धौलपुर. कोटा बैराज से पानी रिलीज किए जाने के बाद धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर पहुंच चुका (Water level of Chambal river above danger mark) है. जिस हिसाब से चंबल में पानी की आवक हो रही है, उसे देखते हुए 50 से अधिक गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. जिला प्रशासन ने नदी के निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है. संबंधित हल्का पटवारी, गिरदावर एवं सचिवों को निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.
सिंचाई विभाग के एक्सईएन रामअवतार मीणा ने बताया कि मंगलवार की रात्रि को कोटा बैराज से 1 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी चम्बल में रिलीज किया है. मध्य प्रदेश में हो रही बारिश से गांधी सागर में अचानक पानी की आवक तेज हो गई है. कोटा बैराज का गेट मेंटेन करने के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि चंबल नदी की सहायक नदियां जिसमें पार्वती, परिवन, कालीसिंध का पानी भी आ रहा है. इसके साथ ही छोटे नदी-नालों के भी पानी चंबल में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी धौलपुर जिले से होकर गुजर रही चंबल नदी में पहुंच रहा है.
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उन्होंने बताया कि चंबल का खतरे का निशान 129.79 मीटर है. 130.79 मीटर से वार्निंग लेवल शुरू हो जाता है. लेकिन वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से बढ़कर 132.50 मीटर तक पहुंच चुका है. अर्थात चंबल नदी का जलस्तर 3 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है. उन्होंने बताया जिस हिसाब से चंबल नदी में पानी की आवक हो रही है, उसके मुताबिक रात्रि में चंबल का जलस्तर पुराने पुल के नजदीक 136 मीटर तक पहुंच सकता है. लगातार पानी की आवक को देखते हुए जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने अलर्ट जारी किया है.
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नदी के निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की नसीहत दी है. प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया धौलपुर, बाड़ी, सरमथुरा एवं राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 50 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. बाढ़ आपदा प्रबंधन एवं एसडीआरएफ टीम को भी अलर्ट मोड़ पर रखा गया है. सिंचाई विभाग हर घंटे गेज मेंशन कर रहा है. इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा रही है.