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डूंगरपुरः अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर, मरीज परेशान - Ambulance workers union

इंटीग्रेटेड एंबुलेंस सेवा 108 और 104 का डूंगरपुर में संचालन पूरी तरह बंद हो गया है. एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के अनुसार जारी की गई नवीन निविदा में कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई है. वहीं इस हड़ताल से मरीजों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Ambulance workers on strike, एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर
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Published : Oct 31, 2019, 2:44 PM IST

डूंगरपुर. जिले में एम्बुलेंसकर्मी गुरुवार से हड़ताल पर उतर गए हैं. जिससे 108, 104 और बेस एम्बुलेंस के चक्के थम गए है और इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि एम्बुलेंसकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन लर रहे हैं.

अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर

एम्बुलेंसकर्मियों के प्रदेशव्यापी आह्वान पर गुरुवार को सुबह 6 बजे से एम्बुलेंस के पहिए थम गए. एम्बुलेंसकर्मियों ने गाड़ियां उनकी लोकेशन पर ही खड़ी कर दी और इसके बाद हड़ताल में शामिल हो गए, किसी घटना, दुर्घटना पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची और इसके चलते मरीजों की परेशानी बढ़ गई. वहीं एम्बुलेंसकर्मियों ने एम्बुलेंस लोकेशन के मोबाइल भी ऑफ कर दिए है, जिससे लोग एम्बुलेंस पर कॉल तो करते है लेकिन उनके कॉल रिसीव नहीं हो रहा है.

बता दें कि डूंगरपुर जिले में कुल 34 एम्बुलेंस है, जिनमें से 108 एम्बुलेंस 12, 104 एम्बुलेंस 15 और बेस एम्बुलेंस 7 है. इन सभी एम्बुलेन्स के ईएमटी और पायलट हड़ताल पर है. वहीं चिकित्सा महकमा एम्बुलेन्सकर्मियों के हड़ताल को लेकर पल-पल की खबर ले रहे है.

पढ़ेः पटेल को याद कर रहा है देश, 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन

सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि एम्बुलेंसकर्मी हड़ताल पर है, लेकिन विभागीय चालक लगाकर सेवाओं को बरकरार रखने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे गंभीर हादसे के घायलों को मदद मिल सके.

यह है प्रमुख मांगें

  • एम्बुलेंस सेवा के लिए आरएएस स्तर के अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए
  • नवीन निविदा में वर्तमान कार्यरत कर्मचारियों को ही एम्बुलेंस सेवा में रखा जाए
  • नवीन निविदा में ईएमटी को 16 हजार और पायलट को 14 हजार को मानदेय मिले
  • एंबुलेंस कार्मिकों का कार्य समय श्रम कानून के अनुसार 8 घंटे होना चाहिए
  • कार्मिकों के मानदेय में प्रतिवर्ष 10% की बढ़ोतरी की जाए
  • जहां-जहां एंबुलेंस का मुख्यालय हो, वहां कार्मिकों के लिए रहने के लिए कमरा, शौचालय, पानी, बिजली की सुविधा मौजूद रहे
  • राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही संविदा कार्मिकों की कमेटी में एंबुलेंस सेवा के कार्मिकों को भी शामिल किया जाए

डूंगरपुर. जिले में एम्बुलेंसकर्मी गुरुवार से हड़ताल पर उतर गए हैं. जिससे 108, 104 और बेस एम्बुलेंस के चक्के थम गए है और इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि एम्बुलेंसकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन लर रहे हैं.

अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर

एम्बुलेंसकर्मियों के प्रदेशव्यापी आह्वान पर गुरुवार को सुबह 6 बजे से एम्बुलेंस के पहिए थम गए. एम्बुलेंसकर्मियों ने गाड़ियां उनकी लोकेशन पर ही खड़ी कर दी और इसके बाद हड़ताल में शामिल हो गए, किसी घटना, दुर्घटना पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची और इसके चलते मरीजों की परेशानी बढ़ गई. वहीं एम्बुलेंसकर्मियों ने एम्बुलेंस लोकेशन के मोबाइल भी ऑफ कर दिए है, जिससे लोग एम्बुलेंस पर कॉल तो करते है लेकिन उनके कॉल रिसीव नहीं हो रहा है.

