डूंगरपुर. जिले में चाइल्ड लाइन पुलिस और मानव तस्करी विरोधी सेल की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 बाल श्रमिकों को बालश्रम से मुक्त कराया है. इन बाल श्रमिकों को गुजरात मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था.
जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव की ओर से बालश्रम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत पुलिस और चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि कुछ बच्चों को निजी वाहनों से मजदूरी के लिए गुजरात ले जाया जा रहा है. इस पर चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी निरोधक सेल की ओर से गुरुवार को गुजरात सीमा से लगते रतनपुर बॉर्डर पर कैम्प किया.
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24 बाल श्रमिकों को करवाया मुक्त
कैम्प इस दौरान पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने राजस्थान से गुजरात जा रहे यात्री वाहनों की तलाशी ली. दिनभर में टीम ने अलग-अलग वाहनों से मजदूरी के लिए गुजरात जा रहे 24 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया.
5 मेट गिरफ्तार
पुलिस ने इन बाल श्रमिकों को बाल श्रम के लिए गुजरात ले जाने वाले 5 मेटों को भी गिरफ्तार किया है. एसपी जय यादव ने बताया कि मुक्त कराए गए बाल श्रमिक डूंगरपुर, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और वहां से बाल कल्याण समिति ने सभी बाल श्रमिकों को संप्रेषण गृह में भेजने के आदेश दिए हैं.
परिजनों की काउंसलिंग की जाएगी
बाल कल्याण समिति की ओर से सभी बच्चों के परिजनों को बुलाकर काउंसलिंग की जाएगी और उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे. बच्चों से बालश्रम करवाने वाले मेटों के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है. बताया जा रहा है कि इन बालश्रमिकों को निर्माण कार्य और अन्य जगहों पर मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था.