डूंगरपुर. सदर थाना में तीजवड़ डाकपाल के सरकारी पैसे के गबन का मामला सामने आया है. डाकपाल पर आरोप है कि उसने डाकघर की 60 हजार रुपए से ज्यादा की राशि खुद खर्च कर डाली और इसका हिसाब भी नहीं दिया. डाकघर अधीक्षक की जांच में भी ये राशि कम मिली. पुलिस ने इस मामले में तीजवड़ डाकपाल के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सदर थानाधिकारी मदनलाल ने बताया कि डूंगरपुर डाकघर अधीक्षक अनिल चौहान की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. इसमें बताया गया है कि अंशुल वसीटा तीजवड़ डाकघर में डाकपाल है. तीजवड़ डाकघर में 7 हजार रुपए से तक की राशि रखने का नियम है, लेकिन डाकपाल की ओर से इससे ज्यादा की राशि रखी जा रही थी. इस बारे ने सहायक डाकघर उपखंड डूंगरपुर की ओर से तीजवड़ डाकपाल अंशुल वसीटा को ज्यादा राशि को डूंगरपुर लेखा कार्यालय में जमा करवाने के निर्देश दिए. इसके बावजूद उसने ज्यादा राशि न तो जमा करवाई और न ही इसका कोई जवाब दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, सहायक डाकघर अधीक्षक डूंगरपुर की ओर से 23 सितंबर, 2022 को अचानक तिजवड़ डाकघर का विजिट किया. सत्यापन के दौरान डाकघर का क्लोजिंग बैलेंस 80 हजार 595.50 रुपए था, लेकिन भौतिक सत्यापन में डाकघर में 20 हजार रुपए का कैश ही मिला. शेष राशि 60 हजार 595.50 रुपए का कोई हिसाब नहीं मिला. डाकपाल अंशुल वसीटा ने ये राशि खुद के उपयोग में ले ली. उसके पास ये कैश नहीं मिला. इस तरह डाकपाल ने सरकारी राशि 60 हजार 595 रुपए की राशि का खुद उपयोग कर गबन किया. मामले में पूरे 7 महीने बाद डाकघर अधीक्षक की ओर से सदर थाने में केस दर्ज करवाया गया है.
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जांच में गड़बड़ी मिलने पर जमा करवाई राशि : सदर थानाधिकारी मदनलाल ने बताया कि जांच में 60 हजार 595 रुपए के गबन का मामला सामने आने पर डाकपाल अंशुल वसीटा ने राशि जमा भी करवा दी. 27 सितंबर 2022 को 20 हजार, 30 सितंबर को 16 हजार, 10 अक्टूबर को 20 हजार 500 रुपए और 14 अक्टूबर को 4 हजार 95 रुपए यूसीआर मद में वापस जमा करवा दिए. लेकिन डाकघर की राशि के दुरुपयोग का होने से केस दर्ज करवाया है. मामले में अब पुलिस जांच कर रही है.