बता दें कि डूंगरपुर जिले में कुल 34 एम्बुलेंस है, जिनमें से 108 एम्बुलेंस 12, 104 एम्बुलेंस 15 और बेस एम्बुलेंस 7 है. इन सभी एम्बुलेन्स के ईएमटी और पायलट हड़ताल पर है. वहीं चिकित्सा महकमा एम्बुलेन्सकर्मियों के हड़ताल को लेकर पल-पल की खबर ले रहे है.

पढ़ेः पटेल को याद कर रहा है देश, 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन

सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि एम्बुलेंसकर्मी हड़ताल पर है, लेकिन विभागीय चालक लगाकर सेवाओं को बरकरार रखने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे गंभीर हादसे के घायलों को मदद मिल सके.

यह है प्रमुख मांगें

  • एम्बुलेंस सेवा के लिए आरएएस स्तर के अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए
  • नवीन निविदा में वर्तमान कार्यरत कर्मचारियों को ही एम्बुलेंस सेवा में रखा जाए
  • नवीन निविदा में ईएमटी को 16 हजार और पायलट को 14 हजार को मानदेय मिले
  • एंबुलेंस कार्मिकों का कार्य समय श्रम कानून के अनुसार 8 घंटे होना चाहिए
  • कार्मिकों के मानदेय में प्रतिवर्ष 10% की बढ़ोतरी की जाए
  • जहां-जहां एंबुलेंस का मुख्यालय हो, वहां कार्मिकों के लिए रहने के लिए कमरा, शौचालय, पानी, बिजली की सुविधा मौजूद रहे
  • राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही संविदा कार्मिकों की कमेटी में एंबुलेंस सेवा के कार्मिकों को भी शामिल किया जाए
Intro:डूंगरपुर। जिले में एम्बुलेंसकर्मी गुरुवार से हड़ताल पर उतर गए, जिससे 108, 104 और बेस एम्बुलेंस के चक्के थम गए और मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। एम्बुलेंसकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन लर रहे है।


Body:एम्बुलेंसकर्मियों के प्रदेशव्यापी आव्हान पर गुरुवार को सुबह 6 बजे से एम्बुलेंस के पहिये थम गए। एम्बुलेंसकर्मियों ने गाड़िया उनकी लोकेशन पर ही खड़ी कर दी और इसके बाद हड़ताल में शामिल हो गए, किसी घटना, दुर्घटना पर एम्बुलेंस नहीं पंहुची और मरीजो की परेशानी बढ़ गई। वहीं एम्बुलेंसकर्मियों एम्बुलेंस लोकेशन के मोबाइल भी ऑफ कर दिए , जिससे लोग एम्बुलेंस पर कॉल तो करते रहे लेकिन उनके कॉल ही रिसीव नहीं हुए।
डूंगरपुर जिले के कुल 34 एम्बुलेंस है, जिसमे से 108 एम्बुलेंस 12, 104 एम्बुलेंस 15 और बेस एम्बुलेंस 7 है। यह सभी एम्बुलेन्स के ईएमटी और पायलट हड़ताल पर रहे। वहीं चिकित्सा महकमा एम्बुलेन्सकर्मियों के हड़ताल को लेकर पल-पल की खबर लेते रहे। सीएमएचओ डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि एम्बुलेंसकर्मी हड़ताल पर है लेकिन विभागीय चालक लगाकर सेवाओ को बरकरार रखने के प्रयास किये जा रहे है ताकि गंभीर हादसे के घायलों को मदद मिल सके।

- यह है प्रमुख मांगे
1. एम्बुलेंस सेवा के लिए आरएएस स्तर के अधिकारी को रिसीवर नियुक्त करने।
2. नवीन निविदा में वर्तमान कार्यरत कर्मचारियों को ही एम्बुलेंस सेवा में रखने।
3. नवीन निविदा में ईएमटी को 16 हजार व पायलट को 14 हजार को मानदेय दिलाने।
4. एंबुलेंस कार्मिकों का कार्य समय श्रम कानून के अनुसार 8 घंटे रखने।
5. कार्मिकों के मानदेय में प्रतिवर्ष 10% की बढ़ोतरी करने।
6. जहां-जहां एंबुलेंस का मुख्यालय हो वहां कार्मिकों के लिए रहने के लिए कमरा, शौचालय, पानी, बिजली की सुविधा करने।
7. राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही संविदा कार्मिकों की कमेटी में एंबुलेंस सेवा के कार्मिकों को भी शामिल करने की मांगे प्रमुख है।

बाईट- डॉ महेंद्र परमार, सीएमएचओ डूंगरपुर।




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