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वीडियो वायरल कर 6 नेताओं ने बीटीपी से तोड़ा नाता

डूंगरपुर में बीटीपी (BTP) में टूट देखने को मिल रहा है. देवेंद्र कटारा के बीटीपी में शामिल करने को लेकर 6 नेताओं ने पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है. इसको लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (BTP leaders Viral Video) हो रहा है.

Dungarpur news, Dungarpur BTP
6 नेताओं ने बीटीपी से तोड़ा नाता
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Published : Aug 19, 2021, 5:43 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 6:12 PM IST

डूंगरपुर. भाजपा से निष्कासित डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा के बीटीपी में शामिल होने और उनके एक बयान पर बीटीपी में विरोध बढ़ गया है. इसके चलते बीटीपी के एक ब्लॉक अध्यक्ष और पंचायतीराज के 5 जनप्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर अपने बयान जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है. जिससे जिले के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.

बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और भाजपा से निष्कासित देवेन्द्र कटारा को बीटीपी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था. देवेंद्र कटारा डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी नेताओं की बिना रायशुमारी के पार्टी में शामिल किया गया. जिसके बाद से ही डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी के नेताओं में नाराजगी थी. इसके बाद हाल ही में बीटीपी में शामिल हुए पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा ने अपने एक बयान में कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी सामाजिक जन जागरण का आधार रहे आदिवासी परिवार का हिस्सा नहीं है. जिससे भी बीटीपी के नेताओं में नाराजगी थी.

बीटीपी के 6 नेताओं ने छोड़ा पार्टी

यह भी पढ़ें. टिकट वितरण में रारः जाहिदा ने बसपा से कांग्रेस में आए वाजिब अली पर लगाया बीजेपी समर्थित लोगों को फर्जी सिंबल देने का आरोप

पूर्व विधायक बीटीपी में शामिल करने साथ उनके बयानों पर नाराजगी के चलते जिला परिषद सदस्य माया कलासुआ, पार्वती डोडा, सागवाडा पंचायत समिति सदस्य योगेश खांट, गलियाकोट पंचायत समिति सदस्य संजय डामोर, सीमलवाड़ा पंचायत समिति सदस्य मुकेश डामोर और बिछीवाडा ब्लॉक के अध्यक्ष धुलेश्वर वरहात ने सोशल मीडिया पर अपने अलग-अलग वीडियो जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है.

जारी वीडियो में पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा को गलत तरीके से पार्टी में शामिल करने और उनके दिए गए बयान को लेकर नेताओं में नाराजगी है. सभी ने कहा कि वे बता देना चाहते हैं कि वे आदिवासी परिवार की देन है, ना की भारतीय ट्राइबल पार्टी की. उन्होंने कहा कि वे राजनैतिक उद्देश्य से इकट्ठा नहीं हुए है बल्कि सामाजिक अस्मिता कायम रखने के लिए जनजागरण कर रहे हैं.

पार्टी से नाता तोड़ने वाले नेताओं का कहना है कि हम भारतीय ट्राइबल पार्टी को निश्चित शर्तों पर मतलब लीज पर लाये थे लेकिन वर्तमान में बीटीपी आदिवासी समाज पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है, जो उन्हें स्वीकार नहीं है. जिसके चलते वे पार्टी से अपना संबंध तोड़ रहे हैं.

डूंगरपुर. भाजपा से निष्कासित डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा के बीटीपी में शामिल होने और उनके एक बयान पर बीटीपी में विरोध बढ़ गया है. इसके चलते बीटीपी के एक ब्लॉक अध्यक्ष और पंचायतीराज के 5 जनप्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर अपने बयान जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है. जिससे जिले के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.

बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और भाजपा से निष्कासित देवेन्द्र कटारा को बीटीपी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था. देवेंद्र कटारा डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी नेताओं की बिना रायशुमारी के पार्टी में शामिल किया गया. जिसके बाद से ही डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी के नेताओं में नाराजगी थी. इसके बाद हाल ही में बीटीपी में शामिल हुए पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा ने अपने एक बयान में कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी सामाजिक जन जागरण का आधार रहे आदिवासी परिवार का हिस्सा नहीं है. जिससे भी बीटीपी के नेताओं में नाराजगी थी.

बीटीपी के 6 नेताओं ने छोड़ा पार्टी

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पूर्व विधायक बीटीपी में शामिल करने साथ उनके बयानों पर नाराजगी के चलते जिला परिषद सदस्य माया कलासुआ, पार्वती डोडा, सागवाडा पंचायत समिति सदस्य योगेश खांट, गलियाकोट पंचायत समिति सदस्य संजय डामोर, सीमलवाड़ा पंचायत समिति सदस्य मुकेश डामोर और बिछीवाडा ब्लॉक के अध्यक्ष धुलेश्वर वरहात ने सोशल मीडिया पर अपने अलग-अलग वीडियो जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है.

जारी वीडियो में पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा को गलत तरीके से पार्टी में शामिल करने और उनके दिए गए बयान को लेकर नेताओं में नाराजगी है. सभी ने कहा कि वे बता देना चाहते हैं कि वे आदिवासी परिवार की देन है, ना की भारतीय ट्राइबल पार्टी की. उन्होंने कहा कि वे राजनैतिक उद्देश्य से इकट्ठा नहीं हुए है बल्कि सामाजिक अस्मिता कायम रखने के लिए जनजागरण कर रहे हैं.

पार्टी से नाता तोड़ने वाले नेताओं का कहना है कि हम भारतीय ट्राइबल पार्टी को निश्चित शर्तों पर मतलब लीज पर लाये थे लेकिन वर्तमान में बीटीपी आदिवासी समाज पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है, जो उन्हें स्वीकार नहीं है. जिसके चलते वे पार्टी से अपना संबंध तोड़ रहे हैं.

Last Updated : Aug 19, 2021, 6:12 PM IST
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