धौलपुर. जिले के सबसे बड़े आंगई डैम से सोमवार सुबह 19 गेट खोलकर 44778 क्यूसेक पानी रिलीज किया गया है. पार्वती नदी में रिलीज किए गए पानी से बाड़ी-बसेड़ी सड़क मार्ग और सैंपऊ-बाड़ी सड़क मार्ग बंद हो चुका है.
साथ ही कोलारी-मालोनी रपट और सखबारा-मनिया रपट तक भी देर रात तक पानी पहुंच जाएगा. इसके बाद यहां से भी आवागमन की गुंजाइश खत्म हो जाएगी. पानी के कारण बाड़ी, बसेड़ी, सैंपऊ और राजाखेड़ा उपखंड मुख्यालय का ग्रामीण इलाकों से संपर्क कट रहा है. सैंपऊ मुख्यालय से करीब 24 गांव और बसेड़ी उपखंड मुख्यालय से करीब 20 गांवों का संपर्क टूट चुका है.
पार्वती नदी भी पानी की लगातार आवक के कारण उफान पर है. ऐसे में निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. जिसे लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट भी जारी किया है. हल्का पटवारी, सचिव, सरपंच और पुलिस को विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
कई घंटों से हो रही बारिश से जिले का सबसे बड़ा आंगई बांध ओवरफ्लो हो चुका है. रविवार रात डांग इलाके से जमकर पानी की आवक हुई. आज सुबह जल संसाधन विभाग ने बांध के 19 गेट खोलकर 44778 क्यूसेक पानी रिलीज कर दिया. पुलिस ने बाड़ी-बसेड़ी और बाड़ी-सैंपऊ मार्ग आवागमन रोक दिया है.
बसेड़ी और सैंपऊ रपट पर पांच-पांच फीट की चादर चल रही है. रपट के दोनों सिरों पर पुलिस और प्रशासन के कर्मचारी तैनात किये गये हैं. राजाखेड़ा उपखंड के इलाकों में भी पार्वती नदी के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
एसडीआरएफ की टीम मुस्तैद
संभावित हादसों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम को तैयार रखा है. जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. आंगई डैम में अभी भी पानी की आवक हो रही है. ऐसे में खतरा बढ़ता जा रहा है.
इस गांव में पैदा हुए बाढ़ के हालात
आंगई डैम से पार्वती नदी में रिलीज किए गए पानी से सैंपऊ उपखंड इलाके के गांव मढ़ा में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. दो दर्जन से अधिक परिवार पानी की चपेट में हैं. ग्रामीण घरों में पानी घुसने के बाद अब अनाज, कपड़े, बर्तन और मवेशियों को सुरक्षित निकालने की जद्दोजहद कर रहे हैं. स्थानीय ग्राम पंचायत निजी स्तर पर परिवारों को स्कूल में शिफ्ट करा रही है. उधर पानी की आवक पार्वती नदी में लगातार जारी है. जिससे कई दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.
नदी के निचले हिस्से में बसे करीब 25 परिवार पानी की चपेट में आए हैं. प्रशासन की टीमें लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं. पानी से खरीफ की फसल भी बर्बाद हो गई है. हालांकि इस गांव में अभी तक जनहानि की खबर नहीं है. जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम को तैनात कर रखा है.