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बीटीपी पर भड़के कांग्रेस विधायक घोघरा...कहा- उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ते हैं और हमारे बच्चों को डीजे पर नचवाते हैं

कांग्रेस के डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा बुधवार को कांग्रेस की बैठक में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) पर हमलावर रहे. घोघरा ने बीटीपी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है.

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Published : Oct 9, 2019, 4:49 PM IST

डूंगरपुर. बैठक के दौरान कांग्रेस विधायक ने बीटीपी का नाम लिए बिना कहा कि राणा पूंजा भील की मूर्ति सदर थाना चौराहे पर लगाने की पहल कांग्रेस ने की थी. उन्होंने कहा कि राणा को आदिवासी ही नहीं सभी कौमें मानती हैं, लेकिन वे लोग इस पर भी राजनीति कर रहे हैं.

बीटीपी पर डूंगरपुर विधायक का हमला

विधायक ने आगे कहा कि वे लोग यहां के बच्चों और युवाओं को जाति व समाज के नाम पर गुमराह कर रहे हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बैठकों में बुलाते हैं फिर डीजे पर नचवाते हैं. स्कूलों में बच्चे कॉपियों में जय जोहार लिख रहे हैं, जबकि उनके नेताओं के बच्चे सीकर, जयपुर या देश के बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं. वे अंग्रेजी या बड़े कोर्स कर रहे हैं. उनके बच्चे कभी किसी मीटिंग में नहीं आते हैं.

पढ़ें : शराबबंदी पर बोले गहलोत- गुजरात में शराब न मिले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या रूपाणी छोड़ दें

विधायक घोघरा ने बीटीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे समाज व जाति की सेवा करने के नाम पर आए थे, लेकिन राजनीति में आ गए. समाज व जाति की सेवा करना ही चाहते हैं तो आदिवासी छात्रावास जिनमें कमरे कम हैं उसको बनवाएं. स्कूल जहां कमरे जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं वहां कक्षा-कक्ष बनवाएं. विधायक ने आगे कहा कि समाज के नाम पर नेता बनने के बाद आज तक उन्होंने समाज के किसी भी व्यक्ति का भला नहीं किया है. उनके पास जो पैसा आया विदेशों से फंडिंग मिली. वह सब पैसा बांटकर खा गए, लेकिन जनता आगे उनसे भी हिसाब मांगेगी.

घोघरा ने बीटीपी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि जातिवाद के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग माहौल है और यहां सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई काम किये हैं. यहां से डॉक्टर, इंजीनियर और अब तो कलेक्टर भी बनने लगे हैं. यह सब कांग्रेस की देन है. विधायक ने कहा कि हम भी आदिवासी हैं और समाज की प्रमुख मांगों की पैरवी करते हैं, लेकिन मांग सरकार से करनी है. इसमें लोगों को गुमराह करने या भड़काने का काम वे लोग करते हैं. इस दौरान उन्होंने गांधीजी के अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख भी दी.

पढ़ें : राजस्थान के दो कांस्टेबलों का अपहरण कर मध्य प्रदेश ले जाकर मारपीट, कांग्रेस विधायक के बेटे सहित 14 पर मुकदमा दर्ज

आपको बता दें कि डूंगरपुर जिले में 4 विधानसभा सीटों में से 2 सीटें चौरासी और सागवाड़ा में बीटीपी के विधायक हैं. जबकि आसपुर में भाजपा के विधायक हैं. विधानसभा चुनावों में बीटीपी की वजह से ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, लोकसभा चुनावों में भी तीसरे मोर्चे के रूप में बीटीपी के मैदान में रहने से कांग्रेस की हार हुई थी.

डूंगरपुर. बैठक के दौरान कांग्रेस विधायक ने बीटीपी का नाम लिए बिना कहा कि राणा पूंजा भील की मूर्ति सदर थाना चौराहे पर लगाने की पहल कांग्रेस ने की थी. उन्होंने कहा कि राणा को आदिवासी ही नहीं सभी कौमें मानती हैं, लेकिन वे लोग इस पर भी राजनीति कर रहे हैं.

बीटीपी पर डूंगरपुर विधायक का हमला

विधायक ने आगे कहा कि वे लोग यहां के बच्चों और युवाओं को जाति व समाज के नाम पर गुमराह कर रहे हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बैठकों में बुलाते हैं फिर डीजे पर नचवाते हैं. स्कूलों में बच्चे कॉपियों में जय जोहार लिख रहे हैं, जबकि उनके नेताओं के बच्चे सीकर, जयपुर या देश के बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं. वे अंग्रेजी या बड़े कोर्स कर रहे हैं. उनके बच्चे कभी किसी मीटिंग में नहीं आते हैं.

