धौलपुर. राजस्थान के रण में सियासी पारा परवान पर है. विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में चंद दिन शेष बचे हैं. कम समय होने की वजह से सियासत की बिसात पर शह-मात के खेल में सभी पार्टियों की सक्रियता बढ़ गई है. जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा, कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. वहीं, धौलपुर और बाड़ी विधानसभा सबसे हॉट सीट मानी जा रही है.
धौलपुर की चारों सीट पर चढ़ा सियासी पारा : धौलपुर में जीजा डॉ. शिवचरण कुशवाहा और साली शोभारानी कुशवाहा के बीच कांटे का मुकाबला है. इन दोनों के बीच बीएसपी प्रत्याशी रितेश शर्मा ने चुनाव को रोचक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. बाड़ी क्षेत्र में भी कांटे का मुकाबला तय माना जा रहा है. यहां भाजपा के गिर्राज सिंह मलिंगा और बसपा से उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी जसवंत सिंह गुर्जर मैदान में हैं. कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत सिंह परमार भी चुनाव में पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के रोहित बोहरा और भाजपा के नीरजा अशोक शर्मा के बीच सीधी टक्कर है. इसके अलावा आरक्षित सीट बसेड़ी में भी घमासान देखा जा रहा है. यहां भाजपा से सुखराम कोली और कांग्रेस से संजय जाटव चुनावी मैदान में हैं, लेकिन टिकट कटने से नाराज कांग्रेस के बागी खिलाड़ी लाल बैरवा ने यहां चुनावी समर को त्रिकोणीय बना दिया है.
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इस सीट पर भी कांटे की टक्कर : धौलपुर विधानसभा क्षेत्र सबसे हॉट माना जा रहा है. 2018 के चुनाव की भांति ही इस बार भी यहां मैदान में पुराने चेहरे ही हैं, लेकिन पार्टियां बदली गई हैं. शोभारानी कुशवाहा भाजपा छोड़कर कांग्रेस और उनके जीजा डॉ. शिवचरण कुशवाहा कांग्रेस छोड़कर भाजपा से चुनावी मैदान में हैं. दोनों जीजा-साली की अदावत का सियासी फायदा उठाने में बसपा के प्रत्याशी रितेश शर्मा भी एड़ी चोटी का दम लगाए हुए हैं. ऐसे में अबकी यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बने हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो हार-जीत का मार्जिन भी काफी कम हो सकता है. वहीं, क्षेत्र का मतदाता भी खामोशी है.
बाड़ी में भाजपा और बसपा में टक्कर : बाड़ी विधानसभा क्षेत्र भी मौजूदा वक्त में राजनीति का बड़ा अखाड़ा बन गया है. धौलपुर की तरह इस क्षेत्र में भी चेहरे वही हैं, लेकिन पार्टियां बदली गई हैं. गिर्राज सिंह मलिंगा भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे है तो बहुजन समाज पार्टी से जसवंत सिंह गुर्जर मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रशांत सिंह परमार भी चुनाव में जोर आजमाइश कर रहे हैं, लेकिन बाहरी प्रत्याशी होने की वजह से स्थानीय मतदाता के दिल पर कम असर छोड़ते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में यहां कांग्रेस और बसपा में सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा है.
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राजाखेड़ा में दांव पर लगी दो दिग्गज परिवारों की प्रतिष्ठा : राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में दो राजनीतिक दिग्गज परिवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा से पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा की पुत्रवधू नीरजा अशोक शर्मा और कांग्रेस से पूर्व मंत्री प्रद्युमन सिंह के पुत्र व वर्तमान विधायक रोहित बोहरा चुनावी समर में हैं. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी डॉ. धर्मपाल सिंह जादौन द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद यहां भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है. ऐसे में दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा की प्रत्याशी नीरजा अशोक शर्मा के साथ उनके पति अशोक शर्मा का निधन होने पर सिंपैथी की लहर देखी जा रही है. वहीं, रोहित बोहरा कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को ढाल बनाकर मतदाता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.
बसेड़ी में बागी बैरवा बिगाड़ सकते हैं खेल : बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र जिले की एक मात्र आरक्षित सीट है. इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला तय माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस ने यहां मौजूदा विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट कटकर उनकी जगह संजय जाटव को मैदान में उतारा है. वहीं, नाराज बैरवा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में यहां बैरवा खेल बिगाड़ सकते हैं. वहीं, भाजपा ने सुखराम कोली को फिर से मैदान में उतारा है.