डूंगरपुर. जिले में सदर थाने के पास सर्किल पर राणा पूंजा की मूर्ति स्थापना को लेकर चल रहे विवाद में (Rana Punja Murthy controversy) गुरुवार को नया मोड़ आ गया. विवादों के बीच बीटीपी के विधायकों ने कार्यकर्ताओं के साथ अपने स्तर पर राणा पूंजा की मूर्ति को सर्किल पर स्थापित कर दीया. इस पूरे मामले में पुलिस और इंटेलिजेंस का फेलियोर रहा है.
जानकारी के मुताबिक डूंगरपुर शहर में सदर थाने के पास स्थित सर्किल को जैन मुनि तरुण सागर महाराज व राणा पूंजा के नाम से करने को लेकर पहले विवाद चल रहा था . नगरपरिषद ने तरुण सागर महाराज के नाम से अन्यत्र सर्किल बनाने के बाद ये विवाद खत्म हो गया था. सर्किल पर मूर्ति स्थापना के लिए डूंगरपुर नगरपरिषद ने राणा पूंजा की मूर्ति बनवाकर मंगवा ली. जिसके बाद सदर थाने के पास सर्किल पर राणा पूंजा की मूर्ति स्थापना को लेकर डूंगरपुर नगरपरिषद, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा और बीटीपी के बीच क्रेडिट को लेकर विवाद हो गया. डूंगरपुर नगरपरिषद अपने स्तर पर इसकी स्थापना करवाना चाह रहा था. दूसरी तरफ बीटीपी मूर्ति को लेकर अपना अलग राग अलाप रही थी. इसी विवाद के चलते मूर्ति की स्थापना नहीं हो पा रही थी. विवाद को लेकर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन हुआ. बैठक के आयोजित होने के बाद भी इल मामले पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला.
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इधर बीटीपी लम्बे समय से राणा पूंजा की मूर्ति की स्थापना को लेकर मांग कर रही थी. कुछ दिन पहले बीटीपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने 5 घंटे तक नगरपरिषद का भी घेराव किया था. गुरुवार को सागवाड़ा में राज्यपाल कलराज मिश्र का दौरा था. साथ ही महावीर जयंती व भीमराव अम्बेडकर जयंती की छुट्टी का फायदा उठाते हुए बीटीपी से चौरासी विधायक राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डिंडोर कार्यकर्ताओं के साथ अपने स्तर पर राणा पूंजा की मूर्ति लेकर सदर थाने के पास सर्किल पर पहुंचे और (BTP MLAs installed Rana Punja statue) स्थापित कर दी. सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक मूर्ति की स्थापना हो चुकी थी. पुलिस मूक दर्शक बन (A big failure of police and intelligence) कर तमाशा देखती रही.