक कार्य किया जा रहा है। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है की क्लीनिक में पप्पू यादव और देवीलाल हड़ात जो पहले उनके अस्पताल में काम करते थे। वहीं अस्पताल के नाम के लेटर पेड़ ओर सील का गलत उपयोग करते हुए फर्जी तरह से क्लिनिक चला रहे हैं। गुप्ता ने मामले में पुलिस प्रशासन से जांच करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है। उन्होंने यह भी कहा है कि जिले में कई अवैध तरीके से फर्जी दवाखाने चल रहे है, जहां पर बिना किसी डिग्री के कार्मिक लोगो का इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे फर्जी दवाखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी रखी है।

बाईट- जिनेंद्र गुप्ता, डायरेक्टर जीवन ज्योति अस्पताल और जोनल चेयरमैन कन्जयूमर राइट्स ऑर्गनाइजेशन।Conclusion:
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