डूंगरपुर. सागवाड़ा पंचायत समिति अंतर्गत पादरा लेम्प्स के सेल्स मैनेजर ने प्रदेश के कई जिलों के सैकड़ों उपभोक्ताओं की राशन कार्ड आईडी हैक कर पोस मशीन से सीधे मुफ्त का गेंहू डकार लिया. फिलहाल 21 जिलों के 137 परिवारों के नाम सामने आ गए हैं, जिनके नाम से राशन उठा लिया है.
इस पर प्रशासन और रसद विभाग की संयुक्त टीम ने जांच शुरू कर सागवाड़ा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है.
कुछ यूं की गड़बड़ी...
प्रदेश और केन्द्र सरकार की ओर से कोरोना आपदा के तहत बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय एवं खाद्य सुरक्षा में चयनित प्रत्येक परिवार के प्रत्येक यूनिट के लिए 10-10 किलो नि:शुल्क गेहूं वितरण करना शुरू किया गया है. कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए सरकार ने पोस मशीन पर बायोमेट्रिक थम्ब इंप्रेशन की बाध्यता हटा दी है. इसकी आड़ में पादरा लेम्प्स अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकान द्वितीय के माध्यम से विभाग के पोर्टल पर अन्य जिलों के राशन उपभोक्ताओं की आईडी हैक कर सीधे ही उन परिवारों के नाम से आए गेहूं का डूंगरपुर से उठाव कर लिया है. फिलहाल जांच में 21 जिलों के 137 राशन कार्ड धारकों के 29 क्विंटल 73 किलो गेहूं को अनुचित तरीके से उठाना सामने आया है.
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यूं हुआ खुलासा...
पूरी सोची-समझी रणनीति के तहत हुए इस घोटाले का खुलासा जागरूक उपभोक्ताओं की बदौलत हुआ. अन्य जिलों के उपभोक्ता जब राशन डीलर की दुकान पर पहुंचे तो राशन डीलर ने पोस मशीन में जैसे ही उपभोक्ताओं की आईडी अपलोड की, तो उनके नाम से राशन उठना सामने आया. ऐसे में उपभोक्ताओं ने संंबंधित प्रशासन और वहां के रसद अधिकारी से संपर्क किया, तो सामने आया कि जिस आईडी से गेहूं उठा है, वह डूंगरपुर जिले से हैं. संबंधित डीएसओ एवं जिला प्रशासन ने यह मामला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव को भेजा. ऐसी ही शिकायतें अन्य जिलों से भी सामने आईं, जिसमें डूंगरपुर के पादरा लेम्प्स की भूमिका संदिग्ध सामने आई है.
किस जिले से कितने उपभोक्ताओं का डकारा गेहूं...
- अजमेर के 9 परिवार का 140 किलो
- अलवर के 20 परिवारों का 405 किलो
- बांरा के दो परिवारों का 40 किलो
- बाड़मेर के एक परिवार का 25 किलो
- भरतपुर के छह परिवारों का 110 किलो
- भीलवाड़ा के दो परिवारों का 30 किलो
- बीकानेर के पांच परिवारों का 140 किलो
- बूंदी के तीन परिवारों का 55 किलो
- चूरू के चार परिवारों का 95 किलो
- धौलपुर के चार परिवारों का 45 किलो
- श्रीगंगानगर के पांच परिवारों का 115 किलो
- जयपुर के चार परिवारों का 90 किलो
- झालावाड़ के चार परिवारों का 68 किलो
- जोधपुर के 10 परिवारों का 225 किलो
- करौली के 14 परिवारों का 330 किलो
- कोटा के तीन परिवारों का 30 किलो
- नागौर के नौ परिवारों का 170 किलो
- पाली के दो परिवारों का 60 किलो
- प्रतापगढ़ के एक परिवार का 35 किलो
- सवाई माधोपुर के छह परिवारों का 150 किलो
- उदयपुर के 23 परिवारों का 615 किलो सहित 21 जिलों के 137 परिवारों का दो हजार 973 किलो गेहूं का फर्जी तरीके से उठाव कर लिया
जब दांव लगा, तब डकारा...
इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया पादरा लेम्प्स अंतर्गत उचित मूल्य के प्रभारी हेमराज डिण्डोर की भूमिका संदिग्ध सामने आई है. वह मामले की भनक प्रशासन तक पहुंचने की जानकारी मिलते ही फरार हो गया है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह कारस्तानी उसने जब मौका मिला तब आईडी डाल-डालकर गेहूं सीधे पार करता रहा. हालांकि, इस पूरे मामले में केवल एक व्यक्ति की ही भूमिका रही हो या यह पहली बार ही हुआ हो यह भी गले नहीं उतर रहा है.
जांच के लिए पहुंचा दल...
प्रदेश के 21 जिलों के जिला रसद अधिकारियों और नागरिक आपूर्ति विभाग से पत्र प्राप्त होते ही सागवाड़ा तहसीलदार मयूर शर्मा, प्रवर्तन निरीक्षक विपिन जैन, पुष्पेन्द्र सिंह, विधिक महाविज्ञान निरीक्षक निलेश खांट, पटवारी वीरेन्द्र सिंह ने पादरा उचित मूल्य दुकान द्वितीय का रिकार्ड जब्त करते हुए कानूनी कार्रवाई के लिए ओड ग्राम पंचायत भवन पहुंचे, यहां मौका पर्चा बनाया.
व्यवस्थापक ने दर्ज कराई रिपोर्ट...
सहकारी मिनी बैंक पादरा के व्यवस्थापक ने सागवाड़ा थाने के रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इसमें बताया कि पादरा लेम्प्स उचित मूल्य दुकान द्वितीय के संचालन का जिम्मा कोपड़ा निवासी हेमराज पुत्र कमलाशंकर डिण्डोर को दिया था. उसके पास पोस मशीन 5660 और 5661 थी. इसके द्वारा 26 मार्च से 29 मार्च के मध्य अनुचित तरीके से राशन का गेहूं उठा लिया. कार्रवाई के दौरान ओड सरपंच लोकेश ननोमा, लेम्प्स अध्यक्ष कोदरलाल आदि भी मौजूद रहे.