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स्पेशल रिपोर्ट: डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में पहले पायदान के लिए तैयार

प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता के क्षेत्र में देश में अपनी मिसाल कायम कर चुकी है. डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश में पहले और देश में तीसरे स्थान पर रहकर अपनी स्वच्छता का लोहा मनवाया था. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भी डूंगरपुर नगर परिषद देश में अव्वल आने के लिए प्रयासरत हैं, देखिए डूंगरपुर से स्पेशल रिपोर्ट...

Dungarpur news,  cleanliness survey 2020
डूंगरपुर में स्वच्छता का बेहतर काम
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Published : Feb 10, 2020, 3:51 PM IST

डूंगरपुर. शहर में स्वच्छता के प्रयासों के लिए डूंगरपुर नगर परिषद के कर्मचारियों का जज्बा देखते ही बनता है. नगर परिषद के 40 से अधिक सफाईकर्मी ऐसे हैं जो शहर की स्वच्छता को लेकर पिछले 4 साल से रात को सोए तक नहीं है और उसी का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे है.

डूंगरपुर में स्वच्छता का बेहतर काम

बता दें कि डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश में पहले और देश में तीसरे स्थान पर रहकर अपनी स्वच्छता का लोहा मनवाया था. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भी डूंगरपुर नगर परिषद देश में अव्वल आने के लिए प्रयासरत हैं, डूंगरपुर शहर की स्वच्छता आज देश में मिसाल बन चुकी है. इसका श्रेय नगर परिषद सभापति केके गुप्ता को तो है ही, साथ ही यहां के सफाई कर्मचारियों का भी बड़ा योगदान है.

पढ़ें- स्वयंसेवकों और स्टाफ ने की जयपुरिया अस्पताल की सफाई, 70 घंटे देश सेवा, साफ-सफाई की ली शपथ

क्योंकि सफाई कर्मचारियों का काम शहर के लोगों को दिखाई नहीं देता, क्योंकि रात के अंधियारे में और कड़ाके की ठंड में जब समूचा शहर सो जाता है तब 40 सफाई कर्मचारियों का कारवां रात 8 बजे हाथ में झाड़ू लेकर निकलता है और रात 3 बजे तक समूचा शहर चमकाने के बाद ही आंखों को आराम देता है. कोहरे की सर्द रात हो या फिर बारिश का मौसम इनका यह रोजाना के काम में शरीक हो गया है.

बता दें कि पिछले 4 साल से एक भी दिन नहीं छूटा और इसी जज्बे का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे चल रहा है. नगर परिषद के मुखिया सभापति केके गुप्ता रात की सफाई के बारे में बताते हैं कि नगर परिषद से रोजाना अधिकारियों द्वारा रूट तय किया जाता है, जो तहसील चौराहे से लेकर हॉस्पिटल तक और हॉस्पिटल से लेकर बस स्टैंड तक एवं बस स्टैंड से लगाकर सिंटेक्स चौराहे तक का रूट रोजाना रात को सफाई के लिए तय होता है.

यहीं नहीं सभापति बताते हैं कि इन सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी परिषद की है. इन्हें रात के वक्त किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 2 सुपरवाइजर साथ रहते हैं. सफाई कर्मचारियों की मेहनत से ही डूंगरपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान में प्रथम स्थान दिलाया और अब देश में नंबर 1 आना है. सफाई कर्मचारियों के अपने काम के प्रति समर्पित भाव के चलते ही आज शहर को स्वच्छता और पर्यटन का तमगा हासिल हुआ है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डूंगरपुर शहर की स्वच्छता की तारीफ अपने भाषण में कर चुके हैं.

पढ़ें- Special : पूरी पंचायत को करेंगे कचरा मुक्त.....पदभार ग्रहण करने से पहले सरपंच का स्वच्छता संकल्प

इधर, शहर की स्वच्छता के प्रतीक बने इन सफाई कर्मियों का कहना है कि सफाई करना ही उनका काम है, अब इसमें क्या देखना कि दिन हो या रात, काम करेंगे तो शहर को इनाम मिलेगा और स्वच्छता कर्म है और इसी कर्म के बूते स्वच्छता का फल मिलेगा. डूंगरपुर को यदि स्वच्छता में नंबर 1 की जगह मिलती है तो इस गौरव को पाने के लिए हम दोगुनी मेहनत करने को भी तैयार हैं. बहरहाल, प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता को लेकर दिन-रात काम कर रही है. सभी का एक ही लक्ष्य है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में डूंगरपुर शहर को देश में नंबर 1 बनाना है. खैर अब देखना होगा कि डूंगरपुर नगर परिषद और स्वच्छता के पहरी इन सफाई कर्मियों की मेहनत कितना रंग स्वच्छता सर्वेक्षण में दिखा पाते हैं.

