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कोरोनाकाल में करोड़ों का राशन घोटाला: गरीबों का राशन डकार गए 3622 सरकारी नुमाइंदे, 1344 पर केस की तैयारी - government scheme

आम जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सरकारी नुमाइंदों पर होती है, लेकिन जब वही गरीबों का निवाला डकार लें तो फिर किससे उम्मीद रखी जाए? आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में गरीबों और पिछड़े वर्ग को मिलने वाला राशन सरकारी कर्मचारियों ने ही हड़प लिया. अब पोल खुलने पर कर्मचारियों से वसूली की जा रही है.

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गरीबों का राशन डकार गए 3622 सरकारी नुमाइंदे
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Published : Jul 19, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Jul 19, 2021, 10:49 PM IST

डूंगरपुर: आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में सरकारी कर्मचारी ही गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं. सरकार और रसद विभाग ने जांच की तो सामने आया कि डूंगरपुर जिले में 3 हजार 622 मामलों में सरकारी कर्मचारी रहते खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जी तरीके से राशन उठा लिया गया.

गरीबों के राशन पर डाका पड़ा तो विभाग हरकत में आया. ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर वसूली शुरू की गई. 2 हजार 278 कर्मचारियों ने अपनी गलती मानते हुए वसूली की राशि जमा करा दिया है. 27 रुपये प्रति किलो गेंहू के हिसाब से सरकारी खजाने में 2 करोड़ 98 लाख 68 हजार 225 रुपए की राशि जमा करा दी गई है.

गरीबों का राशन डकार गए 3622 सरकारी नुमाइंदे

पढ़ें: डूंगरपुर में गरीबों के अनाज पर डाका, वितरण में गड़बड़ी पर राशन डीलर और व्यवस्थापक निलंबित

कुल 3622 कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से गरीबों का राशन उठाया है. 2278 राशि जमा करा चुके हैं, लेकिन 1344 कर्मचारी राशि जमा कराने में आनाकानी कर रहे हैं. इन कर्मचारियों के खिलाफ अब रसद विभाग कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. रसद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन कर्मचारियों से वसूली निकाली गई है, उन्हें 15 दिन के लिए आखिरी मौका दिया जा रहा है. इसके बाद भी वसूली की राशि जमा नहीं कराई गई तो उनके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा.

पढ़ें: गरीब जाए तो जाए कहां! कलेक्टर कह रहे वैक्सीन नहीं तो राशन नहीं, करेंगे कार्रवाई...सरकार बता रही टीके का टोटा

गरीबों के हक पर डाका डालने वालों में वैसे तो सभी विभागों के कर्मचारी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा शिक्षक वर्ग है. इसके अलावा पुलिस जवानों के परिवारों ने भी राशन उठाया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब समाज को मार्गदर्शन करने वाले और न्याय दिलाने वाले ही आम जन का हक डकार जाएं तो फिर किसे दोष दें? हालांकि अब वसूली के साथ ही ऐसे कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई चल रही है. अब देखना होगा कि गरीबों को उनका हक कब तक मिलता है.

डूंगरपुर: आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में सरकारी कर्मचारी ही गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं. सरकार और रसद विभाग ने जांच की तो सामने आया कि डूंगरपुर जिले में 3 हजार 622 मामलों में सरकारी कर्मचारी रहते खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जी तरीके से राशन उठा लिया गया.

गरीबों के राशन पर डाका पड़ा तो विभाग हरकत में आया. ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर वसूली शुरू की गई. 2 हजार 278 कर्मचारियों ने अपनी गलती मानते हुए वसूली की राशि जमा करा दिया है. 27 रुपये प्रति किलो गेंहू के हिसाब से सरकारी खजाने में 2 करोड़ 98 लाख 68 हजार 225 रुपए की राशि जमा करा दी गई है.

गरीबों का राशन डकार गए 3622 सरकारी नुमाइंदे

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कुल 3622 कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से गरीबों का राशन उठाया है. 2278 राशि जमा करा चुके हैं, लेकिन 1344 कर्मचारी राशि जमा कराने में आनाकानी कर रहे हैं. इन कर्मचारियों के खिलाफ अब रसद विभाग कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. रसद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन कर्मचारियों से वसूली निकाली गई है, उन्हें 15 दिन के लिए आखिरी मौका दिया जा रहा है. इसके बाद भी वसूली की राशि जमा नहीं कराई गई तो उनके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा.

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गरीबों के हक पर डाका डालने वालों में वैसे तो सभी विभागों के कर्मचारी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा शिक्षक वर्ग है. इसके अलावा पुलिस जवानों के परिवारों ने भी राशन उठाया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब समाज को मार्गदर्शन करने वाले और न्याय दिलाने वाले ही आम जन का हक डकार जाएं तो फिर किसे दोष दें? हालांकि अब वसूली के साथ ही ऐसे कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई चल रही है. अब देखना होगा कि गरीबों को उनका हक कब तक मिलता है.

Last Updated : Jul 19, 2021, 10:49 PM IST
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