डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में इस बार बारिश के मौसम में औसत से कम बारिश हुई. जिले में औसत बारिश 750 एमएम (30 इंच) है, लेकिन जिले के सागवाड़ा, गलियाकोट व साबला तहसील क्षेत्र में औसत से काफी कम बारिश होने से कई किसानों की बोई हुई खरीफ की फसलें सुख गई या खराब हो गई. इस कारण किसानों को उनकी बोए हुए बीज की उपज भी नहीं मिली.
किसान को कोरोना के बाद मानसून की बारिश (Bad weather in Dungarpur) से लगी उम्मीदें भी टूट गई, जिससे किसान परेशान हो गया. दूसरी ओर बारिश की बेरुखी से फसलें बर्बाद होने पर (Farmers Upset Due to Crop Spoiled) राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए.
डूंगरपुर जिला प्रशासन ने भी सभी पटवारी, गिरदावर और कृषि अधिकारियों के मार्फत फसल खराबे की सर्वे करवाई, जिसमें 33 प्रतिशत या इससे अधिक के फसल खराबे पर मुआवजा मिलेगा. अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान ने बताया कि सागवाड़ा, गलियाकोट व साबला तहसील के 344 गांवो में 1 लाख 9 हजार 959 किसानों की फसलें कम बारिश के कारण खराब हुई है. फसल खराबे पर 24 करोड़ 98 लाख 66 हजार रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है, जिसका मुआवजा अब किसानों को मिलेगा.
आइए जानते हैं किस पंचायत समिति के कितने किसानों का नुकसान...
तहसील | गांव | किसान | नुकसान | खराबे का प्रतिशत |
सागवाड़ा | 189 | 68 हजार 301 | 7 करोड़ 90 लाख 36 हजार | 52.18 प्रतिशत |
गलियाकोट | 61 | 20 हजार 202 | 3 करोड़ 19 लाख | 52.21 प्रतिशत |
साबला | 94 | 21 हजार 156 | 13 करोड़ 89 लाख 30 हजार | 44.99 प्रतिशत |
इन 2 तहसीलों में 33 प्रतिशत से कम खराबा, इसलिए मुआवजा नहीं...
जिले में कम बारिश के कारण वैसे तो सभी जगहों पर उपज कम मिली है, लेकिन सरकार 33 प्रतिशत या इससे अधिक के नुकसान पर ही मुआवजे का प्रावधान है. ऐसे में जिले में दूसरी 2 तहसीलों में भी 28 प्रतिशत तक नुकसान का आकलन किया गया है, लेकिन यह नुकसान 33 प्रतिशत से कम है. इसलिए नियमों के अनुसार उन किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा.
इसमें सीमलवाड़ा तहसील के 117 गांवों के 4051 हैक्टेयर में बोई फैसले खराब हुई है, जो कुल प्रतिशत का 20.02 प्रतिशत है. इसके अलावा चिखली तहसील क्षेत्र में 27.99 प्रतिशत फसलें खराब हुई है. इसमें 2900 हैक्टेयर में फसल खराबा हुआ, लेकिन यह किसान सरकारी दायरे में नहीं आने से मुआवजा नहीं मिलेगा.