धौलपुर. बसेड़ी थाना क्षेत्र के गांव जारगा निवासी 75000 का इनामी डकैत मुकेश ठाकुर (dacoit Mukesh Thakur) का आगरा पुलिस ने 30 अगस्त की रात को एनकाउंटर कर दिया. एनकाउंटर के 2 दिन बाद यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव मृतक की पत्नी को सौंपा. डकैत मुकेश ठाकुर की पत्नी काजल और मां ओमवती एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर रही हैं. उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डकैत मुकेश ठाकुर की पत्नी काजल ने बताया कि 1 महीने पहले उनकी मुलाकात हुई थी. उन्होंने बताया कि मुकेश ठाकुर अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर जीवन जीना चाहता था. 29 अगस्त को दोपहर करीब 2 बजे उसकी मुकेश ठाकुर से बात हुई थी लेकिन शाम 4 बजे के बाद से संपर्क टूट गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दुश्मन ने रुपए-संपत्ति के लालच में जहर खिलाकर और गला दबाकर हत्या कर दी.
मुकेश की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि मुखबिर और पुलिस साठगांठ कर शव को आगरा ले गए. आगरा जिले के सदर थाना क्षेत्र में फर्जी तरीके से एनकाउंटर की कहानी बना दी गई. डकैत की पत्नी ने कहा एनकाउंटर होने के दो दिन बाद पोस्टमार्टम कराकर शव को सौंपा. जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होना स्वाभाविक है. मुकेश ठाकुर धौलपुर पुलिस के समक्ष सरेंडर करना चाहता था. लेकिन उसके दुश्मन और यूपी पुलिस (UP Police) ने सांठगांठ कर उसे मौत के घाट उतार दिया.
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डकैत मुकेश ठाकुर अपने पीछे 10 महीने की बच्ची मिष्टी को छोड़ गया है. अबोध बच्ची के सिर से पिता का साया हट चुका है. वहीं मुकेश ठाकुर की मां ओमवती ने कहा कि दुश्मनों ने धोखे से मुकेश ठाकुर की हत्या की है. इस मामले में परिवार अब उत्तर प्रदेश शासन और सरकार से सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.
30 अगस्त की रात हुआ था एनकाउंटर
आगरा पुलिस के मुताबिक 75000 के इनामी डकैत मुकेश ठाकुर को आगरा पुलिस ने हिरासत में लिया था लेकिन डकैत ठाकुर पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा. डकैत और पुलिस में मुठभेड़ होने पर उसके सीने में गोली लग गई. सीने में गोली लगने पर यूपी पुलिस ने एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
डकैत के अन्य भाइयों को डर, यूपी पुलिस लगा सकती है झूठे मुकदमे
डकैत मुकेश ठाकुर के एनकाउंटर के बाद पूरा परिवार सहमा और डरा हुआ है. मुकेश ठाकुर का बड़ा भाई सुरेश ठाकुर, महेश और देवेंद्र दोनों छोटे भाई यूपी पुलिस से डरे हुए हैं. तीनों भाइयों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेज सकती है.
पैरोल पर छूटने के बाद सक्रिय हुआ था मुकेश ठाकुर
साल 2019 में हाईकोर्ट के आदेश पर पैरोल मिलने के बाद डकैत मुकेश ठाकुर फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया था. ठाकुर के फरार हो जाने के बाद यूपी, एमपी और राजस्थान पुलिस की ओर से 75000 रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था लेकिन धौलपुर पुलिस के दबाव को देख डकैत ठाकुर सूरत और दिल्ली में छिप गया. परिजनों के मुताबिक 29 अगस्त को मनिया थाना इलाके के गांव में किसी परिचित के यहां आया हुआ था, जहां मुकेश ठाकुर का एनकाउंटर किया गया.