डूंगरपुर. डेढ़ साल पहले नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने और गर्भवती होने पर दवा देकर गर्भ गिराने के गंभीर मामले में विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है.
लैंगिंग अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम एवं बाल संरक्षण आयोग डूंगरपुर( पॉक्सो कोर्ट) के पीठासीन अधिकारी ने गुरुवार को मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया. विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया कि मामले में आरोपी चेतनलाल पुत्र रमेश निवासी पोगरा को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामले में न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर दिलाने की भी अनुशंषा की है.
11 अगस्त 2020 को पीड़िता की मां ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इसमें बताया था कि पीड़िता और आरोपी चेतनलाल के बीच जान पहचान थी. दोनों की शादी को लेकर बात चल रही थी. लेकिन इससे तीन महीने पहले आरोपी चेतनलाल नाबालिग को पत्नी बनाने की नीयत से अपहरण कर भगा ले गया. इसके बाद अहमदाबाद के खोडियाल नगर में एक कमरे में रखा. जहां नाबालिग के साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया. इससे नाबालिग पीड़ित गर्भवती हो गई तो आरोपी ने उसे गर्भ गिराने की दवाइयां लाकर दी. जिससे उसका गर्भ गिर गया. नाबालिग के ब्लीडिंग शुरू होने पर वह उसके घर लाकर छोड़कर भाग गया था.
कोर्ट में घटना से मुकरी पीड़िता, साक्ष्य के आधार पर सुनाई सजा
दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग कोर्ट में पुलिस को दिए बयान ओर रिपोर्ट से ही मुकर गए थी. न्यायालय के 23 पेज के फैसले में पेज नंबर 8 पर 16वें प्वाइंट में पीड़ित नाबालिग के बयान दर्ज हैं. इसमें नाबालिग ने दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. नाबालिग पीड़िता ने कहा कि आरोपी न तो उसे भगाकर ले गया है और न ही उसके साथ दुष्कर्म किया है.
इतना ही नहीं पीड़िता मजिस्ट्रेट के सामने हुए बयानों से भी मुकर गई. जिसमें उसने पहले दुष्कर्म की घटना कबूल की थी. कोर्ट में उसने अपने माता-पिता के दबाव में आकर बयान देने की बात कही. लेकिन न्यायालय ने पेश किए गए साक्ष्य जिसमें नाबालिग पीड़िता से दुष्कर्म की घटना की पुष्टि होने पर सजा सुनाई है.