धौलपुर. बाड़ी उपखंड क्षेत्र के गांव कुरेदा में श्रमिक महिलाओं के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. राजस्थान राजीव ग्रामीण विकास परिषद की तरफ से कौशल विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को खुद को रोजगार के लिए साढ़े सात हजार की राशि दी गई थी. अमुक राशि को महिलाओं के अकाउंट में ट्रांसफर भी कर दिया. लेकिन महिला श्रमिकों के निकालने से पूर्व ही उनके अकाउंट से सारी राशि गायब हो गई. महिलाओं ने धौलपुर स्थित एक बैंक पर धांधली का आरोप लगाया है. कलेक्टर को शिकायत पत्र देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है..
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद कंचनपुर क्षेत्र की सीएलएफ मंजू ने बताया राजस्थान ग्रामीण राजीविका विकास परिषद से जुड़ी हुई सभी महिलाएं हैं. जिन्हें खुद के रोजगार के लिए भारत सरकार की योजना कौशल विकास के अंतर्गत 25 महिलाओं के एक समूह को 1 लाख 80 हजार की राशि दी गई थी. प्रत्येक महिला के अकाउंट में सरकार ने साढ़े सात हजार ट्रांसफर किए थे. उन्होंने बताया कि अकाउंट में पैसे जमा होने के तुरंत बाद ही राशि को निकाल लिया गया. जब महिलाओं ने बैंक में पहुंचकर जांच पड़ताल की, तो बैंककर्मियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
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महिला श्रमिक विरमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैंककर्मियों ने बदतमीजी करते हुए बाहर निकाल दिया. इसके साथ ही मनरेगा श्रमिक सभी महिलाओं की राशि को भी रोक दिया है. मनरेगा योजना में महिलाएं लगातार मजदूरी कर रही हैं. उसके बावजूद महिलाओं को मजदूरी नहीं दी जा रही है. श्रमिक महिलाओं के परिवारों पर आर्थिक संकट गहरा गया है. घर परिवार का खर्चा चलना भी मुश्किल हो रहा है.
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श्रमिक महिलाओं का आरोप है कि यह धांधली एवं धोखाधड़ी सिर्फ एक समूह से की गई है. अगर मामले की जांच की जाए तो धांधली का बड़ा मामला खुल सकता है. बुधवार को महिलाओं ने लामबंद होकर जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल को शिकायत पत्र दिया है. शिकायत पत्र में महिलाओं ने बैंक पर धांधली के आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.