डूंगरपुर. शहर में स्वच्छता के प्रयासों के लिए डूंगरपुर नगर परिषद के कर्मचारियों का जज्बा देखते ही बनता है. नगर परिषद के 40 से अधिक सफाईकर्मी ऐसे हैं जो शहर की स्वच्छता को लेकर पिछले 4 साल से रात को सोए तक नहीं है और उसी का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे है.

डूंगरपुर में स्वच्छता का बेहतर काम

बता दें कि डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश में पहले और देश में तीसरे स्थान पर रहकर अपनी स्वच्छता का लोहा मनवाया था. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भी डूंगरपुर नगर परिषद देश में अव्वल आने के लिए प्रयासरत हैं, डूंगरपुर शहर की स्वच्छता आज देश में मिसाल बन चुकी है. इसका श्रेय नगर परिषद सभापति केके गुप्ता को तो है ही, साथ ही यहां के सफाई कर्मचारियों का भी बड़ा योगदान है.

पढ़ें- स्वयंसेवकों और स्टाफ ने की जयपुरिया अस्पताल की सफाई, 70 घंटे देश सेवा, साफ-सफाई की ली शपथ

क्योंकि सफाई कर्मचारियों का काम शहर के लोगों को दिखाई नहीं देता, क्योंकि रात के अंधियारे में और कड़ाके की ठंड में जब समूचा शहर सो जाता है तब 40 सफाई कर्मचारियों का कारवां रात 8 बजे हाथ में झाड़ू लेकर निकलता है और रात 3 बजे तक समूचा शहर चमकाने के बाद ही आंखों को आराम देता है. कोहरे की सर्द रात हो या फिर बारिश का मौसम इनका यह रोजाना के काम में शरीक हो गया है.

बता दें कि पिछले 4 साल से एक भी दिन नहीं छूटा और इसी जज्बे का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे चल रहा है. नगर परिषद के मुखिया सभापति केके गुप्ता रात की सफाई के बारे में बताते हैं कि नगर परिषद से रोजाना अधिकारियों द्वारा रूट तय किया जाता है, जो तहसील चौराहे से लेकर हॉस्पिटल तक और हॉस्पिटल से लेकर बस स्टैंड तक एवं बस स्टैंड से लगाकर सिंटेक्स चौराहे तक का रूट रोजाना रात को सफाई के लिए तय होता है.

यहीं नहीं सभापति बताते हैं कि इन सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी परिषद की है. इन्हें रात के वक्त किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 2 सुपरवाइजर साथ रहते हैं. सफाई कर्मचारियों की मेहनत से ही डूंगरपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान में प्रथम स्थान दिलाया और अब देश में नंबर 1 आना है. सफाई कर्मचारियों के अपने काम के प्रति समर्पित भाव के चलते ही आज शहर को स्वच्छता और पर्यटन का तमगा हासिल हुआ है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डूंगरपुर शहर की स्वच्छता की तारीफ अपने भाषण में कर चुके हैं.

पढ़ें- Special : पूरी पंचायत को करेंगे कचरा मुक्त.....पदभार ग्रहण करने से पहले सरपंच का स्वच्छता संकल्प

इधर, शहर की स्वच्छता के प्रतीक बने इन सफाई कर्मियों का कहना है कि सफाई करना ही उनका काम है, अब इसमें क्या देखना कि दिन हो या रात, काम करेंगे तो शहर को इनाम मिलेगा और स्वच्छता कर्म है और इसी कर्म के बूते स्वच्छता का फल मिलेगा. डूंगरपुर को यदि स्वच्छता में नंबर 1 की जगह मिलती है तो इस गौरव को पाने के लिए हम दोगुनी मेहनत करने को भी तैयार हैं. बहरहाल, प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता को लेकर दिन-रात काम कर रही है. सभी का एक ही लक्ष्य है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में डूंगरपुर शहर को देश में नंबर 1 बनाना है. खैर अब देखना होगा कि डूंगरपुर नगर परिषद और स्वच्छता के पहरी इन सफाई कर्मियों की मेहनत कितना रंग स्वच्छता सर्वेक्षण में दिखा पाते हैं.

