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डूंगरपुर: घर में फांसी लगाकर शिक्षक ने दी जान, खुदकुशी के कारणों का खुलासा नहीं - डूंगरपुर न्यूज

डूंगरपुर में एक शिक्षक ने रस्सी से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर लिया. गुरुवार देर रात को शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया. शुक्रवार को परिजनों की ओर से रिपोर्ट के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

teacher hanged himself and hanged, शिक्षक ने फांसी का फंदा लगाकर दी जान
शिक्षक ने फांसी का फंदा लगाकर दी जान
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Published : Dec 13, 2019, 12:53 PM IST

डूंगरपुर. स्कूल में छुट्टी के बाद घर लौटकर एक शिक्षक ने रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी, जबकि उसके बच्चे बाहर आंगन में ही खेलते रहे. शिक्षिका पत्नी को घर लौटने पर घटना का पता लगा तो उसके होश उड़ गए. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले में जांच कर रही है.

शिक्षक ने फांसी का फंदा लगाकर दी जान

नवाघरा मांडवा निवासी मानशंकर परमार परिवार के साथ गोकुलपुरा में अपने नए घर में रह रहा था. गुरुवार सुबह बच्चों के स्कूल जाने के बाद वो अपनी शिक्षिका पत्नी सविता को भी स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर छोड़कर खुद भी पाटड़ी स्कूल चला गया. शाम को छुट्टी के बाद वो वापस घर लौटा और इसके बाद अपने कमरे में चला गया, जबकि बच्चे बाहर खेल रहे थे.

शाम के समय पत्नी सविता भी स्कूल से घर लौटी तो देखा, कि घर का कमरा बंद है. इस पर जाली से झांककर देखा तो पति पंखे से रस्सी बांधकर फांसी के फंदे से लटका हुआ था. ये देखकर वो बेसुध हो गई. घटना का पता चलते ही आसपास के लोग भी इकट्ठा हुए.

पढ़ेंः बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मिलेगा मुआवजा, CM गहलोत ने दिए आंकलन करने के निर्देश

सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची. गुरुवार देर रात को शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया. जहां शुक्रवार को परिजनों की ओर से रिपोर्ट के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा सकी. शिक्षक की खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है.

डूंगरपुर. स्कूल में छुट्टी के बाद घर लौटकर एक शिक्षक ने रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी, जबकि उसके बच्चे बाहर आंगन में ही खेलते रहे. शिक्षिका पत्नी को घर लौटने पर घटना का पता लगा तो उसके होश उड़ गए. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले में जांच कर रही है.

शिक्षक ने फांसी का फंदा लगाकर दी जान

नवाघरा मांडवा निवासी मानशंकर परमार परिवार के साथ गोकुलपुरा में अपने नए घर में रह रहा था. गुरुवार सुबह बच्चों के स्कूल जाने के बाद वो अपनी शिक्षिका पत्नी सविता को भी स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर छोड़कर खुद भी पाटड़ी स्कूल चला गया. शाम को छुट्टी के बाद वो वापस घर लौटा और इसके बाद अपने कमरे में चला गया, जबकि बच्चे बाहर खेल रहे थे.

शाम के समय पत्नी सविता भी स्कूल से घर लौटी तो देखा, कि घर का कमरा बंद है. इस पर जाली से झांककर देखा तो पति पंखे से रस्सी बांधकर फांसी के फंदे से लटका हुआ था. ये देखकर वो बेसुध हो गई. घटना का पता चलते ही आसपास के लोग भी इकट्ठा हुए.

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सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची. गुरुवार देर रात को शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया. जहां शुक्रवार को परिजनों की ओर से रिपोर्ट के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा सकी. शिक्षक की खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है.

Intro:डूंगरपुर। स्कूल में छुट्टी के बाद घर लौटकर एक शिक्षक ने रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी, जबकि उसके बच्चे बाहर आंगन में ही खेलते रहे। शिक्षिका पत्नी जब घर लौटी तो उसे घटना का पता लगा और उसके होश उड़ गये। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है और पुलिस मामले में जांच कर रही है।


Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार नवाघरा मांडवा निवासी मानशंकर परमार अपने परिवार के साथ गोकुलपुरा में अपने नए घर के रहता है। गुरुवार सुबह बच्चो के स्कूल जाने के बाद वह अपनी शिक्षिका पत्नी सविता को भी स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर छोड़कर खुद भी पाटड़ी स्कूल चला गया। शाम को छुट्टी के बाद वह वापस घर लौटा ओर इसके बाद अपने कमरे में चला गया, जबकि बच्चे बाहर खेल रहे थे।
शाम के समय पत्नी सविता भी स्कूल से घर लौटी तो देखा कि घर का कमरा बंद है। इस पर जाली से झांककर देखा तो पति पंखे से रस्सी बांधकर फांसी के फंदे से लटका हुआ था। यह देख वह बेसुध हो गई। इसके बाद आसपास के लोग एकत्रित हो गए।
सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पंहुची। देर रात को शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। जहां शुक्रवार को परिजनों की ओर से रिपोर्ट के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा सकी है। हालांकि शिक्षक की ओर से आत्महत्या के कारणों का कोई पता नहीं चल सका है और पुलिस मामले के जांच के बाद ही खुलासा होने की बात कह रही है।

बाईट: मोहम्मद रफीक, जांच अधिकारी कोतवाली डूंगपुर।


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