डूंगरपुर. डूंगरपुर नगरपरिषद की ओर से बेजुबान परिंदों के लिए 6 मंजिला आशियाना तैयार किया जा रहा है. इस काम के लिये गेपसागर झील के पास नाना भाई पार्क में 6 मंजिला इस आशियाने में पक्षियों के लिए फ्लेट बनाये गए है. साथ ही यहां पर रहने वाले परिंदों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था के साथ सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है.
प्रदेश की डूंगरपुर नगरपरिषद अपनी स्वच्छता और शहर में करवाए गए नवाचारों के लिए हमेशा से ही सुर्खियों में रही है. बात गरीब बेटियों को गोद लेकर उनके शिक्षा से जोड़ने की हो या एकल महिलाओं व दिव्यांगों को रोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने की हो. डूंगरपुर नगरपरिषद ने सभी क्षेत्रो में उल्लेखनीय काम किए. वहीं अब डूंगरपुर नगरपरिषद ने शहरवासियों के साथ शहर में रहने वाले बेजुबान परिंदों की भी सुध ली है.
नगरपरिषद सभापति के.के गुप्ता ने बताया की शहर में अधिकांश बेजुबान पक्षियों की मौत मौसम की मार की चलते हो जाती है. सर्दियों में अधिक सर्दी, गर्मी के मौसम में अधिक गर्मी और बारिश के चलते बेजुबान परिंदे अकारण ही मोत के शिकर हो जाते है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नगरपरिषद ने बेजुबान परिंदों के लिए 50 फीट उंचा 6 मंजिला आशियाना तैयार करवा रही है जिसका काम अंतिम चरण में है. इस 6 मंजिले इमारत की प्रत्येक मंजिल पर 110 फ्लेट बनाए गए है. गुजरात व कर्नाटक के बड़े-बड़े शहर व कस्बो में पक्षियों के लिए इस तरह के आशियानें बनाने की परम्परा है.
राजस्थान में पक्षियों के लिए पहला ऐसा आश्रय स्थल
राजस्थान में इतना ऊंचा आश्रय घर संभवत: पहला है. इसकी उंचाई करीब 50 फीट है. छह मंजिला इस मीनार में चारों ओर सैकड़ो की संख्या में पक्षियों के लिए घोसलें बनाए गए है. वहीं मीनार के नीचे इन पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था के लिए 5 से 6 फीट का एक चबूतरा भी बनाया जायेगा और चबूतरे के चारों और लोहे की जालियों की दीवार भी बनाई जाएगी.
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सर्दियों में शहर की गेपसागर झील में देश-विदेश के पक्षियों का भी विचरण होता है. जिसको देखते हुए पक्षियों के लिए आश्रय घर का निर्माण करवाया जा रहा है. बहराहाल बेजुबान पक्षियों के इस आशियाने का कार्य अंतिम चरण में है और जल्द ही काम पूरा हो जाएगा. इस आशियाने के तैयार होने से एक साथ सैकड़ो पक्षियों को रहने की व्यवस्था हो सकेगी और हर मौसम में पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाएगी.