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डूंगरपुर कर्जमाफी घोटाले में अधिकारियों पर गिरी गाज, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का MD एपीओ

कर्जमाफ़ी में हुए घोटालो को लेकर डूंगरपुर जिले के किसान पिछले डेढ़ महीने आंदोलन कर रहे हैं. इन किासनों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन सेंक्शन कर अवैध तरीके से कर्जमाफी के दायरे में लाया गया था.

डूंगरपुर कर्जमाफी घोटाले में अधिकारियों पर गिरी गाज
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Published : Feb 25, 2019, 9:29 PM IST

डूंगरपुर. पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए किसान कर्जमाफी में घोटाले की परतें उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच भी करवा दी और अब डेढ़ महीने बाद इस मामले में पहली गाज गिरी है. मामले को लेकर दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है.

कर्जमाफ़ी में हुए घोटालो को लेकर डूंगरपुर जिले के किसान पिछले डेढ़ महीने आंदोलन कर रहे हैं. इन किासनों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन सेंक्शन कर अवैध तरीके से कर्जमाफी के दायरे में लाया गया था. जिले में ऐसी करीब 2 दर्जन से ज्यादा लेम्प्स और करीब 2000 से ज्यादा शिकायतें प्रशासन और सहकारिता विभाग को मिली थी.

शिकायत मिलने के बाद सरकार के निर्देश पर सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने एक्शन लेते हुए मामले की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम जयपुर से भेजी थी. टीम ने एक सप्ताह तक शिकायत वाली सभी लेम्प्स के लेनदेन और रिकॉर्ड की जांच रिपोर्ट रजिस्ट्रार सौंप दी थी. अब इस मामले में पहली कार्रवाई सामने आई है जिसके तहत डूंगरपुर दी-सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक हिरालाल यादव को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है.

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हिरालाल यादव की जगह पर अनिमेष पुरोहित को बैंक का एमडी नियुक्त किया है. हालांकि अब तक सरकार की ओर से लेम्प्स में हुए घोटाले को लेकर क्या जांच हुई, किस तरह की गड़बड़ियां की गई, इसकी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है. लेकिन डूंगरपुर दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी पर हुई इस कार्रवाई से कर्जमाफी में घोटाले की पुष्टि जरूर हो गई है.

गौरतलब है कि डेढ़ महीने पहले जब लेम्प्स में घोटाले के मामले सामने आए तब दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी ने शिकायत वाली 26 लेम्प्स के व्यवस्थापकों को हटाने के आदेश जारी कर दिए थे. वहीं अब एमडी पर कार्रवाई हुई है तो माना जा रहा है कि घोटाले की परतें खुलने के साथ ही इसमे लिप्त सभी अधिकारियों या कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

डूंगरपुर. पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए किसान कर्जमाफी में घोटाले की परतें उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच भी करवा दी और अब डेढ़ महीने बाद इस मामले में पहली गाज गिरी है. मामले को लेकर दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है.

कर्जमाफ़ी में हुए घोटालो को लेकर डूंगरपुर जिले के किसान पिछले डेढ़ महीने आंदोलन कर रहे हैं. इन किासनों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन सेंक्शन कर अवैध तरीके से कर्जमाफी के दायरे में लाया गया था. जिले में ऐसी करीब 2 दर्जन से ज्यादा लेम्प्स और करीब 2000 से ज्यादा शिकायतें प्रशासन और सहकारिता विभाग को मिली थी.

शिकायत मिलने के बाद सरकार के निर्देश पर सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने एक्शन लेते हुए मामले की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम जयपुर से भेजी थी. टीम ने एक सप्ताह तक शिकायत वाली सभी लेम्प्स के लेनदेन और रिकॉर्ड की जांच रिपोर्ट रजिस्ट्रार सौंप दी थी. अब इस मामले में पहली कार्रवाई सामने आई है जिसके तहत डूंगरपुर दी-सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक हिरालाल यादव को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है.

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हिरालाल यादव की जगह पर अनिमेष पुरोहित को बैंक का एमडी नियुक्त किया है. हालांकि अब तक सरकार की ओर से लेम्प्स में हुए घोटाले को लेकर क्या जांच हुई, किस तरह की गड़बड़ियां की गई, इसकी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है. लेकिन डूंगरपुर दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी पर हुई इस कार्रवाई से कर्जमाफी में घोटाले की पुष्टि जरूर हो गई है.

गौरतलब है कि डेढ़ महीने पहले जब लेम्प्स में घोटाले के मामले सामने आए तब दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी ने शिकायत वाली 26 लेम्प्स के व्यवस्थापकों को हटाने के आदेश जारी कर दिए थे. वहीं अब एमडी पर कार्रवाई हुई है तो माना जा रहा है कि घोटाले की परतें खुलने के साथ ही इसमे लिप्त सभी अधिकारियों या कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

Intro:डूंगरपुर। पूर्ववर्ती सरकार के समय हुई किसानों कर्जमाफी में घोटाले की परतें उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच भी करवा दी और अब डेढ़ महीने बाद इस मामले में पहली गाज गिरी है। दी-सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया गया है। ऐसे के माना जा रहा है कि आगामी दिनों में घोटाले करने वालो पर भी गाज गिर सकती है।


Body:डूंगरपुर जिले की बात करे तो किसानों की कर्जमाफ़ी में हुए घोटालो को लेकर डेढ़ महीने से जिले के किसान आंदोलन कर रहे है ओर उनके नाम से फर्जी तरीके से लोन लेकर कर्जमाफी की शिकायतें है। जिले में ऐसी करीब 2 दर्जन से ज्यादा लेम्प्स करीब 2000 से ज्यादा शिकायते प्रशासन और सहकारिता विभाग को मिली थी। जिस पर सरकार ओर सहकारिता के रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने एक्शन लेते हुए मामले की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम जयपुर से भेजी जिन्होने एक सप्ताह तक शिकायत वाली सभी लेम्प्स के लेनदेन ओर रिकॉर्ड की जांच के बाद रिपोर्ट रजिस्ट्रार सहकारिता को भेज दी ओर अब मामले में पहली कार्रवाई सामने आई है जिसमे डूंगरपुर दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक हिरालाल यादव को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है। उनकी जगह पर अनिमेष पुरोहित को बैंक का एमडी नियुक्त किया है।
हालांकि अब तक सरकार की ओर से लेम्प्स में हुए घोटाले की किसी तरह की कोई रिपोर्ट सामने नही आई है जिसमे घोटाला किस स्तर पर हुआ है या किस लेम्प्स में कितना फर्जीवाड़ा हुआ है लेकिन डूंगरपुर दी सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी पर हुई इस कार्रवाई से कर्जमाफी में घोटाले की पुष्टि जरूर कर रही है।
गोरतलब है कि डेढ़ महीने पहले जब लेम्प्स में घोटाले के मामले सामने आए तब दी सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एमडी ने शिकायत वाली 26 लेम्प्स के व्यवस्थापको को हटाने के आदेश जारी कर दिए थे। वही अब एमडी पर कार्रवाई हुई है तो माना जा रहा है कि घोटाले की परतें खुलने के साथ ही इसमे लिप्त सभी अधिकारियों या कर्मचारियो पर भी कार्रवाई की जा सकती है।


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