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Dhariyavad By-election: बीटीपी में कलह, प्रदेशाध्यक्ष बोले- विधायक रोत ने किया विश्वासघात

धरियावद विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) में सियासी घमासान मचा हुआ है. सियासी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी के विधायक राजकुमार रोत पर जमकर निशाना साधा है.

Dungarpur News, Rajasthan News
बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा
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Published : Nov 8, 2021, 5:49 PM IST

डूंगरपुर.धरियावद विधानसभा उपचुनाव में बीटीपी प्रत्याशी की हार के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में कलह बढ़ गई है. बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ.वेलाराम घोघरा ने अपनी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत और कांति भाई को पार्टी प्रत्याशी की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है. प्रदेशाध्यक्ष घोघरा ने कहा कि विधायक रोत ने विश्वासघात किया है.

बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी की गाइडलाइन है कि पार्टी का प्रत्याशी समाज व लोग मिलकर तय करते है. इसके लिए वे खुद एक महीने तक धरियावद मे रहे. लोगों के बीच गए. पार्टी उम्मीदवार के लिए सुझाव लिए.

पढ़ें. मेवाड़ में भी कम हुआ भाजपा का दबदबा, अगले विधानसभा चुनावों में ये रहेंगी चुनौतियां...

उन्होंने कहा कि लोगों की राय के अनुसार थावरचंद को उम्मीदवार बनाने के सहमति बन गई थी. पार्टी के विधायक राजकुमार रोत, पार्टी से सांसद प्रत्याशी रह चुके कांति भाई रोत आदिवासी, मणीलाल गरासिया और भवंर भाई ने मिलकर पार्टी विरोधी काम किया और निर्दलीय थावरचंद का साथ दिया. लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया. जिससे धरियावद चुनाव में बीटीपी को चुनाव हार का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा कि विधायक व अन्य पदाधिकारी अगर बीटीपी प्रत्याशी के विरोध में नहीं होते तो बीटीपी चुनाव जीत जाती. उल्लेखनीय है कि धरियावद में गणेशलाल मीणा को प्रत्याशी घोषित करने के बावजूद पार्टी के विधायक और अन्य नेताओं ने निर्दलीय थावरचंद मीणा के लिए प्रचार किया.

डूंगरपुर.धरियावद विधानसभा उपचुनाव में बीटीपी प्रत्याशी की हार के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में कलह बढ़ गई है. बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ.वेलाराम घोघरा ने अपनी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत और कांति भाई को पार्टी प्रत्याशी की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है. प्रदेशाध्यक्ष घोघरा ने कहा कि विधायक रोत ने विश्वासघात किया है.

बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी की गाइडलाइन है कि पार्टी का प्रत्याशी समाज व लोग मिलकर तय करते है. इसके लिए वे खुद एक महीने तक धरियावद मे रहे. लोगों के बीच गए. पार्टी उम्मीदवार के लिए सुझाव लिए.

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उन्होंने कहा कि लोगों की राय के अनुसार थावरचंद को उम्मीदवार बनाने के सहमति बन गई थी. पार्टी के विधायक राजकुमार रोत, पार्टी से सांसद प्रत्याशी रह चुके कांति भाई रोत आदिवासी, मणीलाल गरासिया और भवंर भाई ने मिलकर पार्टी विरोधी काम किया और निर्दलीय थावरचंद का साथ दिया. लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया. जिससे धरियावद चुनाव में बीटीपी को चुनाव हार का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा कि विधायक व अन्य पदाधिकारी अगर बीटीपी प्रत्याशी के विरोध में नहीं होते तो बीटीपी चुनाव जीत जाती. उल्लेखनीय है कि धरियावद में गणेशलाल मीणा को प्रत्याशी घोषित करने के बावजूद पार्टी के विधायक और अन्य नेताओं ने निर्दलीय थावरचंद मीणा के लिए प्रचार किया.

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