डूंगरपुर. स्कूल में छुट्टी के बाद घर लौटकर एक शिक्षक ने रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी, जबकि उसके बच्चे बाहर आंगन में ही खेलते रहे. शिक्षिका पत्नी को घर लौटने पर घटना का पता लगा तो उसके होश उड़ गए. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले में जांच कर रही है.
नवाघरा मांडवा निवासी मानशंकर परमार परिवार के साथ गोकुलपुरा में अपने नए घर में रह रहा था. गुरुवार सुबह बच्चों के स्कूल जाने के बाद वो अपनी शिक्षिका पत्नी सविता को भी स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर छोड़कर खुद भी पाटड़ी स्कूल चला गया. शाम को छुट्टी के बाद वो वापस घर लौटा और इसके बाद अपने कमरे में चला गया, जबकि बच्चे बाहर खेल रहे थे.
शाम के समय पत्नी सविता भी स्कूल से घर लौटी तो देखा, कि घर का कमरा बंद है. इस पर जाली से झांककर देखा तो पति पंखे से रस्सी बांधकर फांसी के फंदे से लटका हुआ था. ये देखकर वो बेसुध हो गई. घटना का पता चलते ही आसपास के लोग भी इकट्ठा हुए.
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सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची. गुरुवार देर रात को शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया. जहां शुक्रवार को परिजनों की ओर से रिपोर्ट के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा सकी. शिक्षक की खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है.