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सड़क और स्कूल को तरस रहे अठपेरिया के ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार

राजस्थान के धौलपुर जिले में बुनियादी समस्याओं से परेशान ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान किया है. जानिए क्या है पूरा मामला.

Rajasthan Panchayati elections, elections boycott by farmer
पंचायती चुनाव बहिष्कार
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Published : Oct 22, 2021, 5:43 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 9:55 PM IST

बाड़ी (धौलपुर). लम्बे समय से बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर पंचायत चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान किया है. बाड़ी उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत अलीगढ़ के राजस्व गांव अठपेरिया के मतदाताओं (महिला, पुरुष और स्कूली बच्चों) ने सैकड़ों की तादाद में लामबंद होकर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ गांव में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. साथ ही ग्रामीणों ने हाथों में पंचायत चुनाव के बहिष्कार के पोस्टर लेकर सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं.

6 किलोमीटर का कच्चा रास्ता अत्यंत दुर्गम

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हमारा गांव अठपेरिया ग्राम पंचायत अलीगढ़ क्षेत्र में आता है, जो कि राजस्व गांव है. हमारे गांव अठपेरिया से एक रास्ता बाड़ी नगर पालिका क्षेत्र की सीमा से मात्र 3:30 किलोमीटर दूर है और दूसरा रास्ता निहाला का अड्डा की तरफ सड़क से जुड़ने के लिए मात्र ढाई किलो मीटर की दूरी पर है. हमारे गांव की जनसंख्या लगभग 900 है जबकि वोटरों की संख्या करीब 350 है. वहीं हमारे गांव से कुल 6 किलोमीटर का कच्चा रास्ता अत्यंत दुर्गम है जिससे आने जाने में बहुत परेशानी होती है. इस 6 किलोमीटर के कच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए कई बार सरकारें आई चली गई, लेकिन सड़क का निर्माण फिर भी नहीं हो सका.

धौलपुर के गांव में पंचायती चुनाव बहिष्कार

यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री गहलोत का आरोप, सीबीआई-ईडी का दुरुपयोग कर रही है मोदी सरकार

सड़क मार्ग नहीं होने के चलते शिक्षा से वंचित हो रही बच्चियां

साथ ही उन्होंने बताया कि कीचड़ और गंदगी होने के कारण आवागमन में असुविधा होती है. सबसे अधिक मुसीबतों का सामना स्कूली बच्चों को करना पड़ रहा है. स्कूली छात्रा ने बताया कि उनके माता-पिता के पास संसाधनों का अभाव है. कई बार उन्हें रास्ता नहीं होने के कारण स्कूल से वंचित होना पड़ता है. सबसे अधिक समस्या बच्चियों के लिए होती है. सुविधा संसाधन एवं सड़क मार्ग नहीं होने से बच्चियां शिक्षा से वंचित रह रही है.

यह भी पढ़ें- कोरोना में जो जख्म सरकार ने दिए उसमें 100 करोड़ टीके लगाने का जश्न क्यों : रणदीप सुरजेवाला

सिर्फ आश्वासन देते नेता और अधिकारी

ग्रामीणों ने बताया कि समस्या को लेकर कई मर्तबा राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन राजनेता और सिस्टम के जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं. सड़क निर्माण की समस्या से किसी भी राजनेता या अधिकारी ने निजात दिलाने की जहमत नहीं उठाई है. वर्तमान स्थिति में कच्चा रास्ता बना हुआ है. बरसाती सीजन होने के कारण पूरे रास्ते में कीचड़ और दलदल है. जिसके चलते आवागमन की सुविधा बंद हो जाती है.

पंचायत मुख्यालय तक सफर करने के लिए ग्रामीणों को पैदल ही जाना पड़ता है. इन सभी मुद्दों के चलते आक्रोशित ग्रामीणों ने आज गांव में पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. बता दें कि 23 अक्टूबर को बाड़ी पंचायत समिति में द्वितीय चरण का मतदान होना है और इस दूसरे चरण के मतदान में ग्रामीणों ने मतदान नहीं करने का फैसला लिया है.

बाड़ी (धौलपुर). लम्बे समय से बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर पंचायत चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान किया है. बाड़ी उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत अलीगढ़ के राजस्व गांव अठपेरिया के मतदाताओं (महिला, पुरुष और स्कूली बच्चों) ने सैकड़ों की तादाद में लामबंद होकर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ गांव में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. साथ ही ग्रामीणों ने हाथों में पंचायत चुनाव के बहिष्कार के पोस्टर लेकर सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं.

6 किलोमीटर का कच्चा रास्ता अत्यंत दुर्गम

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हमारा गांव अठपेरिया ग्राम पंचायत अलीगढ़ क्षेत्र में आता है, जो कि राजस्व गांव है. हमारे गांव अठपेरिया से एक रास्ता बाड़ी नगर पालिका क्षेत्र की सीमा से मात्र 3:30 किलोमीटर दूर है और दूसरा रास्ता निहाला का अड्डा की तरफ सड़क से जुड़ने के लिए मात्र ढाई किलो मीटर की दूरी पर है. हमारे गांव की जनसंख्या लगभग 900 है जबकि वोटरों की संख्या करीब 350 है. वहीं हमारे गांव से कुल 6 किलोमीटर का कच्चा रास्ता अत्यंत दुर्गम है जिससे आने जाने में बहुत परेशानी होती है. इस 6 किलोमीटर के कच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए कई बार सरकारें आई चली गई, लेकिन सड़क का निर्माण फिर भी नहीं हो सका.

धौलपुर के गांव में पंचायती चुनाव बहिष्कार

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सड़क मार्ग नहीं होने के चलते शिक्षा से वंचित हो रही बच्चियां

साथ ही उन्होंने बताया कि कीचड़ और गंदगी होने के कारण आवागमन में असुविधा होती है. सबसे अधिक मुसीबतों का सामना स्कूली बच्चों को करना पड़ रहा है. स्कूली छात्रा ने बताया कि उनके माता-पिता के पास संसाधनों का अभाव है. कई बार उन्हें रास्ता नहीं होने के कारण स्कूल से वंचित होना पड़ता है. सबसे अधिक समस्या बच्चियों के लिए होती है. सुविधा संसाधन एवं सड़क मार्ग नहीं होने से बच्चियां शिक्षा से वंचित रह रही है.

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सिर्फ आश्वासन देते नेता और अधिकारी

ग्रामीणों ने बताया कि समस्या को लेकर कई मर्तबा राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन राजनेता और सिस्टम के जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं. सड़क निर्माण की समस्या से किसी भी राजनेता या अधिकारी ने निजात दिलाने की जहमत नहीं उठाई है. वर्तमान स्थिति में कच्चा रास्ता बना हुआ है. बरसाती सीजन होने के कारण पूरे रास्ते में कीचड़ और दलदल है. जिसके चलते आवागमन की सुविधा बंद हो जाती है.

पंचायत मुख्यालय तक सफर करने के लिए ग्रामीणों को पैदल ही जाना पड़ता है. इन सभी मुद्दों के चलते आक्रोशित ग्रामीणों ने आज गांव में पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. बता दें कि 23 अक्टूबर को बाड़ी पंचायत समिति में द्वितीय चरण का मतदान होना है और इस दूसरे चरण के मतदान में ग्रामीणों ने मतदान नहीं करने का फैसला लिया है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 9:55 PM IST
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