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विधायक घोघरा ने बीटीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे समाज व जाति की सेवा करने के नाम पर आए थे, लेकिन राजनीति में आ गए. समाज व जाति की सेवा करना ही चाहते हैं तो आदिवासी छात्रावास जिनमें कमरे कम हैं उसको बनवाएं. स्कूल जहां कमरे जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं वहां कक्षा-कक्ष बनवाएं. विधायक ने आगे कहा कि समाज के नाम पर नेता बनने के बाद आज तक उन्होंने समाज के किसी भी व्यक्ति का भला नहीं किया है. उनके पास जो पैसा आया विदेशों से फंडिंग मिली. वह सब पैसा बांटकर खा गए, लेकिन जनता आगे उनसे भी हिसाब मांगेगी.

घोघरा ने बीटीपी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि जातिवाद के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग माहौल है और यहां सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई काम किये हैं. यहां से डॉक्टर, इंजीनियर और अब तो कलेक्टर भी बनने लगे हैं. यह सब कांग्रेस की देन है. विधायक ने कहा कि हम भी आदिवासी हैं और समाज की प्रमुख मांगों की पैरवी करते हैं, लेकिन मांग सरकार से करनी है. इसमें लोगों को गुमराह करने या भड़काने का काम वे लोग करते हैं. इस दौरान उन्होंने गांधीजी के अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख भी दी.

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आपको बता दें कि डूंगरपुर जिले में 4 विधानसभा सीटों में से 2 सीटें चौरासी और सागवाड़ा में बीटीपी के विधायक हैं. जबकि आसपुर में भाजपा के विधायक हैं. विधानसभा चुनावों में बीटीपी की वजह से ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, लोकसभा चुनावों में भी तीसरे मोर्चे के रूप में बीटीपी के मैदान में रहने से कांग्रेस की हार हुई थी.

Intro:डूंगरपुर। कांग्रेस के डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा बुधवार को कांग्रेस की बैठक में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) पर हमलावर रहे। विधायक गणेश घोघरा ने बीटीपी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि ऐसे लोगो से सतर्क रहने की जरूरत है।



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विधायक घोघरा ने बीटीपी का नाम लिए बिना कहा कि राणा पूंजा भील की मूर्ति सदर थाना चौराहे पर लगाने की पहल कांग्रेस ने की थी और आदिवासी ही नही सभी कौम राणा मानती है, लेकिन वे लोग इस पर भी राजनीति कर रहे है। विधायक ने आगे कहा कि वे लोग यहां के बच्चों और युवाओं को जाति व समाज के नाम पर गुमराह कर रहे है। स्कूलो में पढ़ने वाले बच्चों को बैठकों में बुलाते है फिर डीजे पर नचाते है। स्कूलों में बच्चे कॉपियों में जय जौहार लिख रहे है। जबकि उनके नेताओ के बच्चें सीकर, जयपुर या देश बड़े स्कूलो में पढ़ रहे है वे अंग्रेजी या बड़े कोर्स कर रहे है। उनके बच्चे कभी किसी मीटिंग में नहीं आते है।
विधायक घोघरा ने बीटीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे समाज व जाति की सेवा के नाम आये थे, लेकिन राजनीति के आ गए। समाज व जाति की सेवा करना ही चाहते है तो आदिवासी छात्रावास जिनमे कमरे कम है वह कमरे बनवाये। स्कूल जहां कमरे जीर्ण-शीर्ण हो रहे है वहां कक्षा-कक्ष बनवाएं। विधायक ने आगे कहा कि समाज के नाम पर नेता बनने के बाद आज तक उन्होंने समाज के किसी भी व्यक्ति का भला नही किया है उनके पास जो पैसा आया, विदेशों से फंडिंग मिली वह सब पैसा बांटकर खा गए। लेकिन जनता आगे उनसे भी हिसाब मांगेगी।
विधायक ने बीटीपी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि जातिवाद के नाम पर लोगो को डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग माहौल है और यहां सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई काम किये है, यहां से डॉक्टर, इंजीनियर ओर अब तो कलेक्टर भी बनने लगे है और यह सब कांग्रेस की देन है। विधायक ने कहा कि हम भी आदिवासी है और समाज की प्रमुख मांगो की पैरवी करते है, लेकिन मांग सरकार से करनी है। इसमे लोगो को गुमराह करने या भड़काने का काम वे लोग करते है। इस दौरान विधायक ने गांधीजी के अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख भी दी।
आपको बता दे कि डूंगरपुर जिले में 4 विधानसभा सीटों में से 2 सीटों पर चौरासी और सागवाड़ा में बीटीपी के विधायक है। जबकि आसपुर में भाजपा के विधायक है। विधानसभा चुनावों में बीटीपी की वजह से ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। वही लोकसभा चुनावों में भी तीसरे मोर्चे के रूप में बीटीपी के मैदान में रहने से कांग्रेस की हार हुई थी।

बाईट- गणेश घोघरा, विधायक डूंगरपुर।


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