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डूंगरपुर के डॉ. विश्वास मेहता बने केरल के मुख्य सचिव, 31 मई से संभालेंगे अपना पदभार - rajasthan news

डूंगरपुर जिले के मूल निवासी और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. विश्वास मेहता केरल सरकार के सर्वोच्च प्रशासनिक पद की बागडोर संभालेंगे. केरल सरकार की ओर से उन्हें राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. डॉ. विश्वास मेहता आगामी 31 मई को अपनी नई जिम्मेदारी सम्भालेंगे.

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डूंगरपुर के लाल बने केरल के मुख्य सचिव
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Published : May 28, 2020, 8:34 PM IST

डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर मूल के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी डॉ. विश्वास मेहता को अब केरल राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद की बागडोर मिली है. केरल सरकार ने उन्हें राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया है. वर्तमान में वे केरल सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एवं सतर्कता के पद पर कार्यरत है. केरल सरकार में मुख्य सचिव बनाएं जाने पर डूंगरपुर में उनके परिवार और संबंधियों में खुशियों का माहौल है. डॉ. विश्वास 31 मई को मुख्य सचिव का कामकाज संभालेंगे.

डूंगरपुर के लाल बने केरल के मुख्य सचिव

डॉ. मेहता के परिवार से बुआ की बेटी डॉ. मिनाक्षी जोशी ने बताया कि डॉ. मेहता को केरल सरकार में मुख्य सचिव का पदभार मिलने की जैसे ही खबर मिली तो उनके परिवार के खुशियां छा गई. सेवानिवृत्त प्रिंसिपल डॉ. मिनाक्षी जोशी ने बताया कि विश्वास का जन्म डूंगरपुर के सुथारवाड़ा में हुआ था. उनके पिता डॉ. प्रीतम कुमार मेहता उदयपुर के जियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर होने से पहली से दूसरी कक्षा उदयपुर में पूरी हुई. इसके बाद वे पिता के साथ ही चंडीगढ़ चले गए, जहां आगे की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. साल 1972 में पिता के यूके में जाने के कारण वे अपनी बुआ के घर रहे और 8वीं कक्षा की पढ़ाई डूंगरपुर से की.

पढ़ें- डूंगरपुर: सड़क हादसे में 3 युवकों की दर्दनाक मौत

बहन डॉ. जोशी बताती है कि बचपन से ही पढ़ाई में होनहार डॉ. विश्वास ने हमेशा ही स्कूल में टॉप किया. इसके बाद उनका हायर एजुकेशन फिर से चंडीगढ़ में ही हुआ. विश्वास ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से बीएससी, एमएससी गोल्ड मेडल के साथ उत्तीर्ण की. इस दौरान 2003 में उन्होंने पीएचडी भी की. इसके बाद 1984 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयन हुआ, लेकिन उन्होंने आईएएस का लक्ष्य करने के लिए आईपीएस ज्वॉइन नहीं की और 1985 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा 9वी रैंक के साथ पास कर ली.

इसके बाद 1986 में केरल कैडर मिला और अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में पहली नियुक्ति मिली. इसके बाद वे केरल और केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. इसके बाद मई 1999 से 2005 तक उदयपुर में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक के रूप में सेवाएं दी और इसी दौरान वागड़ की सभ्यता, संस्कृति, भाषा को बढ़ाने के लिए वागड़ महोत्सव की शुरुआत की गई जो आज भी प्रतिवर्ष मनाया जाता है. सीनियर आईएएस डॉ. विश्वास मेहता की मां सविता मेहता का 10 साल पहले देहावसान हो गया तो उस समय बड़ी बहन डॉ. मिनाक्षी जोशी ने ही उन्हें संभाला.

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज खोलने में डॉ. मेहता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका डॉ. मेहता अप्रैल 2012 से अक्टूबर 2014 तक केंद्र सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव रहे. साल 2013-14 में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के दौरान डॉ. मेहता ने अपनी मातृभूमि डूंगरपुर को प्राथमिकता देते हुए पहल की, उस समय तत्कालीन सांसद ताराचंद भगोरा के माध्यम से सरकार तक बात पंहुचाई. इसके बाद उन्हीं के प्रयासों से डूंगरपुर में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली, जिससे आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले को सबसे बडा फायदा हुआ है.

पढ़ें- डूंगरपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अबतक 1.50 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध शराब की बरामद

इसके बाद कोविड-19 से निपटने केरल देश में रोल मॉडल कोविड- 19 महामारी से निपटने में केरल देश का रोल मॉडल बना तो इसमें भी डॉ. मेहता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही. डॉ. मेहता राज्य में कोरोना संबंधी सभी ऑपरेशन के सहप्रभारी थे. उनके निर्देशन में ही केरल सरकार ने कोरोना वैश्विक माहामारी को चुनौती देते हुए पार पाने में सफलता भी हासिल की. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी की पोती के साथ डॉ. विश्वास का विवाह हुआ. उनकी पत्नी का नाम प्रीति मेहता है. उनके दो बेटे भी है, एक बेटा एकलव्य यूएस में रहता है और दूसरा बेटा ध्रुव दिल्ली में रहता है.

डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर मूल के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी डॉ. विश्वास मेहता को अब केरल राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद की बागडोर मिली है. केरल सरकार ने उन्हें राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया है. वर्तमान में वे केरल सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एवं सतर्कता के पद पर कार्यरत है. केरल सरकार में मुख्य सचिव बनाएं जाने पर डूंगरपुर में उनके परिवार और संबंधियों में खुशियों का माहौल है. डॉ. विश्वास 31 मई को मुख्य सचिव का कामकाज संभालेंगे.

डूंगरपुर के लाल बने केरल के मुख्य सचिव

डॉ. मेहता के परिवार से बुआ की बेटी डॉ. मिनाक्षी जोशी ने बताया कि डॉ. मेहता को केरल सरकार में मुख्य सचिव का पदभार मिलने की जैसे ही खबर मिली तो उनके परिवार के खुशियां छा गई. सेवानिवृत्त प्रिंसिपल डॉ. मिनाक्षी जोशी ने बताया कि विश्वास का जन्म डूंगरपुर के सुथारवाड़ा में हुआ था. उनके पिता डॉ. प्रीतम कुमार मेहता उदयपुर के जियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर होने से पहली से दूसरी कक्षा उदयपुर में पूरी हुई. इसके बाद वे पिता के साथ ही चंडीगढ़ चले गए, जहां आगे की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. साल 1972 में पिता के यूके में जाने के कारण वे अपनी बुआ के घर रहे और 8वीं कक्षा की पढ़ाई डूंगरपुर से की.

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बहन डॉ. जोशी बताती है कि बचपन से ही पढ़ाई में होनहार डॉ. विश्वास ने हमेशा ही स्कूल में टॉप किया. इसके बाद उनका हायर एजुकेशन फिर से चंडीगढ़ में ही हुआ. विश्वास ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से बीएससी, एमएससी गोल्ड मेडल के साथ उत्तीर्ण की. इस दौरान 2003 में उन्होंने पीएचडी भी की. इसके बाद 1984 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयन हुआ, लेकिन उन्होंने आईएएस का लक्ष्य करने के लिए आईपीएस ज्वॉइन नहीं की और 1985 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा 9वी रैंक के साथ पास कर ली.

इसके बाद 1986 में केरल कैडर मिला और अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में पहली नियुक्ति मिली. इसके बाद वे केरल और केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. इसके बाद मई 1999 से 2005 तक उदयपुर में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक के रूप में सेवाएं दी और इसी दौरान वागड़ की सभ्यता, संस्कृति, भाषा को बढ़ाने के लिए वागड़ महोत्सव की शुरुआत की गई जो आज भी प्रतिवर्ष मनाया जाता है. सीनियर आईएएस डॉ. विश्वास मेहता की मां सविता मेहता का 10 साल पहले देहावसान हो गया तो उस समय बड़ी बहन डॉ. मिनाक्षी जोशी ने ही उन्हें संभाला.

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज खोलने में डॉ. मेहता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका डॉ. मेहता अप्रैल 2012 से अक्टूबर 2014 तक केंद्र सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव रहे. साल 2013-14 में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के दौरान डॉ. मेहता ने अपनी मातृभूमि डूंगरपुर को प्राथमिकता देते हुए पहल की, उस समय तत्कालीन सांसद ताराचंद भगोरा के माध्यम से सरकार तक बात पंहुचाई. इसके बाद उन्हीं के प्रयासों से डूंगरपुर में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली, जिससे आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले को सबसे बडा फायदा हुआ है.

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इसके बाद कोविड-19 से निपटने केरल देश में रोल मॉडल कोविड- 19 महामारी से निपटने में केरल देश का रोल मॉडल बना तो इसमें भी डॉ. मेहता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही. डॉ. मेहता राज्य में कोरोना संबंधी सभी ऑपरेशन के सहप्रभारी थे. उनके निर्देशन में ही केरल सरकार ने कोरोना वैश्विक माहामारी को चुनौती देते हुए पार पाने में सफलता भी हासिल की. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी की पोती के साथ डॉ. विश्वास का विवाह हुआ. उनकी पत्नी का नाम प्रीति मेहता है. उनके दो बेटे भी है, एक बेटा एकलव्य यूएस में रहता है और दूसरा बेटा ध्रुव दिल्ली में रहता है.

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