Intro:डूंगरपुर। प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता के क्षेत्र में देश में अपनी मिसाल कायम कर चुकी है। डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश में पहले और देश में तीसरे स्थान पर रहकर अपनी स्वच्छता का लोहा मनवाया था। वही स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भी डूंगरपुर नगर परिषद देश में अव्वल आने के लिए प्रयासरत हैं। स्वच्छता के इन प्रयासों में नगर परिषद के कर्मचारियों का जज्बा देखते ही बनता है। नगर परिषद के 40 से अधिक सफाईकर्मी ऐसे हैं जो शहर की स्वच्छता को लेकर पिछले 4 साल से रात को सोए तक नहीं है और उसी का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे है।


Body:डूंगरपुर शहर की स्वच्छता आज देश में मिसाल बन चुकी है। इसका श्रेय नगर परिषद सभापति केके गुप्ता को तो है ही। साथ ही यहां के सफाई कर्मचारियों का भी बड़ा योगदान है। इनका काम शहर के लोगों को दिखाई नहीं देता, क्योंकि रात के अंधियारे में और कड़ाके की ठंड में जब समूचा शहर सो जाता है तब 40 सफाई कर्मचारियों का कारवां रात 8 बजे हाथ में झाड़ू लेकर निकलता है और रात 3 बजे तक समूचा शहर चमकाने के बाद ही आंखों को आराम मिलता है। कोहरे की सर्द रात हो या फिर बारिश का मौसम इनका यह रोजाना के काम मे शरीक हो गया है।
पिछले 4 साल से एक भी दिन नहीं छूटा और इसी जज्बे का नतीजा है कि रात के समय सफाई सर्वे में डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश में सबसे आगे चल रहा है। नगर परिषद के मुखिया सभापति केके गुप्ता रात की सफाई के बारे में बताते हैं कि नगर परिषद से रोजाना अधिकारियों द्वारा रूट तय किया जाता है, जो तहसील चौराहे से लेकर हॉस्पिटल तक और हॉस्पिटल से लेकर बस स्टैंड तक एवं बस स्टैंड से लगाकर सिंटेक्स चौराहे तक का रूट रोजाना रात को सफाई के लिए तय होता है।
सभापति बताते हैं कि इन सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी परिषद की है। इन्हें रात के वक्त किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 2 सुपरवाइजर साथ रहते हैं। इन्हीं सफाई कर्मचारियों की मेहनत से ही डूंगरपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान में प्रथम स्थान दिलाया और अब देश में नंबर 1 आना है।

- सफाई कर्मचारियों के अपने काम के प्रति समर्पित भाव के चलते ही आज शहर को स्वच्छता और पर्यटन का तमगा हासिल हुआ है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डूंगरपुर शहर की स्वच्छता की तारीफ अपने भाषण में कर चुके हैं। इधर शहर की स्वच्छता के प्रतीक बने इन सफाई कर्मियों का कहना है कि सफाई करना ही उनका काम है अब इसमें क्या देखना कि दिन हो या रात, काम करेंगे तो शहर को इनाम मिलेगा और स्वच्छता कर्म है और इसी कर्म के बूते स्वच्छता का फल मिलेगा। डूंगरपुर को यदि स्वच्छता में नंबर 1 की जगह मिलती है तो इस गौरव को पाने के लिए हम दोगुनी मेहनत करने को भी तैयार हैं।



Conclusion:बहरहाल प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता को लेकर दिन-रात काम कर रही है। सभी का एक ही लक्ष्य है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में डूंगरपुर शहर को देश में नंबर 1 बनाना है। खैर अब देखना होगा कि डूंगरपुर नगर परिषद और स्वच्छता के पहरी इन सफाई कर्मियों की मेहनत कितना रंग स्वच्छता सर्वेक्षण में दिखा पाते है।

बाईट 1: जीवतराम मनात, सफाईकर्मी
बाईट 2: कलावती रोत, सफाईकर्मी
बाईट 3: गिरीबाला कटारा, सफाईकर्मी
बाईट 4: केके गुप्ता, सभापति नगर परिषद डूंगरपुर।
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