धौलपुर. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जयसवाल के निर्देशन में महिला और बाल विकास विभाग ने पोषण पखवाड़े के अंतर्गत पोषण मेला एवं कुपोषण दूर करने में आयुष के सिद्धांत एवं पद्धति का महत्व विषय पर संगोष्ठि का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की मुख्य अथिति उपखंड अधिकारी धौलपुर भारती भारद्वाज, विशिष्ट अथिति अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश कुमार जैन थे. संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में राजाबेटी आयुर्वेद चिकित्सालय धौलपुर के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिट्ठन लाल शर्मा उपस्थित रहे.
कार्यक्रम की मुख्य अथिति उपखण्डाधिकारी भारती भारद्वाज ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र पोषण की महत्वपूर्ण संस्था है अतः जरूरत है इस जिम्मेदारी को समझ कर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार का यथोचित पात्रा लाभांवितों को वितरण कराएं. घरों में स्थानीय उपलब्ध खानपान को शामिल करने को प्राथमिकता प्रदान की जाए. केन्द्रों पर पोषण वाटिकाओं विकसित कर सामग्री का सामुदायिक हित में उपयोग किया जाए.
ये भी पढ़ें: कोटा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सत्ता दल ने विपक्ष की राय ली: शांति धारीवाल
इसके साथ ही सीडीपीओ भूपेश गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पोषण पखवाड़े में विभाग की भूमिका पर प्रकाश डाला. इस मौके पर डॉ. मिठ्ठन लाल शर्मा ने उपस्थित महिला शक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य तंत्रा तीन दोषों वात, पित्त, कफ के सन्तुलन पर आधारित है। इनके सन्तुलन अव्यवस्थित होने पर रोग पैदा होते हैं. व्यक्ति को चाहिए कि स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं घर मे उपलब्ध सामग्री का खानपान में यथासम्भव उपयोग करें. मोटे अनाज को खानपान में शामिल किए जाए.एसीबीईओ श्री जैन ने विद्यालय और आंगनबाड़ी के सेवा प्रदायगी की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए पोषण वटिका की कुपोषण दूर करने में महत्ता पर चर्चा की.