डूंगरपुर. जिले के सागवाड़ा उपखंड के भीलूड़ा गांव में 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पत्थर मार होली (stone pelting Holi in Dungarpur) खेली गई. इस खूनी होली में पत्थर लगने से 48 लोग घायल (48 injured in stone pelting Holi) हुए हैं जिनमें से तीन को प्राथमिक उपचार के बाद सागवाड़ा अस्पताल के लिए रेफर किया गया. परंपरा को निभाने के लिए हर साल की तरह आज धुलंडी की शाम को भीलूड़ा और आसपास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण भीलूड़ा गांव के रघुनाथ जी मंदिर परिसर में एकत्रित हुए और परंपरा अनुसार पत्थर मार होली का आयोजन किया गया.
गांव के लोगों को दो पक्षों में बांटकर पत्थर मार होली शुरू की गई. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए. वहीं कुछ युवाओं ने गोफण की सहायता से दूर तक पत्थरों से हमला किया. इधर, कुछ ग्रामीण पत्थर मारने के साथ ढाल से खुद का बचाव भी करते दिखे. पत्थर मार होली में 48 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 45 लोगों का भीलूड़ा अस्पताल में इलाज किया गया. 3 लोगों को ज्यादा चोटें लगने पर इलाज के लिए सागवाड़ा अस्पताल रेफर किया गया.
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पत्थर मार होली यानी खूनी होली के पीछे मान्यता है कि जमीन पर खून गिरने से इसे आगामी वर्ष के लिये शुभ संकेत माना जाता है. गांव पर कोई विपदा नहीं आती. पत्थरबाजी और खूनी होली का यह खेल जिला प्रशासन के अधिकारियों के सामने खेला जाता है. घायलों के इलाज के लिए चिकित्सा विभाग मौके पर मेडिकल टीम और एंबुलेंस भी नियुक्त करता है.