डूंगरपुर. जिले में जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजलि राजोरिया ने कोरोनाकाल में भी प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awaas Yojana) के तहत लंबित पड़े अधूरे आवासों को पूरा करवाने का लक्ष्य रखा. इसके लिए प्रभावी मॉनिटरिंग और टीम वर्क के साथ कार्य किया गया.
जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित जिला परिषद और ग्रामीण एवं पंचायतीराज विभाग डूंगरपुर की पूरी टीम ने धरातल स्तर पर कड़ी मेहनत की है. इसका परिणाम है कि डूंगरपुर लक्ष्य को पूरा करने में सफल रहा.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजलि राजोरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत डूंगरपुर जिले में 1 लाख 54 आवासों को स्वीकृत करते हुए 93 हजार 128 आवास पूर्ण कराए गए. इसमें विभिन्न पैरामीटर्स पर डूंगरपुर जिले ने अच्छा कार्य करते हुए प्रदेश में पहला और देशभर में दूसरा स्थान अर्जित किया.
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सीईओ ने बताया कि आवास के साथ ही कोरोनाकाल में भी मनरेगा (MGNREGA) के अंतर्गत मानव दिवस सृजित किए गए और लोगों को रोजगार दिया गया. उन्होंने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ग्रामीण पंचायतीराज विभाग के प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए इस लक्ष्य को पूरा किया है. उन्होंने पूरी टीम को आगे भी इस मंशा के साथ कार्य करने की सलाह देते हुए उनके कार्यों की सराहना की.
माइक्रो मैनेजमेंट के साथ की कार्यवाही
आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजोरिया ने सबसे पहले गेप पर फोकस किया. साथ ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला कलेक्टर ओला एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजोरिया ने जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न स्तरों पर बैठकें आयोजित कर आवास कार्य पूर्ण करने के लिए प्रेरित करते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग की. लगातार किए गए प्रयासों से इस उपलब्धि को विपरीत एवं चुनौती भरे दौर में भी हासिल किया जा सका.
कम प्रगति वाली ग्राम पंचायतों पर किया फोकस
जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला एवं सीईओ अंजली राजोरिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत अपूर्ण आवासों की फिल्ड विजिट कर जिला स्तर के साथ-साथ पंचायत समिति स्तर पर कम प्रगतिवाली ग्राम पंचायतों पर फोकस किया. उन्होंने सरपंच गणों एवं ग्राम विकास अधिकारियों की समय-समय पर बैठक बुलाकर अप्रारम्भ और अपूर्ण आवासों को पूर्ण कराने की समीक्षा की. साथ ही कोराना काल में वीडियो कोन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, आवास प्रभारियों से आवास सबंधित समीक्षा की गयी. सोशल डिस्टेनसिंग की पालना करते हुये आवास की जिओ टेग करने हेतु निर्देष दिए गए.
आवास के साथ मिला रोजगार
यह सफलता जिले के साथ-साथ लाभार्थियों के लिए भी दोहरी खुशी के देने वाली रही. कोरोना काल में अपने ही गांव में रोजगार भी मिल पाया. लाभार्थियों के लिए अपनी खुद की छत होने का सपना पूरा होने के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में रोजगार के लिए जिले से बाहर पलायन भी नहीं करना पडा.